Sant Kabir Nagar News: धरातल पर कार्य अधूरा, कागज में पर्यटन विकास की 1.18 करोड़ की परियोजना पूरी
संतकबीर नगर में समय माता मंदिर के पोखरे के सौंदर्यीकरण का कार्य कागजों में पूरा दिखाया गया है जबकि हकीकत में यह अधूरा है। 1.18 करोड़ की लागत से पोखरे का सुदृढ़ीकरण होना था लेकिन मौके पर सिर्फ कुछ लाइटें ही लगी हैं। घाट और सीढ़ियां भी अतिक्रमण के कारण अधूरी हैं। अधिकारी इसे पूर्ण बता रहे हैं जबकि पोखरा जलकुंभी से भरा है ।

एसके सिंह,संतकबीर नगर। जिले में पर्यटन विकास की योजनाओं का बुरा हाल है। तमाम योजनाएं धरातल पर अधूरी हैं लेकिन कागज में पूर्ण और हैंडओवर हो चुकी हैं। ताजा मामला समय माता मंदिर से जुड़ा है। मंदिर परिसर में पोखरे के सौंदर्यीकरण के लिए चार साल पहले एक करोड़ 18 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे। यह धन कार्यदायी संस्था पर्यटन विभाग ने व्यय कर एक साल पहले ही कार्य पूर्ण दिखा दिया। और तो और इसके हैंडओवर किए जाने की रिपोर्ट भी भेज दी गई।
दूसरी तरफ हकीकत यह है कि धरातल पर कार्य अधूरा है। पोखरे के चारों तरफ न तो सुदृढ़ीकरण का कार्य कराया गया है और न ही बेंच लगे। दिखाने के लिए कुछ बड़ी स्ट्रीट लाइट लगा दी गई है। यह चौंकाने वाला तथ्य जागरण टीम की पड़ताल में उभर कर सामने आया है।
खलीलाबाद शहर में स्थित प्राचीन समय माता मंदिर परिसर में बीस बीघे में फैले पोखरे के सुदृढ़ीकरण और सीढ़ी निर्माण के लिए पर्यटन विकास योजना के तहत वर्ष 2020 में यह परियोजना स्वीकृत की गई थी।
पोखरे के दो तरफ घाट और सीढ़ी का निर्माण कराया गया है लेकिन यह कार्य अतिक्रमण के चलते पूरा नहीं नहीं किया गया। आरोप है डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के अनुसार मौके पर कार्य नहीं कराया गया है। इस बारे में पूछने पर ठीकेदार और कार्यदायी संस्था के परियोजना प्रबंधक ने भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी।
ढूंढते रह जाएंगे पोखरे किनारे बने घाट पर बेंच
पोखरे की साफ-सफाई के साथ ही प्रकाश के लिए चारों तरफ लाइट और बैठने के लिए बेंच लगाए जाने थे लेकिन महज स्ट्रीट लाइट लगाई गई है। बेंच कहीं पर भी ढूंढने से नजर नहीं आ रहा है। जांच-पड़ताल के क्रम में यह बात सामने आई कि कार्यदायी संस्था यूपी प्रोजेक्ट कारपाेरशन लि.(यूपीपीसीएल) यूनिट-23 बस्ती ने इसे पूर्ण दिखाकर पर्यटन विभाग को हैंडओवर भी कर दिया है। इस आशय की रिपोर्ट भेजकर एक करोड़ से अधिक के निर्माण कार्यों की समीक्षा सूची से इसे बाहर भी करा दिया गया है।
जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी अजय कुमार श्रीवास्तव ने बातचीत में बताया कि पर्यटन विकास विभाग की ओर से पोखरे के सौंदर्यीकरण का यह कार्य पूर्ण करा दिया गया है। इसी वजह से यह परियोजना निर्माण कार्यों की प्रगति पुस्तिका में शामिल नहीं है।
जलकुंभी के बोझ से कराह रहा पोखरा
समय माता मंदिर परिसर से सटा यह पोखरा काफी भू-भाग में फैला है। वर्तमान में यह पोखरा जलकुंभी के बोझ से कराह रहा है। जलकुंभी का फैलाव इस तरह से है कि कहीं पर भी पानी नजर नहीं आता है। इसके चारों ओर अतिक्रमण भी है। पोखरे के दो तरफ घाट का निर्माण हो चुका है लेकिन सीढ़ियों पर टाइल्स लगाने का कार्य अपूर्ण है।
जलकुंभी से पटा पोखरा। जागरण
इतना ही नहीं सामने से चहारदीवारी और गेट लगाने का कार्य भी पूर्ण नहीं हो पाया है। पोखरे के किनारे नाला निर्माण कराया गया है। इस पर कई जगहों पर ढक्कन नहीं लगे हैं, जिससे हादसे का खतरा बना हुआ है।
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समय माता पोखरे के सुदृढ़ीकरण की परियोजना में पाइलिंग करके घाट और सीढ़ी का निर्माण कराया जाना था। इसके अलावा चारों तरफ लाइट लगाए जाने थे। यह कार्य काफी पहले पूर्ण हो चुका है और पर्यटन विभाग को हैंडओवर भी किया जा चुका है। -चौथी राम, परियोजना प्रबंधक यूपीपीसीएल
समय माता मंदिर के पोखरे के सुदृढ़ीकरण,घाट-सीढ़ी और लाइट का कार्य हमें मिला था। इसके लिए एक करोड़ चार लाख रुपये के टेंडर हुए थे। यह कार्य एक साल पहले ही पूर्ण हो चुका है। रही बात नाला, टाइल्स और गेट लगाने की तो यह कार्य नगर विकास से कराए जाने थे। जो कार्य अब वहां पर कराए जा रहे हैं, उसे नगर पालिका करा रही है। -केसरी राय, ठेकेदार
यह पोखरा बीस बीघे में फैला हुआ था। जैसे-जैसे शहर का विकास हुआ,वैसे-वैसे पोखरे पर अतिक्रमण बढ़ता गया। पोखरे के सौंदर्यीकरण का कार्य नगर नालिका और पर्यटन विभाग को कराना था। चार साल हो गए लेकिन आधा-अधूरा कार्य ही हो पाया है। पोखरे से न तो अतिक्रमण हटाया गया और न ही जलकुंभी की सफाई कराई गई। जो निर्माण कार्य कराए गए हैं, वह भी मानक के अनुरूप नहीं है। -अवधेश दास, पुजारी
समय माता मंदिर के पर्यटन विकास के लिए काफी कार्य कराए जाने हैं। पर्यटन विभाग ने अपने हिस्से का कार्य करा दिया है। पोखरे किनारे नाला, सीढ़ी पर टाइल्स, चहारदीवारी, गेट और ग्रील लगाने का कार्य नगरपालिका को कराना है। धनाभाव में कार्य की गति धीमी है। नाला निर्माण और चहारदीवारी का काम हो चुका है। ग्रील, गेट और टाइल्स लगान का कार्य चल रहा है। - अवधेश भारती, ईओ नगर पालिका
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