Sant Kabir nagar Flood: सरयू की कटान से नदी की धारा में विलीन हो रही उपजाऊ भूमि, किसान चिंतित
सरयू नदी में कटान से मांझा क्षेत्र में किसानों की जमीन नदी में समा रही है। बाढ़ से प्रभावित दो दर्जन गांवों में जलभराव बीमारी और आवागमन की समस्या है। ग्रामीणों को राहत सामग्री नहीं मिली है जिससे भोजन और चारे का संकट है। पौली ब्लॉक में रिंग बांध की मरम्मत से कुछ राहत मिली है।

जागरण संवाददाता, धनघटा। सरयू नदी का जलस्तर घटने के बाद धनघटा तहसील के मांझा क्षेत्र में कटान तेज हो गई है। चार दिनों से लगातार हो रही कटान में किसानों की उपजाऊ जमीन नदी में समाती जा रही है। वहीं, बाढ़ की चपेट में आए दो दर्जन गांवों में लोग जलजमाव, संक्रामक रोग और आवागमन की समस्या से जूझ रहे हैं।
पीड़ित परिवारों का आरोप है कि अब तक उन्हें राहत सामग्री नहीं मिली है। गायघाट दक्षिणी, सियर कला, ढोलबजा, चपरा पूर्वी आदि इलाकों में कटान से किसानों की जमीनें तेजी से नदी में विलीन हो रही हैं। दस से पंद्रह मीटर की गहराई तक हो रही कटान ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है।
बाढ़ग्रस्त गांवों में बीमारी और भूख का संकट
हाल ही में आई बाढ़ से हैंसर क्षेत्र के दो दर्जन गांवों में स्थिति बिगड़ी हुई है। कई संपर्क मार्ग कट गए हैं, जिससे ग्रामीणों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। ढोलबजा जाने वाली सड़क का सौ मीटर हिस्सा नदी की धारा में बह गया है। प्रभावित गांवों-गायघाट दक्षिणी, गुनवतिया, कठहा खैरगाड़, भौवापार, सरैया, कंचनपुर, गुलरिहा, लोनियान आदि में जलजमाव और कीचड़ से दुर्गंध फैल रही है। हैंडपंप का पानी भी दूषित हो गया है, जिससे लोग बीमार पड़ रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ आपदा ने सैकड़ों परिवारों की जीविका छीन ली है। चंद्रभान, रामशंकर यादव और सूर्यबली ने बताया कि प्रशासन की ओर से अब तक राहत सामग्री नहीं मिली है। ईंधन खत्म हो चुका है, भोजन बनाना मुश्किल है और पशुओं के लिए चारे का संकट गहरा गया है।
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रिंग बांध की मरम्मत से मिली राहत
पौली ब्लॉक के छपरा मगर्वी गांव में बाढ़ के दबाव से रिंग बांध क्षतिग्रस्त हो गया था। निरीक्षण के बाद एसडीएम धनघटा डॉ. सुनील कुमार व बीडीओ पौली श्वेता वर्मा के निर्देश पर ग्राम पंचायत ने मरम्मत शुरू कराई। ग्राम प्रधान देवेंद्र यादव ने बताया कि लगभग 12 घंटे की मशक्कत के बाद बांध को ठीक कर लिया गया।
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