Shamli News : पेड़ पर चढ़ रहा था तेंदुआ, विद्युत लाइन की चपेट में आने से मौत
Shamli News कांधला में एलम-कनियान के जंगल में एक मादा तेंदुए का शव पीपल के पेड़ पर लटका मिला। किसान ने इसे देख अन्य ग्रामीणों को सूचित किया। पेड़ पर चढ़ते समय विद्युत लाइन की चपेट में आने से तेंदुए की मौत हो गई। पुलिस और वन विभाग को सूचित किया गया है।
जागरण संवाददाता, शामली: एलम-कनियान के जंगल में पीपल के पेड़ पर मादा तेंदुए का शव मिलने से ग्रामीणों की भीड़ मौके पर जमा हो गई। सूचना पर स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई।
कांधला थाना क्षेत्र के एलम-कनियान के जंगल में अक्सर तेंदुए देखें जाने की सूचना मिलती रही है। हालांकि तेंदुए के हमले से कोई जनहानि नहीं हुई। शनिवार सुबह एलम-कनियान मार्ग पर पीपल के पेड़ पर मादा तेंदुए का शव मिलने से लोगों में हलचल मच गई। सबसे पहले एलम निवासी किसान मोंटी ने तेंदुए का शव देखा। उसने फोन कर मामले की जानकारी अन्य लोगों को दी।
संभावना जताई जा रही है कि तेंदुआ पीपल के पेड़ पर चढ़ रहा था। इस दौरान विद्युत लाइन की चपेट में आने के कारण उसकी मौत हो गई। तेंदुए को देखने के लिए मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पर एलम पुलिस चौकी इंचार्ज शैलेन्द्र कुमार मौके पर पहुंच गए।
उन्होंने मामले की जानकारी वन विभाग को दी। पिछले साल भी कनियान के जंगल में पेड़ पर तेंदुए का शव फंसा हुआ मिला था, जबकि एक तेंदुए गांव सुन्ना के जंगल में काटे में फंस गया था। सूचना पर वन विभाग की टीम उसे पकड़कर ले गई थी। किसान मोंटी ने बताया कि तीन दिन पहले उसने जंगल में एक साथ तीन तेंदुए देखें थे। किसान के अनुसार अभी दो तेंदुए जंगल में घूम रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में अब दहशत बढ़ गई है।
बिजली समस्या को लेकर ऊर्जा निगम के खिलाफ महापंचायत नौ को
संवाद सूत्र, ऊन : करीब तीन महीने पहले ऊन में ऊर्जा निगम के अधिकारी चेकिंग अभियान चला रहे थे। इसी दौरान कुछ लोगों द्वारा उनका विरोध किया गया था। कहासुनी इतनी बढ़ गई थी कि विभाग के अधिकारियों के साथ मारपीट की गई थी, जिसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया था। कार्रवाई करते हुए विभाग की तरफ से एक वर्तमान सभासद समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके विरोध में स्थानीय लोग ऊन तहसील पर धरने पर बैठे हैं। शुक्रवार को धरने पर बैठे लोगों द्वारा घोषणा की गई कि अगर आठ जुलाई तक इस पर प्रशासन कोई एक्शन नहीं लेता तो नौ जुलाई को तहसील प्रांगण में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ऊन समेत क्षेत्र के करीब 30 गांवों के लोग मौजूद रहेंगे।
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