मजार पर चादर व सिन्नी चढ़ा मांगी दुआ
दिकौली दरगाह स्थित बड़े पुरुष के आस्ताने पर जायरीन की उमड़ी भीड़

श्रावस्ती : दिकौली दरगाह स्थित बड़े पुरुष (बुढ़वा बाबा) के आस्ताने पर जायरीन की भारी भीड़ उमड़ने लगी है। बहराइच दरगाह शरीफ में लगने वाले मेले के तीन दिन पूर्व से यहां मेला शुरू हो जाता है। भारत के कोने-कोने व पड़ोसी देश नेपाल के हिदू-मुस्लिम जायरीन यहां आकर एक साथ दुआएं व मन्नतें मांगते हैं और आपसी सौहार्द की मिसाल पेश करते हैं। गुरुवार को बड़ी संख्या में यहां जायरीन पहुंचे। मजार पर चादर च सिन्नी चढ़ाकर दुआ मांगी।
श्रावस्ती में एक ओर भगवान बुद्ध की तपोस्थली है, तो दूसरी ओर बड़े पुरुष के नाम से चर्चित हजरत अमीर नसरुलाह गाजी रहमत उल्ला अलैह की मजार है। यह मजार गिलौला ब्लाक के दिकौली गांव में स्थित बड़े पुरुष जो (बुढ़वा बाबा) के नाम से जाना जाता है। जेठ के पहले रविवार को बहराइच के सैयद सलार मसूद गाजी की दरगाह पर जियारत करने के पूर्व इस मजार पर मत्था टेकना जायरीन नहीं भूलते हैं। यहां गोंडा, बिहार, सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोरखपुर, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद व नेपाल समेत देश के कोने-कोने से जायरीन ढोल-मजीरा के साथ संगीत करते हुए आते हैं और चादर व सिन्नी चढ़ाकर मन्नतें मांगते हैं। यहां आने के लिए बहराइच-भिनगा मार्ग पर दिकौली मोड़ से दो किलोमीटर मजार तक जाना पड़ता है।
सुविधाओं का पूरा इंतजाम
जायरीन के ठहरने के लिए दो रैन बसेरा है। यहां निश्शुल्क विश्राम किया जा सकता है। मजार के दक्षिण ओर एक बहुत बड़ी बाग है। इस बाग में भी हजारों जायरीन पंडाल लगा रखे हैं। इसके अलावा प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था, चिकित्सा व पेयजल के साथ वाहनों के लिए पाíकंग की भी व्यवस्था की गई है।
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