श्रावस्ती में खतरे के निशान से 80 सेमी ऊपर पहुंच गई राप्ती नदी, मल्हीपुर-भिनगा मार्ग पर आवागमन ठप
श्रावस्ती जिले में भारी बारिश के चलते राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। मल्हीपुर-भिनगा मार्ग पर पानी का तेज बहाव होने से यातायात ठप हो गया है। जलस्तर में वृद्धि से तटवर्ती गांवों के लोग परेशान हैं हालांकि दोपहर बाद जलस्तर में कुछ कमी आई जिससे लोगों ने राहत की सांस ली।

जागरण टीम, श्रावस्ती। गुरुवार की रात तराई में झमाझम बारिश हुई। इससे किसानों के चेहरे पर मुस्कान तैर गई। नेपाल के पहाड़ों पर हुई बारिश का पानी आने से राप्ती नदी खतरे के निशान से 80 सेमी ऊपर पहुंच गई। बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए मल्हीपुर-भिनगा मार्ग पर पानी का बहाव तेज होने से आवागमन ठप हो गया। अचानक बढ़े जलस्तर से तटवर्ती गांवों के लोग सहम गए। दोपहर बाद नदी के जलस्तर में गिरावट आई। तब जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। जिले में 30 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
तेज बारिश के बाद देर रात चौधरी चरण सिंह राप्ती बैराज लक्ष्मनपुर कोठी जमुनहा पर नदी का जलस्तर बढ़ने लगा। रात 12 बजे जलस्तर 127.50 सेमी था। रात एक बजे जलस्तर खतरे के निशान 127.70 से 15 सेमी ऊपर बढ़कर 127.85 पर पहुंच गया। शुक्रवार की सुबह आठ बजे नदी 128.50 सेमी पर बहने लगी, जो खतरे के निशान से 80 सेमी ऊपर था। जलस्तर बढ़ने के बाद पानी नदी के बाहर आ गया, जो धीरे-धीरे बाढ़ की स्थिति में बदलने लगा।
मल्हीपुर-भिनगा मार्ग पर बंदरहा बाबा कुटी के पास पिछले बाढ़ में कटी सड़क पर पानी तेजी से चलने लगा। इससे आवागमन बाधित हो गया। लोग नाव के सहारे सड़क के एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंचते नजर आए। पानी के तेज बहाव से क्षतिग्रस्त मार्ग पर ट्रैक्टर-ट्राली फंस गई। काफी मशक्कत के बाद लोगों ने उसे बाहर निकाला। नदी का जलस्तर देख तटवर्ती गांवों के लोग सतर्क होकर सुरक्षित जगह की तलाश करने लगे, लेकिन अचानक जलस्तर घटने लगा। दोपहर 12 बजे 128.35 रिकॉर्ड किया गया। शाम चार बजे जलस्तर घटकर 128.20 सेमी पहुंच गया। इसके बाद लोगों ने राहत महसूस की।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।