सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को 20-20 साल की सजा, 16 वर्षीय पीड़िता ने दिया था बच्चे को जन्म
शाहजहांपुर में एक सामूहिक दुष्कर्म मामले में दो आरोपियों को 20-20 साल की सजा सुनाई गई है। सात साल पहले हुई इस घटना में 16 वर्षीय पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया गया जिसके परिणामस्वरूप वह गर्भवती हो गई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया। अदालत ने पॉक्सो एक्ट के तहत दोषियों को सजा सुनाई और जुर्माना भी लगाया।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। सामूहिक दुष्कर्म के मुकदमे में अपर जिला जज पाक्सो एक्ट सुदीप कुमार जायसवाल ने दो दोषियों को बीस-बीस वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। उन्होंने दोनों पर 60-60 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। सात वर्ष पूर्व हुई घटना की पीड़िता दुष्कर्म के कारण गर्भवती हो गई थी, उसने बच्चे को जन्म भी दिया था।
सात वर्ष पूर्व की घटना, पीड़िता ने दिया था बच्चे को जन्म
जलालाबाद के एक गांव निवासी व्यक्ति ने बताया कि वर्ष 2018 में उनकी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी शाम छह बजे खेत पर शाैच के लिए गई थी। वहां गन्ने के खेत में रामू व नरवीर ने बेटी को पकड़ लिया। उसके साथ दुष्कर्म किया। तमंचा दिखाते हुए धमकाया कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देंगे।
पेट दर्द होने पर बेटी को दिखाने गए तब लगा पता
जिस कारण बेटी ने घर पर किसी को इस बारे में जानकारी नहीं दी। कुछ समय बाद उसे गर्भ ठहर गया, लेकिन वह चुप रही। पेट में दर्द होने पर जब वह बेटी को डाक्टर के पास लेकर गए तो उसके गर्भवती होने की जानकारी मिली। जिसके बाद बेटी ने पूरी घटना बतायी।
अस्पताल में बेटी ने बच्चे को जन्म दिया
गर्भस्थ शिशु के अधिक महीने के अधिक होने के कारण गर्भपात संभव नहीं था। ऐसे में 10 जून 2019 को एक अस्पताल में बेटी ने बच्चे को जन्म दिया। इसके 11 दिन बाद 21 जून को उन्होंने पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कराई। विवेचना के बाद आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया गया।
जहां शासकीय अधिवक्त दिलीप सिंह चौहान के तर्क, गवाहों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर अपर जिला जज ने रामू व नरवीर को दोष सिद्ध होने पर सामूहिक दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत सजा सुनाई।
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