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    सिद्धार्थनगर में गांधी जयंती पर लापरवाही उजागर, फटा तिरंगा और झंडारोहण न होने से प्रशासन सख्त

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 07:48 AM (IST)

    सिद्धार्थनगर के जोगिया ब्लॉक में गांधी जयंती पर दो प्राथमिक विद्यालयों में लापरवाही सामने आई। रीवा नानकार प्राथमिक विद्यालय में फटा हुआ तिरंगा फहराया गया जबकि पटखौली प्राथमिक विद्यालय में झंडारोहण ही नहीं हुआ। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है ताकि भविष्य में राष्ट्रीय पर्वों का सम्मान बना रहे।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर देशभर में जहां श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित हुए, वहीं जोगिया ब्लॉक के दो प्राथमिक विद्यालयों में राष्ट्रीय पर्व की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली घटनाएँ सामने आईं।

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    रीवा नानकार प्राथमिक विद्यालय में दो अक्टूबर को झंडारोहण तो किया गया, लेकिन फटा हुआ तिरंगा फहराकर औपचारिकता निभाई गई। राष्ट्रीय ध्वज की यह स्थिति देखकर ग्रामीणों के मन में पीड़ा और आक्रोश दोनों ही उभरा। ध्वज संहिता का उल्लंघन कर विद्यालय प्रशासन ने न केवल लापरवाही की, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान के साथ खिलवाड़ भी किया।

    वहीं, पटखौली प्राथमिक विद्यालय में स्थिति और भी चिंताजनक रही। यहां न तो झंडारोहण हुआ और न ही गांधी-शास्त्री जयंती पर कोई कार्यक्रम। यह दिन महापुरुषों की स्मृति और उनके विचारों को आत्मसात करने का अवसर होता है, लेकिन विद्यालय प्रशासन की अनदेखी ने बच्चों तक गलत संदेश पहुंचाया।

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    मामले की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि तिरंगे और राष्ट्रीय पर्व के सम्मान में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी शिक्षकों व विद्यालय प्रशासन पर कार्रवाई होगी। ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं।

    इन घटनाओं ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं। दिशा-निर्देश जारी होने के बावजूद यदि झंडारोहण जैसे मूल आयोजन उपेक्षित रहते हैं, तो यह निगरानी की कमजोरी का प्रमाण है।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्यालय यदि बच्चों को राष्ट्रीय पर्व और तिरंगे का सम्मान नहीं सिखाएंगे तो राष्ट्रभक्ति व जिम्मेदारी का संस्कार कहां से आएगा। ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषियों को कठोर दंड मिले और भविष्य में राष्ट्रीय पर्वों की गरिमा अक्षुण्ण बनी रहे।