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    UP News: यूपी के इस जिले में 230 बीघा भूमि घोषित होगी शत्रु संपत्ति, पाकिस्तान से जुड़ा है कनेक्शन

    Updated: Thu, 23 Jan 2025 12:54 PM (IST)

    सिद्धार्थनगर के लमुईया गांव में 230 बीघा भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित किया जाएगा। यह भूमि चार व्यक्तियों के नाम से दर्ज है जो भारत विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए थे। जिला प्रशासन ने भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लोगों की आपत्तियां मांगी जाएंगी और उसके बाद गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर इस भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया जाएगा।

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    लमुईया की भूमि शत्रु संपत्ति घोषित होगी। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। इटवा तहसील के ग्राम लमुईया में 230 बीघा भूमि शत्रु संपत्ति घोषित की जाएगी। यह भूमि चार व्यक्तियों के नाम से दर्ज है। भू-स्वामी भारत-विभाजन के समय ही पाकिस्तान चले गये थे। इसके लिए जिला प्रशासन ने कोशिश शुरू कर दी है।

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    तहसील प्रशासन ने भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित करने के लिए अपनी आख्या भेज दी है। जिला प्रशासन इसे लेकर जल्द ही लोगों की आपत्तियां मांगेगा। उसके बाद गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर इस भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया जाएगा।

    भारत विभाजन के समय यहां से पाकिस्तान जाकर बसने वालों की जिला प्रशासन संपत्ति तलाश रहा है। इस क्रम में अब तक करीब 100 बीघा भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित किया जा चुका है। इटवा तहसील प्रशासन ने बुधवार को लमुईया गांव में चार व्यक्तियों की भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित करने के लिए अपनी आख्या जिलाधिकारी को भेज दी है।

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    आख्या के माध्यम से तहसील प्रशासन ने बताया है कि गांव में करीब 230 बीघा भूमि आमिना बेगम पत्नी मो. उमर, मु. मयमुना पत्नी उसमान, मनौवर जहां पत्नी अब्दुल रहमान व शफीक जहां पुत्री अब्दुल रहमान के नाम से अंकित है। इस भूमि को गांव के ही मो.रफीक ने कूटरचना करके अपने व गांव के अन्य लोगों के नाम से करवा ली थी।

    तहसील प्रशासन गांव में सर्वे करने गई तो पता चला कि भारत विभाजन के समय ही आमिना, मयमुना, मनौवर जहां, शफीकजहां अपने स्वजन के साथ पाकिस्तान चली गई थीं। यह वहीं पर बस भी गई थीं। गांव वालों इसे लेकर अपना महज्जरनामा भी पांच अप्रैल 1997 व 17 अप्रैल 1997 को दिया था। इसे लेकर सरकार बनाम मो.रफीक के नाम से वाद भी दाखिल है।

    इस वाद में गांव भीखी, अहमद, पांचू व भगौती ने अपना बयान भी दिया है कि भू-स्वामी भारत विभाजन के समय ही परिवार समेत पाकिस्तान चले गये थे। उनके बयानों का अभी तक किसी ने खंडन नहीं किया है।

    तहसील प्रशासन ने इसे मौन सहमति माना है और उसी आधार पर चारो खातेदारों की भूमि शत्रु संपत्ति घोषित करने के लिए जिलाधिकारी को अपनी आख्या भेज दी है। तहसील प्रशासन ने यह भी कहा है कि सभी खातेदार आपस में भाभी, भतीजी हैं।

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    बलरामपुर से भी मांगा जाएगा संपत्तियों का विवरण

    लमुईया सिद्धार्थनगर व बलरामपुर जिले की सीमा पर स्थित है। मयमुना के पति उसमान की कुछ संपत्ति बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील क्षेत्र में भी थी। ऐसे में तहसील प्रशासन ने बलरामपुर से भी उसकी संपत्तियों का विवरण मांगा है।

    जिलाधिकारी डॉ.राजा गणपति आर ने बताया कि आमिना बेगम, मयमुना, मनौवर जहां व शफीक जहां नाम से लमुईया में मौजूद भूमि शत्रु संपत्ति घोषित किये जाने योग्य है। इस पर लोगों की आपत्तियां ली जाएंगी। उसके बाद शत्रु संपत्ति घोषित करने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा जाएगा।