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    शामली में कब बनेगा स्टेडियम? बजट मिला तो भूमि नहीं, अब जमीन मिली तो यहां फंस गया पेच

    Updated: Tue, 18 Mar 2025 05:08 PM (IST)

    शामली के खिलाड़ियों को स्टेडियम की आस 13 साल से बनी हुई है। तीन साल पहले भैंसवाल गांव में 4.51 हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर स्टेडियम का बजट स्वीकृत हुआ था ...और पढ़ें

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    शामली में कब बनेगा स्टेडियम? - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    आकाश शर्मा, शामली। 13 साल पहले शामली जिला बना था, तभी से यहां के खिलाड़ियों को स्टेडियम की आस है। 10 साल पहले तक तो ना जनप्रतिनिधियों ने इस ओर ध्यान दिया और ना ही अधिकारियों ने। हालांकि तीन साल पहले इसकी शुरूआत हुई थी। स्टेडियम के लिए भूमि चिन्हित हो गई थी, और बजट भी स्वीकृत हो गया था।

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    तब खिलाड़ियों को आस जगी थी कि अब जिले में रहते हुए ही अभ्यास कर सकेंगे, और मेडल जीतकर नाम रोशन कर सकेंगे। इसी क्रम में बजट की पहली किस्त के तौर पर दो करोड़ रुपये कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल को भेज दिए गए थे, लेकिन खेल विभाग के नाम भूमि नहीं हो पाने के कारण रुपये वापस हो गए थे। अब खेल विभाग के पास भूमि है, तो बजट का इंतजार हो रहा है।

    अभ्यास करने काफी दूर जाते हैं शामली के खिलाड़ी

    28 सितंबर 2011 को शामली जिला बना था। तब से लेकर आज तक यहां के खिलाड़ी जिले में स्टेडियम नहीं होने के कारण अभ्यास के लिए मुजफ्फरनगर, मेरठ, दिल्ली, देहरादून और हरियाणा जाते हैं। लगातार खिलाड़ी स्टेडियम की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनको मायूसी ही हाथ लग रही है।

    हालांकि तीन साल पहले भैंसवाल गांव में 4.51 हेक्टेयर भूमि खेल स्टेडियम के लिए चिन्हित की गई थी। शासन की ओर से यूपीपीसीएल को कार्यदायी संस्था नियुक्त किया गया था। संस्था ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू खेल स्टेडियम की तर्ज पर भैंसवाल खेल स्टेडियम का डिजाइन तैयार कराया।

    शामली क्षेत्र के गांव भैंसवाल में खेल मैदान की जमीन। जागरण

    शासन से स्टेडियम की प्रशासकीय वित्तीय समिति, योजना विभाग और तकनीकी स्वीकृति मिल गई थी। निर्माण एजेंसी की ओर से स्टेडियम का टेंडर भी छोड़ दिया था। शासन से दो साल पहले दो करोड़ रुपये अवमुक्त हो गए थे। भूमि राजस्व विभाग से क्षेत्रीय खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं होने से निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया।

    इसके बाद खेल विभाग ने दो करोड़ रुपये की धनराशि वापस मांग ली थी। अब नया प्रोजेक्ट बनाकर धनराशि अवमुक्त कराने की मांग खेल निदेशालय से की जाएगी। उप क्रीड़ा अधिकारी अश्वनी त्यागी ने बताया कि पहले दो करोड़ रुपये अवमुक्त हो गए थे, लेकिन खेल विभाग के नाम भूमि नहीं थी।

    अब भूमि मिल गई है, लेकिन बजट लैप्स हो गया है। खेल स्टेडियम के निर्माण के लिए बजट का इंतजार किया जा रहा है। इस बार बजट मिलते ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा। बताया कि साल 2022 में स्टेडियम का निर्माण 46 करोड़ रुपये में होना था, लेकिन अब 50 करोड़ से अधिक खर्च आएगा। इसके लिए नए प्रोजेक्ट के हिसाब से मांग की जाएगी।

    प्रतिभाओं की नहीं कमी, सुविधाओं की जरूरत

    जिले में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं रही। देश-विदेश में शामली के खिलाड़ियों ने धमाल मचाया है। दुनिया के पटल पर यहां के खिलाड़ियों ने शामली का नाम रोशन किया है, लेकिन खेल के संसाधन व सुविधाएं न होने के कारण इन खेल प्रतिभाओं को बाहरी जनपदों की ओर रुख करना पड़ा।

    क्रिकेट में लपराना निवासी प्रवीण कुमार ने जिले का नाम बुलंद किया तो इंटरनेशनल शूटर अनवर सुल्तान को शूटिंग में अर्जुन अवार्ड मिला हुआ है। कांधला के गांव डांगरोल निवासी अनिल चौधरी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर हैं, जबकि कई खिलाड़ी एथलेटिक्स में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं।

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