SIR in UP: मतदाता सूची पुनरीक्षण में लापरवाही, सिद्धार्थनगर डीएम ने 542 बीएलओ को भेजा नोटिस
सिद्धार्थनगर जिले में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी ने सख्ती दिखाई है। 10% से कम काम करने वाले 542 बीएलओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। डीएम ने कहा कि मतदाता सूची जैसे महत्वपूर्ण कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और संतोषजनक जवाब न मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। जिले में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में कई बीएलओ की धीमी प्रगति ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। इसी के मद्देनजर जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन ने पूरे जिले में 10 प्रतिशत से कम कार्य करने वाले कुल 542 बीएलओ को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कड़ा स्पष्टीकरण मांगा है। डीएम ने स्पष्ट कहा है कि मतदाता सूची जैसे अत्यंत संवेदनशील एवं लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जुड़े कार्य में किसी भी तरह की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रशासन द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार सभी तहसीलों में विभिन्न विभागों से जुड़े बीएलओ की कार्य प्रगति उम्मीद से काफी कम पाई गई। तहसील नौगढ़ में 106 बीएलओ, जिनमें पंचायत सहायकों, रोजगार सेवकों, आशाओं और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की बड़ी संख्या शामिल है, 10 प्रतिशत से नीचे पाए गए।
तहसील शोहरतगढ़ में 98 बीएलओ, जिनमें 31 शिक्षक मित्र, 31 पंचायत सहायक और 32 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां शामिल हैं, निर्धारित प्रगति से काफी पीछे चल रही हैं। तहसील बुढ़नियागंज में 57 बीएलओ, जबकि तहसील बांसी में सर्वाधिक 161 बीएलओ लक्ष्य से काफी दूर पाए गए हैं।
बांसी क्षेत्र में रोजगार सेवकों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की लापरवाही विशेष रूप से चिन्हित की गई है। वहीं तहसील इटवा में 120 बीएलओ, जिनमें सहायक शिक्षक, शिक्षा मित्र और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां शामिल हैं ने भी बेहद धीमी प्रगति दिखाई। सभी तहसीलों के आंकड़ों को मिलाकर कुल 542 बीएलओ ऐसे पाए गए हैं, जिन्होंने अपेक्षित कार्य का मात्र 10 प्रतिशत या उससे भी कम हिस्सा पूरा किया है।
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जिलाधिकारी ने सभी को 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। डीएम शिवशरणप्पा ने कहा कि बीएलओ की लापरवाही सीधे-सीधे मतदाता सूची की शुद्धता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता को प्रभावित करती है। इसलिए अब प्रत्येक बीएलओ के कार्य की दैनिक निगरानी की जाएगी। विभागाध्यक्षों को भी निर्देशित किया गया है कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को सक्रिय करें और फील्ड में उनकी वास्तविक मौजूदगी सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने यह भी संकेत दिया है कि असंतोषजनक जवाब मिलने पर निलंबन सहित अन्य कड़ी कार्रवाई से भी परहेज़ नहीं किया जाएगा। प्रशासन का लक्ष्य है कि तय समय सीमा के भीतर जिले में शत-प्रतिशत कवरेज के साथ गुणवत्तापूर्ण पुनरीक्षण कार्य पूरा किया जाए।

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