केजी से पीजी तक शिक्षा एक ही छत के नीचे: शाहजहांपुर का मुमुक्षु संकुल बनेगा ज्ञान केंद्र
मुमुक्षु संकुल को राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने से शाहजहांपुर में शिक्षा का स्तर ऊँचा होगा। स्वामी शुकदेवानंद राज्य विश्वविद्यालय के स्थापना से क्षेत्र के छात्र केजी से पीजी तक की पढ़ाई स्थानीय स्तर पर कर सकेंगे, जिससे उच्च शिक्षा में आसानी होगी।
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फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। शिक्षा के क्षेत्र में जिले में एक नया अध्याय और जुड़ गया। कैबिनेट ने मुमुक्षु आश्रम की शैक्षणिक इकाइयों को उच्चीकृत करते हुए स्वामी शुकदेवानंद राज्य महाविद्यालय की स्थापना पर मुहर लगा दी। अब यहां पर कुलपति सहित अन्य पदों पर नियुक्तियां होंगी। अगले दाे माह के अंदर विश्वविद्यालय प्रशासन के विधिवत कार्य शुरू करने की संभावना है।
संकुल के शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं के साथ ही जनपद के लोगों में इस उपलब्धि पर खुशी की लहर है। मुमुक्षु संकुल में आठ मार्च 1964 में स्वामी शुकदेवानंद डिग्री कालेज की स्थापना हुई थी। वर्ष 2018 में यहां आगमन पर संकुल के अधिष्ठाता पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने उनसे कालेज महाविद्यालय को विश्वविद्यालय बनाने की मांग की जिस पर मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव मांगा था।
उसके बाद से सरकार की ओर से बनाई गई समिति ने यहां निरीक्षण किया था। मुमुक्षु संकुल की सभी शैक्षणिक संस्थाओं को राज्य विश्वविद्यालय में शामिल करने के साथ ही ट्रस्ट की एक अरब से अधिक की संपत्ति व यहां के सभी भवनों को सरकार के अधीन करने की सहमति के बाद एमओयू साइन हुआ था।
संबंधित छह विभागाें से स्वीकृत होने के बाद अब कैबिनेट की इस पर मुहर लग गई। राज्य विश्वविद्यालय में स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय, स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय, स्वामी धर्मानंद इंटर कालेज, देवी संपद संस्कृत महाविद्यालय व शंकर मुमुक्षु विद्यापीठ का समस्त क्षेत्रफल भी सरकार के अधीन होगा।
इसी माह के अंत तक हो सकती नियुक्तियां
राज्य विश्वविद्यालय का संचालन करने के लिए कुलपति, कुल सचिव आदि पदों पर नियुक्ति होंगी। इस माह के अंत तक इन पर निर्णय हो सकता है। वर्तमान में यहां डिग्री कालेजों में 26 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मुमुक्षु शिक्षा संकुल के संस्थानों में सात हजार से अधिक विद्यार्थी हैं, अकेले एसएस कालेज में ही छह हजार छात्र संख्या है।
केजी से पीजी तक की पढ़ाई
वर्ष 1941 में आश्रम की स्थापना हुई। इसके अगले वर्ष 1942 में वेद शिक्षा शुरू की गई। इसके बाद संकुल में संस्कृत महाविद्यालय से लेकर सीबीएसई विद्यालय, ला कालेज सहित पांच शैक्षणिक संस्थान बने। अब इन सभी को मिलाकर विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। जिसमें केजी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक की पढ़ाई होगी।
नहीं लगानी होगी दौड़
राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना से शाहजहांपुर व आसपास के जनपदों के युवाओं को बरेली, लखनऊ या कानपुर की दौड़ नहीं लगानी होगी। पीलीभीत, फर्रुखाबाद, हरदोई व बदायूं के महाविद्यालय भी यहां से संबद्धता ले सकेंगे। वर्तमान में जहां जिले में एमजेपी रूहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली से संबद्ध 50 महाविद्यालयों का संचालन हो रहा है।

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