Sambhal News: संभल में अब मंदिरों की संपत्तियों की जुटाई जा रही डिटेल, बांके बिहारी मंदिर पहुंची राजस्व टीम
संभल जिले में मंदिरों के साथ ही अब उनके नाम पर जमीन और संपत्तियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। रविवार को ग्राम गनेशपुर में स्थित बांके बिहारी मंदिर का निरीक्षण करने के साथ ही राजस्व विभाग की टीम ने मंदिर के नाम जमीन की जानकारी जुटाई। 22 बीघा में बना विशाल मंदिर जिले की अहम ऐतिहासिक धरोहर होने के बाद भी जर्जर हालत में पहुंच गया है।

जागरण संवाददाता, चंदौसी। अब संभल जिले में मंदिरों के साथ ही उनके नाम पर कितनी जमीन व संपत्ति है, इसका ब्योरा जुटाया जा रहा है। रविवार को कुड़ फतेहगढ़ थाना क्षेत्र में आने वाले ग्राम गनेशपुर में स्थित बांके बिहारी मंदिर का निरीक्षण करने के साथ ही राजस्व विभाग की टीम ने मंदिर के नाम जमीन की जानकारी जुटाई। जमीन की देखरेख करने वाले के बारे में भी जानकारी हासिल की।
करीब 22 बीघा क्षेत्रफल में बना विशाल मंदिर जिले की अहम ऐतिहासिक धरोहर होने के बाद भी देखरेख के अभाव में जर्जर हालत में पहुंच गया है। यहां दो मंजिल नीचे बनी इमारत में मां गंगा की मूर्ति भी स्थापित है। एक बड़ा कुंड और उसके चारों ओर 32 कुआं भी बनवाए गए थे। जो अब पूरी तरह से बंद हो चुके हैं। कुंड भी सूखा पड़ा है। मंदिर के चारों ओर विशाल दरवाजे हैं। इसके साथ ही पांच दरवाजों को बंद भी कराया जा चुका है।
अहम बात यह है कि मंदिर के नाम पर करीब 90 बीघा जमीन है, जिसे मुरादाबाद में रहेने वाले एक व्यक्ति द्वारा पेशगी देकर प्रतिवर्ष मोटी आमदनी की जा रही है। मंदिर की इतनी जमीन से होने वाली आमदनी का पांच प्रतिशत भी इसकी देखरेख में लगाया गया होता तो यह दशा नहीं होती।
इस बारे में की गई एक शिकायत का संज्ञान लेकर तहसीलदार चंदौसी के साथ राजस्व विभाग की टीम गनेशपुर स्थित इस बांके बिहारी के मंदिर में पहुंची। पता लगा कि गांव के लोग मंदिर की साफ सफाई करने के लिए यहां आते थे, लेकिन केयर टेकर ने उनके आने पर व सफाई करने पर भी रोक लगा दी थी। राजस्व विभाग की टीम में ग्रामीणों से भी जानकारी की। इसके साथ ही मंदिर परिसर का निरीक्षण इसकी जमीन के बारे में भी पूछताछ की। अब केयर टेकर से बात करने का प्रयास किया जा रहा है।
जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
आखिर किस आधार पर मंदिर की जमीन पर वर्षों से कब्जा किए लोग मौज ले रहे हैं, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मंदिर परिसर का निरीक्षण करने के साथ ही मंदिर की जमीन का रिकॉर्ड देखा गया। करीब 90 बीघा उपजाऊ कृषि भूमि है। इसके बारे पूरी जानकारी करने के बाद जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
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