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    UP के इस जिले में बैंक के लावारिस 3.07 करोड़ खातों में फंसे हैं 89.03 अरब रुपये, दावेदारों तक पहुंचाने के लिए शुरू हुई मुहिम

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 02:27 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर जिले में बैंकों के लावारिस खातों में 89.03 अरब रुपये फंसे हुए हैं, जिनकी कुल राशि 3.07 करोड़ है। इन खातों के दावेदारों त ...और पढ़ें

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। जनपद के अनक्लेम्ड बैंक खातों में फंसे अरबों रुपये को उनके वास्तविक दावेदारों तक पहुंचाने के उद्देश्य से शुक्रवार को आंबेडकर सभागार में आपकी पूंजी, आपका अधिकार विषयक संगोष्ठी हुई।

    कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सीडीओ बलराम सिंह ने बताया कि जिले के विभिन्न बैंकों में कुल तीन करोड़ सात लाख 48 हजार 779 खातों में लगभग 8903.64 करोड़ रुपये लावारिस राशि के रूप में जमा हैं। यह राशि अब भी संबंधित बैंकों में सुरक्षित है और खाताधारक या उत्तराधिकारी केवाइसी पूरा कर इसे वापस पा सकते हैं।

    सीडीओ ने कहा कि अनक्लेम्ड डिपाजिट से जुड़े मामलों में जागरूकता बेहद जरूरी है। कई लोग बैंक जमा, बीमा पालिसी, नेशनल सेविंग्स योजनाएं और म्यूचुअल फंड से जुड़े नियमों की जानकारी न होने के कारण अपनी ही पूंजी का दावा नहीं कर पाते। सरकार के उद्यम पोर्टल पर पंजीकरण कर नागरिक अपनी जमा राशि की स्थिति देख सकते हैं। उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इन खातों का वास्तविक हकदार उसकी पूंजी प्राप्त कर सके।

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    उन्होंने बताया कि आरबीआई आपकी पूंजी, आपका अधिकार योजना के तहत बिना दावे वाले खातों की प्रक्रिया को सरल बना रहा है। सभी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे गांव–गांव जागरूकता अभियान चलाएं और लोगों को उत्तराधिकार संबंधित कार्रवाई पूरी कराने में मदद करें।

    संगोष्ठी में भारतीय रिजर्व बैंक के सहायक महाप्रबंधक जेएस कालरा ने बेनामी व लावारिस खातों से संबंधित कानून और दिशानिर्देशों की जानकारी दी। लीड बैंक मैनेजर रवि कुमार सिन्हा, जिला प्रबंधक नाबार्ड हिमांशु त्रिपाठी, भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक राजदेव सिंह, उप्र ग्रामीण बैंक के बी नागराज और उपायुक्त उद्योग उदय प्रकाश समेत अन्य अधिकारियों ने भी विचार रखे।