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Monsoon 2024: किसानों के लिए खुशखबरी, इस बार रुहेलखंड में झमाझम होगी मानसूनी बारिश, लहलाएगी धान और गन्ना की फसल

Mosnoon 2024 Latest News In Hindi Today सोमवार को मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में किसानों के लिए अच्छी खबर दी है। यूपी समेत 25 राज्यों में 50 साल के दीर्घकालिक सामान्य औसत वर्षा के सापेक्ष 106 प्रतिशत वर्षा की संभावना जताई है। शाहजहांपुर में सबसे अधिकधान गन्ना की फसल होती है। किसानों के चेहरे पर मानसून की अच्छी बारिश होने की खबर से खुशी है।

By Narendra Yadav Edited By: Abhishek Saxena Published: Mon, 15 Apr 2024 07:36 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2024 07:36 PM (IST)
Shahjahanpur News: रुहेलखंड में मानसून अच्छी खबर लेकर आ रहा है।

नरेद्र यादव, जागरण, शाहजहांपुर। इस बार रुहेलखंड के किसानों को धान, गन्ना समेत खरीफ की फसलों की सिंचाई के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। अल निनो की विदाई व लानिना के आगमन से मानसून में अच्छी वर्षा होगी।

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भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) ने सेामवार को जारी पूर्वानुमान में दीर्घकालीन सामान्य औसत से अधिक वर्षा की संभावना जताई है। इससे देश व प्रदेश को भी लाभ होगा। गत वर्ष मानसून सत्र में प्रदेश में 17 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी, जबकि रुहेलखंड के पीलीभीत जिले में 59 तथा शाहजहांपुर में 17 प्रतिशत कम वर्षा रिकार्ड की गई। बरेली 816 मिमी के साथ औसत वर्षा के नजदीक रहा था।

सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र हैं रुहेलखंड

प्रदेश में रुहेलखंड क्षेत्र धान, गन्ना, गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र है। मानसूनी वर्षा होने पर खासकर धान की अच्छी पैदावार होती है। गत वर्ष धान के सबसे बड़े उत्पादक जनपद शाहजहांपुर व पीलीभीत तथा समीपवर्ती जनपद लखीमपुर खीरी व हरदोई में मानसूनी वर्षा कम होने पर धान का उत्पादन गिर गया। सरकारी खरीद केंद्रों पर भी कम धान खरीदा गया। कम वर्षा होने पर सिंचाई की वजह से किसानों का धान लागत खर्च भी बढ़ गया।

72 सालों में नौ बार अधिक हुई वर्षा

राज्य कृषि मौसम केंद्र के प्रभारी व वरिष्ठ विज्ञानी डा. अतुल सिंह ने सामान्य से अधिक वर्षा होने के तीन प्रमुख बताएं हैं। स्पष्ट किया कि 1951 से लेकर अब तक नौ बार अलनिनो से लानिना की परिस्थितियां बनने पर सामान्य से अधिक मानसूनी वर्षा हुई है। इस बार अगस्त सितंबर के बीच लानिना का आगमन हो रहा है। इस कारण रुहेलखंड समेत पूरे प्रदेश व देश में सामान्य से अधिक वर्षा की होगी। दूसरा कारण हिंद महासागर में सकारात्मक द्विध्रुव परिस्थितियां है। तीसरा कारण उन्होंने उत्तरी गोलार्ध के साथ यूरेशिया में कम बर्फ बनने पर भी सामान्य से अधिक वर्षा की परिस्थितियां बनना बताया है।

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शाहजहांपुर के समीपवर्ती जिलों में कम व मुरादाबाद क्षेत्र में अधिक हुई वर्षा

गत मानसून में प्रदेश की तरह शाहजहांपुर में भी औसम से 17 प्रतिशत कम वर्षा हुई। पड़ाेसी जनपद पीलीभीत में 59 प्रतिशत, हरदोई में 21 प्रतिशत, लखीमपुर खीरी में 13 प्रतिशत तथा फर्रूखाबाद में 16 प्रतिशत कम वर्षा हुई। जबकि बरेली, बदायूं समेत मुरादाबाद मंडल के जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा रिकार्ड की गई।

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गत मानसूत्र में सत्र में हुई वर्षा (मिमी में) तथा औसत से सापेक्ष वर्षा के आंकड़े (प्रतिशत में)

जनपद : मानसूनी वर्षा - औसत वर्षा - प्रतिशत अधिक व कम

बरेली : 816.7 - 791.0 - तीन प्रतिशत अधिक

पीलीभीत : 342.8 - 841.9 - 59 प्रतिशत कम

बदायूं : 1008.4 - 672.7 - 50 प्रतिशत अधिक

मुरादाबाद : 1054.2 - 872.9 - 21 प्रतिशत अधिक

अमरोहा : 597.8 - 809.6 - 26 प्रतिशत

रामपुर : 759.9 - 728.3 - चार प्रतिशत अधिक

संभल : 927.7 - 658.4 - 41 प्रतिशत अधिक

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