संभल हिंसा का दुबई कनेक्शन... 33 साल में देश-विदेश तक फैल गया शारिक साठा का अपराधिक नेटवर्क
Sambhal Violence Update News संभल हिंसा के पीछे शारिक साठा का नाम सामने आया है। 33 सालों में शारिक साठा ने देश-विदेश में अपना अपराधिक नेटवर्क फैलाया है। वह असलहों की तस्करी दिल्ली हरियाणा पंजाब में करता है। बंगाल आदि राज्यों में कारों की सप्लाई करता है। नोटों की सप्लाई में भी इसके गिरोह के लोग दिल्ली में पकड़े गए हैं।
जागरण संवाददाता, संभल। Sambhal News: शारिक साठा ने अपराध की दुनिया में कदम 1991 में रखा था। बताते हैं कि तब उसने गुजरात से चीनी भरकर ला रहे एक ट्रक को गायब किया था। उसके बाद अपराधिक मामलों में बढ़ता गया और वर्तमान में एक बड़ा नेटवर्क देश-विदेश तक फैला दिया।
इस पूरे नेटवर्क को साठा स्वयं ही हैंडल करता है। मूलरूप से थाना नखासा क्षेत्र का रहने वाला शारिक साठा ट्रक चालक था और अपने मामा का ट्रक चलाता था।
ट्रक चोरी से आपराधिक मामलों की शुरुआत
1991 में एक चीनी भरे ट्रक को गुजरात से लेकर आ रहा था लेकिन, वह ट्रक गायब कर दिया। उस मामले से ही उसके अपराधिक मामलों की शुरूआत हुई थी। फिर वाहन चोर, नोटों की तस्करी, विदेशी असलाहों की तस्करी के साथ-साथ अब संभल हिंसा में उसकी संलिप्तता मिली है। इसके खिलाफ संभल के साथ-साथ गैर राज्यों में भी लगभग 54 मामले दर्ज हैं। नखासा थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है और वर्ष 2012 से फरार चल रहा है।
पुलिस गिरफ्तार में मुल्ला अफरोज।
कार चोरी में भी आया शारिक साठा का नाम
वर्ष 201ृ5 में अमरोहा पुलिस व एसओजी ने 42 कारें पकड़ी थी। उसमें भी शारिक साठा का सामने आया था। फिर 2017 में रामपुर में कारें पकड़ी गई तो वहां पर भी शाारिक साठा प्रकाश में आया। देखा जाएं तो 1991 से अब तक यानि 33 साल के अंतराल में ही शारिक साठा ने अपना नेटवर्क देश भर में खड़ा कर दिया।
संभल के एसपी हैं केके बिश्नोई।
हथियारों की तस्करी भी करता है शारिक साठा
वह असलाहों की तस्करी दिल्ली, हरियाणा, पंजाब में करता है। बंगाल आदि राज्यों में कारों की सप्लाई करता है। नोटों की सप्लाई में भी इसके गिरोह के लोग दिल्ली में पकड़े गए हैं। खास बात यह है कि अलग-अलग काम के लिए गुर्गे हैं। लगातार उनके संपर्क में रहता है और कहां पर, किस समय, कौन सा सामान पहुंचाना है। इसके बारे में शारिक स्वयं अपने गुर्गों को बताता है। वह इस समय दुबई बताया गया है।
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60 की स्पीड पर बाइक को मोड़ने पर पड़ा साठा नाम
शारिक साठा नाम के पीछे का भी राज है। बताते हैं कि शारिक बाइक, कार और ट्रक चलाने में भी माहिर है। वह 60 की स्पीड पर बाइक को चलाते समय एक दम मोड़ देता है। इसलिए उसके नाम के पीछे साठा लगना शुरू हो गया है। तभी से लोग उसे शारिक साठा कहने लगे।
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