पैसों के विवाद के चलते दोस्त ने MBBS छात्र की छत से फेंककर की थी हत्या, आरोपित गिरफ्तार
शाहजहांपुर के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्र कुशाग्र प्रताप सिंह की हत्या उसके दोस्त विराज पटेल ने की। विराज ने कुशाग्र से साढ़े पांच लाख रुपये लिए थे जिसको लेकर उनमें विवाद हुआ था। विराज ने डंडे से वार कर कुशाग्र को छत से फेंक दिया। बरेली क्राइम ब्रांच ने विराज को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर । वरुण-अर्जुन मेडिकल कालेज में गोरखपुर निवासी एमबीबीएस के छात्र की डंडे से प्रहार करने के बाद छत से फेंककर हत्या कर दी गई थी। प्रयागराज निवासी हत्यारोपित उसके साथी को बरेली क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बंथरा स्थित एक मेडिकल कालेज में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र कुशाग्र प्रताप सिंह की छह अक्टूबर को मृत्यु हो गई थी। शव हास्टल की बिल्डिंग के पीछे पड़ा मिला था। उनके पिता गोरखपुर के राप्ती नगर के अजय सिंह ने बेटे की हत्या की आशंका जतायी थी लेकिन तिलहर पुलिस इस घटना का राजफाश नहीं कर सकी थी। जिसके बाद नवंबर 2024 में जांच बरेली क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई थी। इस मामले में शनिवार को निरीक्षक संजय कुमार धीर टीम के साथ साउथ सिटी पहुंचे।
पैसों को लेकर था विवाद
यहां रह रहे प्रयागराज के जार्ज टाउन थाने के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज कैंपस में रहने वाले साथी एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्र विराज पटेल को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। विराज ने घटना को स्वीकार कर लिया। विराज ने कुशाग्र से साढ़े पांच लाख रुपये निवेश के नाम पर लिए थे, जिसे लेकर दोनों में विवाद हुआ था।
क्राइम ब्रांच ने जब इसी बिंदु पर जांच शुरू की तो पता चला कि घटना की रात कुशाग्र और विराज में झगड़ा हुआ था। देर रात विराज डंडा लेकर घूमता देखा गया था। विवाद होने पर कुशाग्र के सिर पर पहले डंडे से प्रहार किया गया था।
इसके बाद छत से नीचे गिरा दिया था जिस वजह से मृत्यु हो गई थी। घटना को अंजाम देने के बाद विराज देर रात कुशाग्र के कमरे में जाकर सो गया था। उसके पास से खून से सड़ा डंडा भी बरामद कर लिया गया था। विराज काफी समय से कालेज से निष्कासित भी किया जा चुका था।
तिलहर पुलिस ने बरती लापरवाही
घटना के बाद से ही कुशाग्र के स्वजन हत्या की आशंका जता रहे थे लेकिन तिलहर पुलिस पहले दिन से ही घटना में हीला हवाली कर रही थी। जिस वजह से स्वजन को मुख्यमंत्री दरबार तक जाना पड़ा था।
बरेली क्राइम ब्रांच को जब घटना की जांच मिली तो खून से सने डंडे, सीसीटीवी फुटेज, अन्य छात्रों के बयान के आधार पर जांच में परत दर परत खुलती चली गईं थी। हत्यारोपित की गिरफ्तारी के बाद तिलहर पुलिस की लापरवाही भी उजागर हो गई।
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