Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कड़ाके की ठंड में अपने बच्चे का रखें खास ध्यान, निमोनिया से हो सकता है हाल-बेहाल

    Updated: Thu, 04 Jan 2024 03:44 PM (IST)

    Pneumonia सर्दी के मौसम में निमोनिया (न्यूमोनिया) व अन्य सर्दीजनित बीमारियां पांव पसारने लगती हैं। पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए खतरा अधिक होता है। इस मौसम में बच्चों की सेहत को लेकर सजग रहने की जरूरत है। ऐसे में अपने बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाएं। तेज सांस लेना कफ की आवाज आना भी निमोनिया का संकेत हो सकते हैं।

    Hero Image
    कड़ाके की ठंड में अपने बच्चे का रखें खास ध्यान

    जागरण संवाददाता, श्रावस्ती। सर्दी के मौसम में निमोनिया (न्यूमोनिया) व अन्य सर्दीजनित बीमारियां पांव पसारने लगती हैं। यह एक गंभीर बीमारी है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए खतरा अधिक होता है। इस मौसम में बच्चों की सेहत को लेकर सजग रहने की जरूरत है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीएमओ डा. एपी सिंह बताते हैं कि निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है, जो बैक्टीरिया, वायरस व फंगस के कारण होता है। इससे फेफड़ों की वायु कोष्ठिका में सूजन हो जाती है या उसमें तरल पदार्थ भर जाता है। निमोनिया के लक्षण सर्दी-जुकाम के लक्षणों से बहुत हद तक मिलते हैं। इसलिए जब भी ऐसा लगे तो पहले इसके लक्षणों को पहचाना बहुत जरूरी है।

    तुरंत डॉक्टर को दिखाएं

    नवजात शिशु देखने में बीमार लगे, दूध न पिये, सांस लेने में दिक्कत हो, सुस्त हो, रोये या बुखार हो तो उन्हें निमोनिया हो सकता है। इसके लिए तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। निमोनिया से बचाव के लिए छोटे बच्चों को संक्रमित व्यक्ति से दूर रखें। बच्चे को मां का पहला गाढ़ा दूध जिसे कोलेस्ट्रम कहते हैं, अवश्य पिलाएं तथा बच्चे को छह माह तक केवल स्तनपान कराएं।

    बच्चों पर ज्यादा होता है निमोनिया का असर

    संक्रमित व्यक्ति खांसता व छींकता है, तो वायरस व बैक्टीरिया सांस से फेफड़ों तक पहुंच कर सामने बैठे व्यक्ति को संक्रमित कर देते हैं। निमोनिया का प्रभाव बच्चों पर ज्यादा होता है। खासतौर पर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया होने पर उन्हें सांस लेने में और दूध पीने में दिक्कत होती है।

    यह है निमोनिया का प्रमुख लक्षण

    तेज सांस लेना, कफ की आवाज आना भी निमोनिया का संकेत हो सकते हैं। सामान्य से अधिक तेज सांस या सांस लेने में परेशानी, सांस लेते या खांसते समय छाती में दर्द, खांसी के साथ पीले, हरे या जंक के रंग का बलगम, बुखार, कंपकंपी या ठंड लगना, पसीना आना, होंठ या नाखून नीले होना, उल्टी होना, पेट या सीने के निचले हिस्से में दर्द होना, कंपकंपी, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द भी निमोनिया के लक्षण हैं।

    यह भी पढ़ें: 

    Anxiety Attacks: गंभीर रूप ले सकता है एंग्जायटी अटैक, इन 5 आसान तरीकों से पाएं इससे जल्द आराम