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    यूपी के इस जिले में पराली जलाने पर 30 हजार जुर्माना, योजनाओं से भी होंगे वंचित

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 03:00 PM (IST)

    सिद्धार्थनगर के डीएम शिवशरणप्पा जीएन ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की है। पराली जलाने पर 30 हजार रुपये तक का जुर्माना और बार-बार उल्लंघन करने पर विभागीय योजनाओं से वंचित करने की चेतावनी दी गई है। पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है। किसानों को कृषि यंत्रों का उपयोग करने की सलाह दी गई है।

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    धान कटाई में कंबाइन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रा मैनेजमेंट उपकरण अनिवार्य

    जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। डीएम शिवशरणप्पा जीएन ने जनपद के किसानों से फसल अवशेष (पराली) न जलाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने वाले किसानों पर अधिकतम 30 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा और लगातार दो बार ऐसा करते पाए जाने पर उन्हें विभागीय योजनाओं से भी वंचित कर दिया जाएगा।

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    जिलाधिकारी ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है और मृदा में उपलब्ध कार्बन नष्ट हो जाता है। कार्बन की मात्रा घटने से फसलें उर्वरकों का पूरा लाभ नहीं ले पातीं। पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है और विभिन्न बीमारियों की आशंका भी बढ़ती है।

    उन्होंने सुझाव दिया कि किसान मल्चर, हाइड्रोलिक एमबी प्लाऊ, रोटरी स्लेशर, जीरो सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, सुपर सीडर जैसे कृषि यंत्रों का प्रयोग करें, जिससे फसल अवशेष खेत में ही सड़कर उत्तम कार्बनिक खाद में परिवर्तित हो सके।

    जिलाधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशों के अनुसार दो एकड़ से कम क्षेत्र में पराली जलाने पर पांच हजार रुपये, दो से पांच एकड़ पर दस हजार रुपये और पांच एकड़ से अधिक पर तीस हजार रुपये का अर्थदंड निर्धारित है। उन्होंने चेतावनी दी कि धान कटाई में इस्तेमाल हो रहे कंबाइन हार्वेस्टर पर सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट या स्ट्रा रीपर न मिलने पर भी कार्रवाई की जाएगी।