संभल में थैलेसीमिया से पीड़ित किशोर को एंबुलेंस ने अस्पताल के गेट पर छोड़ा, मौत; लापरवाही का आरोप
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एंबुलेंस स्टाफ की लापरवाही की वजह से एक किशोर की जान चली गई। अंकित 15 साल से थैलेसीमिया से पीड़ित था। आरोप है कि एबुलेंस किशोर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के गेट पर ही छोड़कर चली गई थी। परिजनों का कहना है कि अगर एंबुलेंसकर्मी उन्हें समय पर अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज ले जाते तो उनका बच्चा बच सकता था।

जागरण संवाददाता, संभल। एंबुलेंस स्टाफ की लापरवाही से एक किशोर की जान ले ली। अंकित 15 साल से थैलेसीमिया (शरीर में हीमोग्लोबिन कम बनने की बीमारी) से पीड़ित था। आरोप है कि सोमवार को एबुलेंस किशोर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के गेट पर ही छोड़कर चली गई थी। हालांकि, डायल 108 के अधिकारी ने स्वजन के आरोपों को निराधार बताया है।
किशोर को 2010 के बाद दो साल तक हर हफ्ते खून चढ़ाया गया था। इसके बाद महीने में एक बार खून चढ़ाया जाता था। उसका इलाज अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। सोमवार देर शाम स्वजन उसे गुन्नौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस से लाए थे।
किशोर को अस्पताल परिसर में ही छोड़ दिया
आरोप है कि एंबुलेसकर्मियों ने सीएचसी में बिना रिसीविंग कराए ही किशोर को अस्पताल परिसर में ही छोड़ दिया। स्वजन उसे आनन-फानन अस्पताल के अंदर ले गए, वहां डॉक्टरों ने किशोर की हालत गंभीर देखते हुए उसे अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया।
एंबुलेंसकर्मियों की लापरवाही के कारण मौत का आरोप
स्वजन उसे लेकर बाहर आए तो देखा एंबुलेंस गायब थी। उन्होंने दूसरी एंबुलेंस ढूंढ़ने की कोशिश भी की, लेकिन सफलता नहीं मिली। स्वजन का आरोप है कि उनके बेटे की मौत एंबुलेंसकर्मियों की लापरवाही के कारण हुई है। अगर वे उन्हें समय पर अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज ले जाते तो उनका बच्चा बच सकता था।
गुन्नौर सीएचसी में तैनात फार्मासिस्ट दीपक यादव ने बताया कि एंबुलेंसकर्मियों से फोन पर बातचीत की तो उन्होंने अलीगढ़ ले जाने के लिए मना कर दिया। 108 एंबुलेंस सेवा के एएमई अजय गौतम ने बताया कि स्वजन के आरोप गलत है। एंबुलेंस ने उन्हें अस्पताल में ही छोड़ा है। हालांकि, उन्होंने रिसीविंग नहीं ली। वे लोग एंबुलेंसकर्मियों को अलीगढ़ ले जाने के लिए दबाव बना रहे थे, लेकिन हमें जिला अस्पताल तक ही ले जाने के आदेश हैं।

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