अब 15 नवंबर तक सील रहेगी नेपाल सीमा
नेपाल सरकार ने कोरोना संकट के चलते बार्डर सील रहने की अवधि 16 अक्टूबर से बढ़ाकर 15 नवंबर तक कर दिया है। इसकी पुष्टि विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली ने नेपाली मीडिया के समक्ष की है। 23 मार्च से ही लगातार भारत-नेपाल सीमा सील करने के निर्णय का खामियाजा सीमाई क्षेत्र के व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है।
सिद्धार्थनगर: नेपाल सरकार ने कोरोना संकट के चलते बार्डर सील रहने की अवधि 16 अक्टूबर से बढ़ाकर 15 नवंबर तक कर दिया है। इसकी पुष्टि विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली ने नेपाली मीडिया के समक्ष की है। 23 मार्च से ही लगातार भारत-नेपाल सीमा सील करने के निर्णय का खामियाजा सीमाई क्षेत्र के व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है। सीमा सील होने से बार्डर एरिया के दुकानदार कारोबार ठप होने से मानसिक तनाव में हैं।
नेपाल सरकार के इस निर्णय से दोनों तरफ के सीमावर्ती बाजारों की रौनक खत्म सी हो गई है। सीमा न खुलने के कारण दोनों तरफ के व्यापारियों में रोष है। जिला रुपनदेही के ककरहवा बार्डर से सटे ओड़वालिया, खुनगाई, पड़रिया, महिलवार बाजारों में मायूसी छाई हुई है। साढ़े छह महीने से नेपाल सरकार द्वारा बार्डर बंद होने व समय-समय पर लाकडाउन की घोषणा होने के कारण दुकान नियमित रूप से नहीं खुल पाई हैं। इससे सीमावर्ती व्यापारियों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। छह महीने से उन्हें दुकान का किराया, टैक्स, बिजली का बिल आदि देना पड़ रहा है। जबकि आमदनी शून्य है। दोनों देशों के नागरिकों की दैनिक जरूरतें एक दूसरे के बाजार क्षेत्र से पूरी होती थी जो कि पिछले छह महीने से पूरी तरह बंद है। नेपाल में व्यापार करने वाले विनय गुप्ता ने बताया कि बार्डर बंद होने से सीमावर्ती नागरिकों का जीवन कठिन हो गया है। कपड़े का दुकान चलाने वाले बृजभूषण जायसवाल कहते है कि त्योहारों से संबंधित कपड़ों व सामान की खरीदारी करने सीमा के दोनों तरफ के ग्राहक यहां आते थे और रोजाना हजारों की बिक्री होती थी। अब लोग नहीं आ पा रहे हैं। इससे लाखों का सामान फंस गया है।