संभल फिर चर्चा में, इस बार नहीं लगेगा नेजा मेला; पुलिस ने कहा- गजनवी के भांजे के नाम पर नहीं लगने देंगे मेला
संभल में सैकड़ों वर्षों से आयोजित होने वाला नेजा मेला इस बार नहीं लगेगा। पुलिस प्रशासन ने मेले की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। एएसपी श्रीशचंद्र ने ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, संभल। सैकड़ों साल से लगता आ रहा नेजा मेला अब नहीं लगेगा। इसके लिए अपर पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि अगर मेले का आयोजन किया गया तो आयोजकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मेले की शुरुआत होली के बाद पड़ने वाले मंगलवार को नेजा ढाल गाढ़ने से होती है। यह ढाल 18 मार्च को गाड़ी जानी थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने इसे पूरी तरह गलत करार देते हुए मेले का आयोजन नहीं करने की हिदायत दी है।
क्रूर आक्रांता सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर हर वर्ष लगने वाले नेजा मेला की ढाल संभल कोतवाली के सामने गाढ़ी जाती थी। इसके एक सप्ताह बाद अगले मंगलवार को चंदौसी रोड स्थित ग्राम शाहपुर सूरा नगला से मेले की शुरुआत होती थी। अगले दिन शहर के नगर पालिका मैदान में और बाद में ग्राम बादल गुम्बद में मेले का आयोजन किया जाता था।
तीन दिन तक चलने वाले इस मेले को लेकर पहले से तैयारी की जाती है। मेले के दूसरे दिन नगर पालिका में स्थित मजार पर चादरपोशी की जाती है। मेले में हजारों लोगों की भीड़ जुटती है। सैकड़ों की संख्या में अस्थाई दुकानें लगाई जाती हैं और खेल-तमाशे व झूलों के साथ ही अन्य मनोरंजन के साधन भी रहते हैं।
पुलिस ने नहीं दी मेला लगाने की अनुमति
इस बार पुलिस ने मेला लगाने की इजाजत नहीं दी है। अपर पुलिस अधीक्षक श्रीशचंद्र का कहना था कि सोमनाथ मंदिर के लुटेरे की याद में लगने वाले मेले को किसी भी दशा में नहीं लगने दिया जाएगा। कहा कि कोई कुरीति सालों से चली आ रही है तो उसे बदलने की जरूरत है।
गजनवी के भांजे मसूद गाज़ी ने भारत में क्रूरता की थी। ऐसे लुटेरे-हत्यारे देशद्रोही की याद में मेला लगाने वाले भी देशद्रोही होंगे। उन्होंने दो टूक कहा है कि मेले का आयोजन किसी भी दशा में नहीं होने दिया जाएगा।
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धार्मिक नगर नेजा कमेटी की ओर से झंडा बरदार शाहिद अली मसूदी व सचिव कारी कमाल को उस समय मेले का आयोजन किसी भी दशा में न करने की हिदायत दी जब वह इसके लिए पुलिस प्रशासन से अनुमति लेने गए थे। बता दें कि पिछले साल भी कमेटी की ओर से निर्धारित तारीख के बाद मेला लगाने की कोशिश की गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने मेला नहीं लगने दिया था।
यहां पर सैकड़ों साल से नेजा मेले का आयोजन किया जाता रहा है। इस बार के लिए करीब दस दिन पहले भी एसडीएम को मेला आयोजन के बारे में सूचना देकर 18 मार्च को ढाल गाढ़े जाने तथा 25 से 27 मार्च तक नेजा मेला लगाए जाने के बारे में अवगत कराया गया था। सोमवार को कोतवाली में बैठक के दौरान एएसपी ने कहा कि सालार मसूद गाजी की याद में कोई मेला नहीं लगाने दिया जाएगा। अब हम उच्चाधिकारियों से मिलकर अपनी बात रखते हुए समस्या समाधान की मांग करेंगे। जहां सैकडों साल पुराने इस नेजा मेला को कराने की बात कही जाएगी। होली के बाद पहले मंगलवार को नेजा ढाल गाढ़े जाने की प्रथा चली आ रही है। हमने इतिहास नहीं पढ़ा है। ऐसे में जो कोई कुछ कहता है कहता रहे। हम इस बात को नहीं मानते हैं। शाहिद हुसैन मसूदी, अध्यक्ष धार्मिक नगर नेजा कमेटी संभल
कौन था सैयद सलार मसूद गाजी
बताया जाता है कि सैयद सलार मसूद गाजी विदेशी आक्रमणकारी था, जिसने 1000 ईस्वी से 1027 ईस्वी के बीच भारत पर करीब 17 बार आक्रमण किया था, जिसमें सोमनाथ मंदिर सहित कई महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया था। साथ ही बड़े स्तर पर कत्लेआम किया गया था।
इतना ही नहीं कहा जाता है कि उस समय सैयद सलार मसूद गाजी की सेना की एक टुकड़ी संभल तक पहुंची थी और यहां पर उनके अनुयायियों ने अपनी परंपरा को जारी रखते हुए यह मेला शुरू किया था और उसके बाद से यह मेला सैकड़ों वर्षों से इसी दिन आयोजित किया जा रहा है।
वहीं मंगलवार को मेले के आयोजन को लेकर कहा जाता है कि इस्लाम और विशेष रूप से सूफी परंपरा में कुछ खास दिनों को महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मंगलवार का दिन सैयद सलार मसूद गाजी से जुड़े अनुयायियों के लिए खासा महत्व है और इसलिए इसे शुभ दिन माना जाता है।
वहीं होली के बाद आयोजन को लेकर कहा कि पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली का आयोजन किया जाता है। जहां उसके तुरंत बाद चैत्र मास शुरू होता है। ऐसे में संभवत यह मेला हिंदू और मुस्लिम संप्रदाय के बीच सांस्कृतिक मेलजोल को दर्शाता है।

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