संभल में एक पल में पूरा परिवार खत्म, पीछे रह गया सिर्फ असहनीय सन्नाटा; लाशें देख कांप उठे लोग
संभल में आगरा-मुरादाबाद नेशनल हाईवे पर एक दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई। बहजोई से गांव लौटते समय एक तेज रफ्तार कैंटर ने ब ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, संभल। आगरा–मुरादाबाद नेशनल हाईवे पर हुआ यह हादसा केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि एक पूरे परिवार की कहानी का अचानक और दर्दनाक अंत बन गया। जहां बहजोई से अपने गांव की ओर लौट रहा एक परिवार महज कुछ ही पलों में हमेशा के लिए बिखर गया।
रोजमर्रा की तरह बहजोई से गांव जाने के लिए निकले सुरेश कुमार, उनकी पत्नी विमलेश, बेटा प्रतीक और चचेरा भाई संजीव उर्फ संजय को क्या पता था कि यह सफर उनकी आखिरी यात्रा बन जाएगा।
एक बाइक पर सवार होकर गांव लौटते इस परिवार के मन में घर पहुंचने की जल्दी रही होगी, किसी को घर के काम की चिंता होगी, किसी को अगले दिन की योजनाएं सूझ रही होंगी, लेकिन हाईवे पर एक तेज रफ्तार कैंटर ने सब कुछ छीन लिया।
टक्कर के बाद सड़क पर गिरे चारों शरीर, चीख-पुकार, दौड़ते लोग और फिर एंबुलेंस की आवाजें, मगर नियति इतनी निर्दयी थी कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही सब कुछ खत्म हो चुका था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जैसे-जैसे मौत की पुष्टि होती गई, वैसे-वैसे उम्मीद की हर लौ बुझती चली गई।
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जब स्वजन अस्पताल पहुंचे तो वहां सिर्फ शव थे, सवाल थे और ऐसा सन्नाटा था, जिसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है। गांव कमालपुर में एक साथ चार अर्थियां उठने की कल्पना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। घर के कमाने वाले हाथ, बेटे की हंसी, भाई का सहारा, सब एक ही पल में छिन गया।
यह हादसा फिर एक बार सवाल छोड़ गया कि हाईवे पर तेज रफ्तार और लापरवाही आखिर कब तक जिंदगियां निगलती रहेगी। यह दुखद सूचना उस परिवार की है, जो बहजोई से गांव लौट रहा था, और अब सिर्फ यादों में रह गया।
पहुंचे सीएमओ, याद आया गंगा एक्सप्रेस वे का हादसा
बहजोई : हादसे की जानकारी मिलने के बाद सीएमओ डा. तरूण पाठक सीएचसी में पहुंच गए। उन्होंने हादसे में जान गंवाने वालों की जानकारी की। उधर, गंगा एक्सप्रेस वे पर 27 नवंबर को हुए हादसे में छह लोेगों की मौत होने की याद भी ताजा हो गई। इन लोगों में जान गंवाने वालों में तीन बच्चे भी शामिल थे।

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