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    साहू जाति को सर्वाधिक पिछड़ी जाति में शामिल करे सरकार

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 20 Aug 2018 11:10 PM (IST)

    संतकबीर नगर: भारतीय तैलिक साहू राठौर महासभा के जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुप्त के नेतृत्व में संगठन के पद

    साहू जाति को सर्वाधिक पिछड़ी जाति में शामिल करे सरकार

    संतकबीर नगर: भारतीय तैलिक साहू राठौर महासभा के जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुप्त के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारियों, सदस्यों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में राष्ट्रपति को संबोधित मांगों का ज्ञापन डीएम को सौंपा। वक्ताओं ने कहाकि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय-भारत सरकार द्वारा गठित जस्टिस जी रोहणी समिति ने 13 अगस्त 2018 को पिछड़ी जातियों में आरक्षण पाने का लाभ वाले सर्वाधिक चार जातियों में साहू जाति को भी जोड़ा है। यह सरासर गलत है, इस जाति के साथ अन्याय है।

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    इन्होंने आगे कहाकि साहू की मूल जाति तेली है, इस जाति की देश में कुल जनसंख्या छह फीसद है। इस जाति की सामाजिक दशा अनुसूचित जाति से भी खराब है। इस जाति को लोग घृणा की ²ष्टि से देखते हैं। देश की आजादी के बाद से साहू जाति(तेली)को पिछड़ी जाति में आरक्षण का लाभ नहीं के बराबर मिला है। सामाजिक ²ष्टिकोण से यह जाति पिछड़ी जातियों में सबसे निचले पायदान पर है। पूर्व में सूबे के सीएम रहे राजनाथ ¨सह के कार्यकाल में सामाजिक न्याय समिति के अध्यक्ष हुकूम ¨सह के नेतृत्व में अनुसूचित एवं पिछड़ी जातियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया था, इसमें साहू जाति(तेली)को सर्वाधिक पिछड़ी जाति में रखा गया था। इन्होंने इस जाति को सर्वाधिक पिछड़ी जाति में शामिल करने की मांग की है। इसके लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय-भारत सरकार में अनुभवी व भेदभाव रहित समिति का गठन करके पुन: सर्वेक्षण कराने की मांग की है ताकि इस जाति के लोगों को आरक्षण का लाभ व न्याय मिल सकें। ज्ञापन सौंपने वालों में संतराम गुप्त, दिलीप गुप्त, राजीव गुप्त, राजेंद्र प्रसाद साहू, मदनलाल साहू, गौतम गुप्त, रामानंद गुप्त, फूलचंद गुप्त, स्वामीनाथ साहू, संत प्रसाद साहू, रामकरण गुप्त, संतोष कुमार गुप्त,राजकुमार गुप्त, राज बहादुर गुप्त सहित अन्य लोग शामिल रहे।