यूपी के इस जिले में अब क्यूआर कोड से रुकेंगी चोरियां, स्कैन करते ही मिलेंगे बीट सिपाही से लेकर अधिकारी तक के नंबर
उत्तर प्रदेश के शामली जिले में चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस ने एक नई पहल की है। अब क्यूआर कोड स्कैन करते ही बीट सिपाही से लेकर अधिकारी तक के न ...और पढ़ें
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कैराना क्षेत्र में नलकूप पर लगाए गए क्यूआर कोड के पास मौजूद सिपाही।
जागरण संवाददाता, शामली। जिले में नलकूपों पर चोरी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर शामली पुलिस ने कवायद शुरू की है। इसके लिए नलकूपों पर क्यूआर स्कैन कोड लगाए हैं। इनके जरिए बीट सिपाही से लेकर अधिकारी तक के नंबर शो होंगे।
इसमें बीट सिपाही रोजाना जाएगा और स्कैन करेगा, जिससे सिपाही की हाजिरी भी लग जाएगी कि वह निरीक्षण के लिए नलकूप पर पहुंचा था, या नहीं। इससे घटनाओं पर अंकुश लग सकेगा। पहले चरण में दो हजार नलकूपों, प्रमुख सर्राफा व्यापारियों की दुकानों पर स्कैन क्यूआर कोड लगाए गए हैं।
पिछले तीन सालों से जिले में नलकूपों पर लगातार चोरी की घटनाएं हो रही थी। शामली कोतवाली, आदर्श मंडी, कांधला और कैराना में कई बार चोर पकड़े गए, लेकिन घटनाओं पर अंकुश नहीं लग सका।
बीट सिपाही से लेकर हल्का दारोगा की जिम्मेदारी भी तय की गई, लेकिन घटनाएं लगातार होती रहीं। अब नलकूपों पर होने वाली चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने नई पहल के तहत क्यूआर स्कैन सिस्टम जिले में लागू किया है।
एसपी ने बताया कि सभी थाना क्षेत्रों में आईटी एक्सपर्ट की मदद से नलकूपों, सर्राफा व्यापारियों की दुकानों पर क्यूआर कोड लगवाए गए हैं। इसके लिए बीट सिपाही की जिम्मेदारी तय की गई है। रोजाना बीट सिपाही रात में जाकर स्कैन करेगा, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि नलकूप पर किसी भी तरह की कोई घटना नहीं हुई है।
इससे न केवल चोरी की घटनाएं रुकेंगी, बल्कि रोजाना नलकूपों तक पुलिस जाने के कारण किसान भी पूरी तरह से खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे। एक सप्ताह पहले इसकी शुरूआत की गई है। अभी तक जिले के आठ थाना क्षेत्रों पर दो हजार से अधिक नलकूपों पर स्कैन कोड लगवा दिए गए हैं।
प्रत्येक नलकूप के लिए बीट सिपाही से लेकर हल्का दारोगा की जिम्मेदारी भी तय की गई, जिससे रोजाना नलकूपों पर क्यूआर कोड स्कैन किया जा सके।
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प्रमुख सर्राफा दुकानों, बैंक आदि के पास भी लगाए गए क्यूआर कोड
जिले में नलकूपों की चोरी की घटनाओं के अलावा सर्राफ और बड़ी दुकानों पर भी क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जिससे पुलिस उनकी भी सुरक्षा कर सके।
रोजाना रात में बीट सिपाही अपने-अपने क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं और थाने में इसकी सूचना भी नोट कराते हैं। संबंधित थाना क्षेत्र में रोजाना कितने नलकूपों को स्कैन किया गया, किस सिपाही ने कितने स्कैन किए इसकी पूरी जानकारी भी थाना प्रभारी के पास रहती है।
नलकूपों पर चोरी की घटनाओं की रोकथाम के लिए स्कैन कोड लगाए गए हैं। रोजाना क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए बीट सिपाही की जिम्मेदारी तय की गई है। नलकूपों पर चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए रोजाना थाना प्रभारी भी इसकी निगरानी कर रहे है।
एनपी सिंह, पुलिस अधीक्षक

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