Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Flood News: सिद्धार्थनगर में राप्ती नदी का प्रहार, टापू में तब्दील हुए कई गांव, पलायन को मजबूर हुए लोग

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Tue, 11 Oct 2022 06:22 PM (IST)

    Flood In Siddharthnagar सिद्धार्थनगर जिले में राप्ती नदी अपने रौद्र रुप में है। कई गांव टापू में परिवर्तित हो गए हैं। कितनों का तो आशियाना उजड़ रहा है ...और पढ़ें

    Flood News: बाढ के चलते पलायन को मजबूर हुए लोग। -जागरण

    सिद्धार्थनगर, जागरण संवाददाता। Siddharthnagar flood News: राप्ती नदी के जलस्तर में हो रही लगातार बढ़ोत्तरी से दर्जन भर गांव जहां टापू में तब्दील हो चुके हैं। बाढ़ प्रभावित गांव की लाइफलाइन शाहपुर-सिंगराजोत मार्ग पर आवागमन ठप है, वहीं बेतनार, पिकौरा और वीरपुर कोहल का संपर्क मुख्य मार्ग से कट गया है। उक्त गांव तक आने जाने का कोई रास्ता नहीं है। राहत और बचाव के नाम पर सिर्फ प्रशासन ने नाव उपलब्ध कराने का काम किया है। खेत में धान की डूब गई है जिसके चलते फसल के सड़ने का खतरा बढ़ता जा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन गांवों में हालत बदतर

    लगातार राप्ती के जलस्तर में वृद्धि के वजह से भनवापुर व डुमरियागंज क्षेत्र में बाढ़ से भयावह स्थिति उत्पन्न होती जा रही है। लगातार जलस्तर में बढ़त के कारण वीरपुर गजनीजोत, दलमीरडीह, बिथरिया, पिकौरा, बुढ़िया टायर, भरवठिया, भैंसहिया, महुआ खुर्द, बामदेई, कोहल, मधुकरपुर चौबे, पेड़रियाजीत, तेनुई, मलदा, बेतनार, बिलरिया में हालात बद से बदतर हो गए हैं। भवानीगंज प्रतिनिधि के अनुसार बीरपुर कोहल, एहतमाली और पिकौरा का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया है। एक दर्जन से अधिक गांव टापू में तब्दील होते दिखाई दे रहे हैं। सुमिरन, मोईनुद्दीन, दिलशाद, गोविंद ने बताया कि अभी तक प्रशासन ने राहत एवं बचाव की दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया।

    बाढ़ के पानी से भयभीत हैं लोग

    इधर, कस्बे में उफनाई राप्ती नदी का पानी खीरा मंडी तक भर गया है। नगर पंचायत ने लाखों की लागत से जल निकासी के लिए अधूरा नाला बनवाया जो उफनती नदी का पानी कस्बे में धकेल रहा है। डुमरियागंज के पूरब भी पांच गांव बाढ़ से घिरे हैं। सीरमझारी, कोहलडीह, जंगलडीह, बनगाई नानकार, सुकरौली की करीब 10 हजार आबादी लगातार बाढ़ के पानी बढ़ने से भयभीत हैं।

    स्विच यार्ड और कंट्रोल रूम डूबा

    राप्ती की लगातार बढ़ के कारण नेबुआ में स्थित पावर स्टेशन डूब गया और छह फीडरों की आपूर्ति ठप मंगलवार 11:49 बजे ठप हो गई तरहर, खानतारा, भारतभारी, तिलगड़िया, डुमरियागंज कस्बा व ग्रामीण की आपूर्ति बंद कर दी गई। अधिशासी अभियंता राममूरत ने कहा कि भानुपर से वैकल्पिक व्यवस्था आपूर्ति के लिए बनाई गई है। प्राप्त भार के अनुसार वितरण शेड्यूल तय कर के दिया जाएगा।

    घाटे में सब्जी किसान

    सब्जी की खेती करने वाले किसान अपना आशियाना बनाकर स्वजन के साथ दिन रात मेहनत करके सब्जी पैदा करते हैं। लेकिन उफनाई राप्ती की भयानक बाढ़ ने सब्जी की खेती के सहारे जीने वालों से मुंह का निवाला छीन लिया है। ऐसे किसान इन दिनों दूसरे गांव में शरण लिए हुए हैं। कछार में स्थित भड़रिया, गजनीजोत, बिथरीया, पिकौरा आदि गांवों के दर्जनों किसान परिवार के साथ राप्ती नदी के किनारे झोपड़ी डालकर सब्जी की खेती करके अपना व स्वजन का भरणपोषण करते थे। बाढ़ के कहर ने इस बार उनके सारे अरमानों पर पानी फेर दिया है। भरवठिया के मुकीम, इद्रीश, नरेंद्र, घनश्याम, पूरन आदि ने बताया जमीन जायदाद न होने के कारण नदी के किनारे खेती कर जीविका कमाते थे, सब छिन गया।

    प्रदेश प्रभारी ने बंधाया हौंसला

    तहसील क्षेत्र के विभिन्न ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी भरने की जानकारी मिलने के बाद हियुवा के प्रदेश प्रभारी राघवेंद्र प्रताप सिंह मंगलवार को भरवठिया मुस्तहकम पहुंचे। उन्होंने लोगों को जरूरी मदद देने के साथ ही बच्चों को बिस्किट वितरित किया। कहा कि सरकार आप के साथ है। जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई होगी। गरीबों की सेवा में वह और योगी सरकार तत्पर है। किसी प्रकार की समस्या हो तो हिंदू भवन के द्वार सभी के लिए 24 घंटे खुले हैं।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    डुमरियागंज के एसडीएम कुनाल ने बताया कि बाढ़ग्रस्त गांव में सुविधा के लिए छह मोटरबोट और 20 नाव का प्रबंध कर दिया गया है। निगरानी में तहसीलदार अरूण कुमार वर्मा, ईओ नगर पंचायत, नायब तहसीलदार और सभी लेखपालों की ड्यूटी लगाई गई। बलरामपुर जिले से भी हम संपर्क साधे हुए हैं। बाढ़ से समस्या तो है ही, लेकिन हम यह प्रयास कर रहे हैं कि प्रभावित लोगों की परेशानी कम हो।