Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संभल का सच: पीड़ितों ने मांगा आगजनी का मुआवजा… 1978 व 1995 के दंगे का इंसाफ

    संभल में जामा मस्जिद सर्वे के विरोध में हुई हिंसा के संबंध में न्यायिक जांच आयोग ने बयान दर्ज करने के लिए पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में बैठक की। इस दौरान पुराने दंगों के पीड़ित भी आयोग से मिलने पहुंचे और उन्होंने अपनी मांगों को लेकर तख्तियां दिखाईं। पीड़ितों ने आगजनी का मुआवजा देने और 1978 1986 1995 और 1992 में हुए दंगों की जांच की मांग की।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Thu, 30 Jan 2025 05:12 PM (IST)
    Hero Image
    संभल में न्यायिक जांच आयोग से इंसाफ की मांग करने पहुंचे 1978 में हुए दंगे के पीड़ितों के परिजन। जागरण

    जागरण संवाददाता, संभल। जामा मस्जिद सर्वे के विरोध में 24 नवंबर को हुई हिंसा के संबंध में बयान दर्ज करने को पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में पहुंचे न्यायिक जांच आयोग से मिलने के लिए पुराने दंगों के पीड़ित भी आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिनपर लिखा था कि आगजनी का मुआवजा दो और 1978, 1986, 1995 और 1992 में हुए दंगों की भी जांच हो, जिससे पीड़ितों को न्याय मिले। उन्होंने एसडीएम वंदना मिश्रा को ज्ञापन सौंपा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गुरुवार को गांव थलूपुरा के रहने वाले गुलाब सिंह अपने भाई-भतीजों के साथ संभल में गेस्ट हाउस पर पहुंचे। उनके हाथ में तख्तियां थीं। गुलाब सिंह ने बताया कि उनके पिता किशनलाल व मां नरैना देवी 1978 में दंगे वाले दिन अपनी धेवती की शादी का सामान लेने के लिए आए थे। 

    जब वह शहर में आए तो दंगा भड़क गया। वह अपनी जान बचाने के लिए लाला मुरारी लाल बनवारी की फड़ में दुबक गए थे। तभी दंगाइयों ने उसे फल में भी आग लगा दी थी और जिंदा लोगों को आग में जला दिया था। उन लोगों में उनके माता-पिता भी शामिल थे। माता-पिता के शव नहीं मिले थे, लेकिन चूड़ियां से मां व चमड़े के जूतों से पिता की पहचान हुई थी। 

    ऐसे ही मोहल्ला हल्लू सराय के रहने वाले राजकुमार का कहना है कि बदायूं के इस्लामनगर के रहने वाले उनके मौसा मजनू उर्फ कल्लू 1995 में होली के पर्व पर उनके घर आए थे। वह सरायतरीन में जा रहे थे कि उनकी हत्या कर दी गई थी। 

    आज तक उनका भी शव नहीं मिला है। उस मामले में मुरादाबाद संभल सड़क जाम भी की थी। तब मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन कोई न्याय नहीं मिला। इन सभी लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर दोबारा जांच कराकर इंसाफ की मांग उठाई है। हालांकि, इस लोगों को न्यायिक जांच आयोग से नहीं मिलने दिया गया है। 

    एसडीएम ने बताया कि इन सभी का ज्ञापन ले लिया गया है। उच्चाधिकारियों को दिया जाएगा। बाकी आज न्यायिक जांच आयोग हिंसा के दौरान ड्यूटी ओर रहने वाले सरकारी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान दर्ज करने के लिए आया है।

    यह भी पढ़ें: सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के मकान पर गरजेगा बुलडोजर? आज प्रशासन करेगा फैसला, UPPCL को भी जवाब का इंतजार

    यह भी पढ़ें: UP News: संभल हिंसा जांच आयोग फिर पहुंचा शहर, दर्ज होंगे DM-SP के बयान