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    फ्लैश वॉलेट एप से ब्लैकमेलिंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, संभल पुलिस ने पांच को किया गिरफ्तार

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 05:41 PM (IST)

    Sambhal News | संभल में रजपुरा पुलिस ने फ्लैश वालेट एप के माध्यम से लोन रिकवरी के नाम पर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पांच सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं जबकि सरगना मोनू यादव फरार है। यह गिरोह फर्जी लोन एप से लोगों के डेटा और फोटो चुराकर उन्हें अश्लील बनाता था और परिचितों को भेजकर रंगदारी मांगता था।

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    फ्लैश वॉलेट एप से ब्लैकमेलिंग संभल पुलिस ने किया गिरोह का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, संभल। रजपुरा पुलिस ने मोबाइल एप फ्लैश वालेट के जरिये भोले-भाले लोगों को लोन रिकवरी का झांसा देकर ब्लैकमेल और रंगदारी मांगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है, पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है जबकि इसका मुख्य सरगना मोनू यादव उर्फ सोनू यादव फरार बताया जा रहा है।

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    इस कार्रवाई से साइबर ठगों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है और लोगों को भी संदेश दिया गया है कि अनवेरिफाइड मोबाइल एप डाउनलोड करना खतरनाक हो सकता है, जांच में सामने आया कि यह गिरोह फर्जी लोन एप डाउनलोड कराने के बाद पीड़ितों के मोबाइल की कांटेक्ट लिस्ट और फोटो तक पहुंच बनाकर उन्हें एडिट कर अश्लील बना देता था।

    फिर इंटरनेट मीडिया व व्हाट्सएप के जरिए उनके परिचितों तक भेजकर पीड़ितों को धमकाता था, इस गिरोह ने अब तक दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी देशभर में की है और सीआरपी पोर्टल पर दर्ज शिकायतों में वेस्ट बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान और तेलंगाना के कई मामले सामने आए हैं जिनमें लाखों रुपये की धोखाधड़ी दर्ज है।

    पुलिस लाइन सभागार में एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि यह मामला तब प्रकाश में जब एक सितंबर 2025 को कस्बा गवां ले शिवांश गौड़ ने थाना रजपुरा में शिकायत दर्ज कराई कि इंस्टाग्राम पर लोन का विज्ञापन देखकर उसने फ्लैश वालेट एप डाउनलोड किया, कुछ दिन बाद उसके मोबाइल पर पाकिस्तान नंबर से संदेश आया कि उस पर 5,355 रुपये का लोन बकाया है।

    इसके बाद अज्ञात लोगों ने उसका मोबाइल डाटा चुरा लिया, उसकी फोटो एडिट कर अश्लील बनाकर उसके परिचितों को भेज दी गई और एप काल के जरिए उसे गालियां देकर 50 हजार रुपये की रंगदारी मांगी गई।

     इसी शिकायत पर मुकदमा पंजीकृत कर एएसपी दक्षिणी अनुकृति शर्मा के नेतृत्व में जांच शुरू की गई और जब पुलिस ने एफआईआर में अंकित मोबाइल नंबरों पर काम किया तो बाबू यादव, दिनेश, अभिषेक राघव, मोहित शर्मा और नितुल के नाम सामने आए।

    इनमें नितुल अपनी आईडी से सिम कार्ड खरीदता था, जिन्हें गिरोह इस्तेमाल करता था और उसके नाम से पंद्रह अलग-अलग मोबाइल नंबर सक्रिय पाए गए, पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर इन पांचों को गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से छह मोबाइल फोन और ढाई हजार रुपये नगद बरामद किए, जबकि बाबू यादव के फोन में कई पीड़ितों के एडिट किए गए अश्लील फोटो और चैटिंग भी मिलीं।

    जांच से स्पष्ट हुआ कि पकड़े गए अभियुक्त पहले काल सेंटरों में काम करते थे और धीरे-धीरे आनलाइन ब्लैकमेलिंग और रंगदारी के इस धंधे में उतर आए, वे पिकसार्ट जैसे ऐप से फोटो एडिट कर अश्लील बनाते और फिर पीड़ितों के परिचितों को भेजकर उन्हें बदनाम करने की धमकी देते थे।

    फिलहाल पुलिस ने कोतवाली चंदौसी के इंदिरा कालोनी के बाबू यादव, हयात नगर थाना क्षेत्र के गांव धनेटा सोतीपुरा के दिनेश कुमार, हयात नगर के ही गांव एंचोली के अभिषेक राघव बदायूं जिले के थाना बिसौली के गांव भानपुर का मोहित शर्मा और हयात नगर के गांव एंचोली के नीतुल कुमार को गिरफ्तार किया है जबकि मोनू यादव फरार है।

    गिरोह के विरुद्ध दर्ज हुईं थी कई शिकायतें

    इस गिरोह का शिकार बने लोगों में से कई ने 1930 और साइबर क्राइम पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर शिकायतें दर्ज कराई थीं जिसके आधार पर यह कार्रवाई संभव हो पाई, गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब फरार सरगना की तलाश में जुट गई है, साथ ही गिरोह के बैंक खातों की जांच भी की जा रही है, जिनमें भारी धनराशि का लेन-देन पाया गया है।

    यह भी सामने आया है कि मोनू यादव के खाते से जुड़ी चार अलग-अलग राज्यों की शिकायतें दर्ज हैं जिनमें एक मामले में 1.71 करोड़ रुपये का बड़ा फ्रॉड हुआ है।

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