Sambhal Violence: शुक्रवार को 18 जमानत अर्जियों पर हुई सुनवाई, कोर्ट ने सभी को किया खारिज
संभल जामा मस्जिद सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के आरोप में गिरफ्तार 18 लोगों की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी गई। इससे पहले गुरुवार को भी 17 जमानत याचिकाएं खारिज की जा चुकी हैं। अब कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 7 मार्च की तारीख तय की है। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

जागरण संवाददाता, चंदौसी। संभल जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में शामिल होने के आरोपित 18 लोगों की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई हुई, जिसमें सभी के जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिए गए। बीते दिन गुरुवार को भी 17 जमानत प्रार्थना पत्रों को खारिज किया गया। जमानत अर्जियों पर सुनवाई के लिए अब कोर्ट ने सात मार्च की तारीख लगाई है।
संभल हिंसा में शामिल कोतवाली क्षेत्र के मुकदमा अपराध संख्या 333 में आरोपित रिहान, नदीम, रिहान अली, वहान, सुवहान उर्फ मुन्ना, मुकदमा अपराध संख्या 334 में आरोपित आफताब, मुहम्मद फैजान, याकूब, सुवहान उर्फ मुन्ना, मुकदमा अपराध संख्या 336 में सुवहान उर्फ मुन्ना एवं मुहम्मद अजीम, कोतवाली में ही दर्ज कराए गए मुकदमा अपराध संख्या 337 में आरोपित सलीम, नदीम, शारिक व रिहान की ओर से जमनत के लिए कोर्ट में अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से अर्जी दाखिल की थीं।
हिंसा के दौरान की तस्वीर - जागरण
इसके अलावा हिंसा में ही नखासा थाना में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 305 में अदनान व मुहम्मद आकिब जबकि इसी थाने में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 304 में आरोपित मुहम्मद आकिब और सुल्तान की ओर से दिए गए जमानत प्रार्थना पत्रों 28 फरवरी कोर्ट में सुनवाई हुई।
आज 18 जमानत प्रार्थना पत्रों पर हुई सुनवाई
हिंसा के आरोपितों की जमानत पर सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश रेप एंड पाक्सो निर्भय नारायण राय की अदालत में चल रही है। शुक्रवार को 18 जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई की गई। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं के साथ ही अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश उर्फ हरीश सैनी ने दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने सभी 18 जमानत प्रार्थना पत्रों को खारिज कर दिया।
27 फरवरी को भी जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश रेप एंड पाक्सो निर्भय नारायण राय ने 17 जमानत अर्जियों पर सुनवाई करने के बाद खारिज कर दिया गया था। अब तक संभल हिंसा में आरोपितों की ओर से कोर्ट दाखिल कराए गए 65 जमानत प्रार्थना पत्रों को निरस्त किया जा चुका है।
कैसे भड़की थी हिंसा?
संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किए जाने बाद पहले 19 नवंबर और दोबारा 24 नवंबर को मस्जिद का सर्वे किया गया। इसी दौरान हिंसा भड़क गई और जमकर पथराव, आगजनी, तोड़फोड़ और फायरिंग की गई। इसमें चार लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी।
इसके साथ ही पुलिस अधिकारियों समेत डेढ़ दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी गोली व पत्थर लगने से घायल हो गए थे। पुलिस की ओर से हिंसा में शामिल 37 लोगों को नामजद करते हुए 3750 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें अब तक 79 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय के माध्यम से जेल भेजा जा चुका है।
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