संभल में मंत्री गुलाब देवी के आवास पर शिक्षकों का धरना प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी
संभल में ऑफलाइन स्थानांतरण फाइल के अनुमोदन को लेकर माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी के आवास पर शिक्षकों का धरना-प्रदर्शन जारी है। शिक्षकों ने ऑनलाइन स्थानांतरण नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऑफलाइन आवेदन क्यों मंगवाए गए। मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि ऑफलाइन आवेदन प्रक्रियाओं पर रोक लगा दी गई है और केवल ऑनलाइन आवेदन करने वाले शिक्षकों के ही स्थानांतरण होंगे।

जागरण संवाददाता, संभल। ऑफलाइन स्थानांतरण फाइल के अनुमोदन को लेकर माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी के आवास पर शिक्षकों का धरना-प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी रहा।
प्रदेशभर से आए शिक्षकों ने राज्यमंत्री की ओर से दिए गए जवाब पर असंतोष जताया है। उनका कहना है कि जब सरकार को केवल ऑनलाइन स्थानांतरण नीति ही लागू करनी थी, तो फिर ऑफलाइन आवेदन क्यों मंगवाए गए?
वहीं, शिक्षकों ने शासन की ओर से सख्ती बरते जाने की आशंका जताते हुए अन्य शिक्षकों से एकजुट होने और सोशल मीडिया के माध्यम से मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने की अपील की है।
प्रदर्शन के दौरान गुरुवार को मंत्री गुलाब देवी ने शिक्षकों से स्पष्ट रूप से कहा था कि शासन ने सभी ऑफलाइन आवेदन प्रक्रियाओं पर रोक लगाकर सात जून से 27 जून तक ऑनलाइन आवेदन करने वाले शिक्षकों के ही स्थानांतरण किए हैं।
उन्होंने कहा, सूची जारी करना राज्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। उसके बावजूद आवास पर बैठकर बार-बार मांग करना जिद और मनमानी है। इस पर शिक्षकों ने प्रतिक्रिया दी कि वे किसी तरह के धरना-प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि पूर्व में दिए गए लिखित आश्वासन के अनुरूप केवल अनुरोध करने आए हैं।
शिक्षकों का कहना है कि सत्र 2025-26 के लिए सरकार ने ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन आवेदन भी मंगवाए थे। अब सरकार पारदर्शिता के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को ही अपनाने की बात कह रही है। ऐसे में शिक्षकों का तर्क है कि यदि ऑनलाइन नीति ही लागू करनी थी, तो ऑफलाइन आवेदन मंगवाने का औचित्य स्पष्ट किया जाना चाहिए।
घटनास्थल पर बड़ी संख्या में महिला शिक्षकों की भी उपस्थिति रही। इस बीच, प्रशासन ने मौके पर मौजूद शिक्षकों को 'विधि विरुद्ध जमावड़ा' बताते हुए तत्काल वहां से हटने की चेतावनी दी है। इससे शिक्षकों में रोष है और उन्हें आशंका है कि देर रात उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सकती है।
शिक्षक संगठनों ने इस घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री से तत्काल संज्ञान लेने की अपील की है। संगठनों ने सभी शिक्षकों से आग्रह किया है कि वे इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट करें, ताकि शिक्षकों पर संभावित सख्त कार्रवाई को रोका जा सके।
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