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    शाहजहांपुर : घटना 21 दिन पहले की, जांच टीम पहुंचने पर हुई स्वजन को जानकारी; प्रोबेशन विभाग की कार्यशैली पर सवाल

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 07:00 AM (IST)

    राजकीय किशोर गृह से लखनऊ का हत्यारोपित नाबालिग बंदी 4 नवंबर को भाग निकला। प्रोबेशन विभाग ने यह गंभीर घटना 21 दिन तक दबाए रखी। प्राथमिकी (FIR) के बाद भी पुलिस ढिलाई बरतती रही। अधिकारियों ने केयर टेकर का वेतन रोककर कार्रवाई की इतिश्री कर ली। इतनी बड़ी लापरवाही क्यों?

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। लखनऊ में रिश्तेदार की गोली मारकर हत्या करने का 17 वर्षीय नाबालिग आरोपित चार नवंबर को राजकीय सम्प्रेक्षण गृह किशोर से भाग निकला। चौबीस घंटे बाद प्रोबेशन विभाग ने प्राथमिकी तो दर्ज कराई, लेकिन मामले को दबा दिया। पुलिस भी सामान्य गुमशुदगी की तरह इस प्रकरण में भी ढिलाई बरतती रही।

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    दस दिन पूर्व एक टीम आरोपित के लखनऊ स्थित आवास पर पहुंची तो स्वजन काे जानकारी हुई। घटना के 21 दिन बाद भी बरामदगी न होने से उनकी चिंता बढ़ गई है। वहीं इतने गंभीर प्रकरण में कड़ी कार्रवाई की बजाय प्रोबेशन अधिकारी ने केयर टेकर व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का वेतन रोककर इतिश्री कर ली।

    लखनऊ के इंदिरानगर के तकरोही निवासी नाबालिग ने अपने रिश्तेदार की हत्या कर दी थी। जिसके बाद वहां के किशोर न्याय बोर्ड ने जून माह में उसको यहां राजकीय सम्प्रेक्षण गृह किशोर में भेजा गया था। यहां पर विभिन्न आरोपों में पकड़े गए 25 नाबालिग किशोर बंदी रहते हैं। इनकी देखरेाख के लिए केयर टेकर व अन्य स्टाफ के साथ ही तीन शिफ्ट में चार-चार होमगार्ड तैनात किए गए हैं।

    सीसीटीवी भी लगे हुए हैं, बावजूद इसके चार नवंबर को आरोपित रात लगभग साढ़े आठ बजे अपने कमरे से निकला और सम्प्रेक्षण गृह की दीवार फांदकर भाग निकला। पुलिस को जानकारी देने की बजाय विभागीय कर्मचारी उसको तलाशते रहे। जब कुछ भी पता न चला तो चौबीस घंटे बाद कांट थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी।

    पुलिस भी प्राथमिकी दर्ज करने के बाद आरोपित के वापस आने का इंतजार करती रही। आठ दिन तक जब कुछ पता न चला तो दस दिन पूर्व एक टीम आरोपित के लखनऊ स्थित आवास पर इस उम्मीद में भेजी गई कि शायद वह वहां रह रहा होगा, लेकिन स्वजन को जब उसके भागने की जानकारी हुई तो वह भी हैरान रह गए।

    उन्होंने बेटे के साथ अनहोनी की आशंका जताते हुए पुलिसकर्मियों से इस प्रकरण की देरी से जानकारी देने को लेकर आपत्ति की तो कोई संतोषजनक जवाब दिए बिना उल्टे पैर वापस आ गए। जिला प्रोबेशन अधिकारी गौरव मिश्रा ने बताया कि सम्प्रेक्षण गृह की बाउंड्रीवाल की मरम्मत का कार्य चल रहा है।

    उसी का लाभ उठाते हुए आरोपित भाग निकला। उन्होंने बताया कि केयर टेकर आसाराम व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी देवेंद्र का वेतन रोक दिया है। उन्होंने बताया कि आरोपित की उम्र छह माह बाद 18 वर्ष पूर्ण हो जाएगी। ऐसे में उसको जिला जेल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। ऐसे में हो सकता है इसी से बचने के लिए वह भागा हो।

     

    आरोपित की तलाश में टीमें लगी हैं। कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। उसको जल्द पकड़ लिया जाएगा।

    - राकेश मौर्या, प्रभारी निरीक्षक कांट


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