69 लैपटॉप और 50 सिम कार्ड का खुलेगा राज: शाहजहांपुर पुलिस खंगाल रही है साइबर ठगों की 'डिजिटल कुंडली'
शाहजहांपुर पुलिस ने शेयर बाजार में 3 गुना मुनाफे का लालच देकर करोड़ों की ठगी करने वाले 'टिंकल गैंग' का भंडाफोड़ किया है। एमबीए पास मास्टरमाइंड समेत 6 ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। शेयर बाजार में तीन गुणा अधिक लाभ का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू हो गई है। इनमे सरगना टिंकल का भाई भी शामिल है। एसओजी समेत पुलिस की दो टीमें इनके बारे में जानकारी जुटा रही हैं। वहीं सर्विलांस टीम ने बरामद किए गए मोबाइल व सिम नंबरों के आधार पर उन नंबरों को जुटाना शुरू किया है जो दूसरे राज्यों के हैं। ताकि ठगी का शिकार हुए लोगों से आनलाइन तहरीर लेकर उसे विवेचना में शामिल किया जा सके।
जिन खातों में धनराशि को ट्रांसफर किया गया उनसे संबंधित बैंकों से भी लेन देन का विवरण मांगा गया है। शुक्रवार को पुलिस ने एमबीए पास साइबर ठग टिंकल गुप्ता व उसके गिरोह के सदस्य दीपांशु, प्रांजल सक्सेना उर्फ पुलकित उसके भाई निहाल सक्सेना, सिद्धांत मिश्रा व रोहित राठौर को गिरफ्तार किया था।
जलालाबाद निवासी इन आरोपितों ने कर्नाटक, राजस्थान, गुजरात, बिहार, महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों के लोगों को शेयर बाजार में तीन गुणा अधिक लाभ का झांसा देकर अपने जांच में फांसा और रुपये खातों में ट्रांसफर करा लिए। यह पूरा फर्जीवाड़ा रोडवेज बस अड्डे के पास दुकान के पास फर्जी काल सेंटर की आड़ में हो रहा था।
जेल भेजे जाने से पहले पूछताछ में आरोपितों ने अपने साथ इस पूरे खेल में शामिल कुछ और लोगों के नाम भी बताए थे।जिसके आधार पर उन लोगों की तलाश में एसओजी व जलालाबाद पुलिस टीम जुटी हुई है। मौके से 69 लैपटाप, 50 सिमकार्ड, 13 बैंक खातों का ब्योरा, मोबाइल फाेन, वाइफाइ सिस्टम आदि बरामद हुए थे। साइबर सेल की मदद से इनका डाटा खंगाला जा रहा है।
उन सभी नंबरों को ट्रेस किया जाएगा जिन पर इन दो या इससे अधिक बार काल हुई है। इसी तरह यहां से दूसरे राज्यों में जिन नंबरों पर बात हुई है उनकी सूची भी तैयार की जा रही है। इसके बाद इन सभी नंबरों पर पुलिस टीमें काल करके संबंधितों से संपर्क करेंगी। जिनके साथ ठगी हुई है। उनसे आनलाइन तहरीर मंगवाई जाएगी। जिसे विवेचना में शामिल किया जाएगा।
बैंकों से लिया जा रहा ब्योरा
आरोपित टिंकल के भाई का नाम भी सामने आया है। वह पुलिस की कार्रवाई के बाद से फरार है। उसने कार्यालय में रखे मुख्य कम्प्यूटर सिस्टम को पासवर्ड डालकर लाक कर दिया था। इसमें रुपयों के लेन देन का विवरण है। इस संबंध में उन बैंकों से भी जानकारी ली जा रही है, जिनमें आरोपितों ने खाते खुलवाए थे।
इस तरह होती थी ठगी
आरोपित विभिन्न वेबसाइट से मोबाइल नंबरों की सूची लेते थे। उसके बाद उन नंबरों पर काल कराकर शेयर बाजार में निवेश के लिए लोगों को राजी करते थे। जब वे लोग सहमति देते तो ग्लोबल ट्रेड कंपनी के नाम से एप लोड कराकर उस पर निवेश की गई रकम के आधार पर वालेट में मुनाफा दिखाने लगते थे। जब निवेशकर्ता रकम निकालने का प्रयास करता तो नंबर बंद कर लेते थे। खाते में भेजी गई रकम दूसरे खातों में ट्रांसफर करके निकाल लेते थे।
दूसरे राज्यों की पुलिस से ले सकते मदद
इस फर्जीवाड़े में कितने और लोग शामिल हैं। किसकी क्या भूमिका थी, इन सब बिंदुओं पर जांच हो रही है। इसके लिए जरूरत पड़ने पर संबंधित राज्यों की पुलिस की मदद भी ली जा सकती है।
शेयर बाजार में निवेश के नाम पर हो रही साइबर ठगी में जांच तेज कर दी है। उन लोगों का विवरण जुटाया जा रहा है, जो गिरोह का शिकार बने हैं।
- देवेंद्र कुमार, एएसपी सिटी
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