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    संभल का खोया वैभव होगा वापस: अयोध्या की तरह बनेगी डॉक्यूमेंट्री, पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन लिखेगा इतिहास की किताब

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 07:00 AM (IST)

    अयोध्या की तर्ज पर कल्कि नगरी संभल का विजन डॉक्यूमेंट बनेगा। इस डॉक्यूमेंट्री में 68 तीर्थ, 19 कूप और 24 कोसीय परिक्रमा की कहानी शामिल होगी। पृथ्वीराज चौहान की राजधानी रहे संभल का खोया वैभव पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन की किताब में चमकेगा। ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व को जानें।

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    संभल के तीर्थ व कूपों का मानच‍ित्र

    सौरव प्रजापति, जागरण, संभल। कल्कि नगरी कहलाए जाने वाले संभल का विकास अब अयोध्या की तर्ज पर होगा। क्योंकि जिला प्रशासन की तरफ से अयोध्या की तर्ज पर ही विजन डॉक्यूमेंट्री तैयार की जा रही है। इस डॉक्यूमेंट्री में संभल के इतिहास से लेकर 68 तीर्थ और 19 कूप के साथ-साथ अन्य पौराणिक धरोहर शामिल की जाएगी।

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    इतना ही नहीं जनवरी में पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन से हुए समझौते के बाद अब रिसर्च फाउंडेशन भी संभल के ऊपर एक किताब तैयार कर रहा है। जिसमें संभल का वैभव शामिल होगा। हालांकि अभी किताब को कोई नाम नहीं दिया गया है लेकिन, संभल का पूरा इतिहास इस किताब में चमकेगा।

    26 नवंबर 2024 को संभल में हरिहर मंदिर बनाम जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसा भड़की थी इसके बाद प्रशासन सख्त हुआ और संभल के खोए हुए अस्तित्व को वापस लाने के जुट गया। फिर विलुप्त हुए तीर्थ और कूपों की खोज शुरू की गई। अब तक 58 तीर्थ और 19 कूपों को प्रशासन ने खोज निकाला है।

    यहां पर 46 साल से बंद खग्गू सराय में मंदिर भी मिला है। चंदौसी में बावड़ी भी निकली और बहजोई क्षेत्र में चूहरखेड़ा की सुरंग भी मिली। इतना ही नहीं 24 काेसीय परिक्रमा के प्रति भी लोगों में उल्लास बढ़ा है और इस बार रिकार्ड तोड़ भी परिक्रमा में शामिल हुई। संभल शहर कभी चौहान सम्राट पृथ्वीराज चौहान की राजधानी था और मुस्लिम शासन के दौरान यह सिकंदर लोदी की प्रांतीय राजधानियों में से एक था।

    पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि का जन्म संभल में ही होगा, जो इसे हिन्दू धर्म के लिए महत्वपूर्ण बनाता है। पुराणों में संभल का उल्लेख मिलता है और इसे सतयुग में ''सत्यव्रत'', त्रेता में ''महिदगिरी'' और द्वापर में ''पिंगल'' के नाम से जाना जाता था। इन्हीं महत्वों को देखते हुए प्रशासन ने संभल की सूरत और वैभव दोनों को चमकाने का निर्णय लिया।

    प्रशासन ही नहीं, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी संभल के विकास को लेकर काफी संजीदा हैं। हाल ही में उन्होंने संभल के विकास को एक हजार करोड़ से ज्यादा प्रस्तावों पर मुहर लगाते हुए सुंदर बनाने की बात भी कहीं है। संभल के तीर्थों पर वंदन योजना के तहत सुंदरीकरण का कार्य भी हो रहा है।

    इस क्रम में अब प्रशासन ने अयोध्या की तर्ज पर संभल की विजन डाक्यूमेंट्री बनाने का निर्णय लिया है। जिसमें सभी तीर्थ व कूपों की की पुरानी और नए अंदाज की स्थिति, महत्व शामिल रहेगी। 24 कोसीय परिक्रमा का बदलता हुए नजारा भी दिखेगा। इतना ही नहीं संभल का पुराना नक्शा, जिसमें हरिहर मंदिर का दावा है। उसको भी शामिल किया जाएगा।

    तीर्थ और कूप कितनी परिधि में हैं। कहां से पहुंचा जाएगा, यह तथ्य भी शामिल होंगे। इसको लेकर कार्य शुरू हो गया है। उधर, जनवरी में संभल कल्कि देव तीर्थ समिति के साथ पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट एवं पतंजलि विश्वविद्यालय के साथ समझौता हुआ था। ताकि ये ट्रक संभल के तीर्थ, स्मारकों की प्राचीनता का पता लगाने के साथ-साथ उनको चमकाने में साथ निभाएं।

    अब ट्रस्ट के जरिये संभल को लेकर एक किताब तैयार की जा रही है। जिसमें न सिर्फ संभल का इतिहास होगा बल्कि वैज्ञानिकों द्वारा किए गए रिसर्च का विवरण भी शामिल किया जाएगा। यह ट्रस्ट एएसआइ के संपर्क भी है। क्योंकि यहां के अधिकांश स्मारक एएसआइ के संरक्षण में हैं।

     

    अयोध्या की तर्ज पर संभल की विजन डाक्यूमेंट्री तैयार कराने का निर्णय लिया है। उसके लिए कार्य भी शुरू हो गया है। इस विजन डाक्यूमेंट्री में संभल के तीर्थ, कूप, स्मारक और इतिहास के साथ बदलते हुए संभल की तस्वीरें शामिल होंगी। आगे का रोडमैप भी शामिल किया जाएगा। उधर, पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन की तरफ से भी संभल के वैभव को लेकर किताब तैयार हो रही है। जिसमें रिसर्च के बाद संभल के तीर्थ और कूपों का महत्व शामिल रहेगा। अभी इस किताब का नाम नहीं रखा गया है।

    - डा. राजेंद्र पैंसिया, डीएम, संभल


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