जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। वरासत दर्ज करने के नाम पर किसान को डेढ़ वर्ष से चक्कर लगवा रहे तहसील सदर के लेखपाल को एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक काशीराम उपाध्याय बरेली की टीम ने दो हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उसके विरुद्ध तिलहर थाने में प्राथमिकी पंजीकृत कराई गई है। आरोपित को टीम अपने साथ लेकर बरेली रवाना हो गई।
तहसील सदर के लेखपाल अरविंद अग्निहोत्री ने तोनी गांव निवासी शेरू के पिता श्रीकृष्ण का डेढ़ साल पहले निधन हो गया था। उनके नाम पर लगभग दो बीघा भूमि की वरासत दर्ज कराने के लिए शेरू लेखपाल अरविंद अग्निहोत्री से मिले थे, लेकिन वह उन्हें बराबर टरका रहा था। पिछले दिनों उसने उनसे पांच हजार रुपए मांगे। शेरू ने किसी तरह व्यवस्था करके तीन हजार रुपए दे भी दिए, लेकिन इसके बाद भी अरविंद शेष दो हजार रुपए मिले बिना वरासत करने को तैयार नहीं था।
परेशान होकर उन्होंने एंटी करप्शन की टीम से संपर्क साधा। गुरुवार को टीम ने यहां पहुंचकर शेरू को पाउडर लगे दो हजार रुपए के नोट दिए। इसके बाद लेखपाल अरविंद को सेहरामऊ दक्षिणी क्षेत्र के कहिलिया मार्ग पर बुलाया। वहां लेखपाल को रुपए देते समय एंटी करप्शन टीम ने अरविंद को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। थाना तिलहर में अभियोग पंजीकृत कराया गया है।
पहले भी हो चुकी कार्रवाई
पिछले साल सितंबर में जलालाबाद के लेखपाल धनवीर को एंटी करप्शन की टीम ने रिश्वत में रंगे हाथों पकड़ा था। यह शिकायत जलालाबाद निवासी विषम पाठक ने की थी। जून 2022 में तहसील सदर के लेखपाल उत्कर्ष वर्मा को पांच हजार की रिश्वत में एंटी करप्शन की टीम ने तहसील परिसर से गिरफ्तार किया था।
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लेखपाल ने तहसील सदर के गांव दिलावर देवकली निवासी काश्तकार सुखपाल सिंह यादव से वारिसान प्रमाण पत्र के लिए रिश्वत मांगी थी। 21 जून को टीम ने तहसील परिसर में पहुंचकर लेखपाल को दबोच लिया। इससे पूर्व राजस्व निरीक्षक महेंद्र पाल को तहसील सदर से रिश्वत में पकड़ा जा चुका है। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह से चकबंदी लेखपाल को रिश्वत लेते पकड़ा जा चुका है।
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लेखपाल अरविंद अग्निहोत्री के खिलाफ एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई की जानकारी मिली है, लेकिन अभी कोई अधिकृत पत्र नहीं आया है। प्राथमिकी मिलने के बाद लेखपाल के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञानेंद्र नाथ, उप जिलाधिकारी सदर शाहजहांपुर