चौथे दिन भी शिक्षा मंत्री के आवास पर डटे रहे शिक्षक, बोले- बिना स्थानांतरण सूची लिए नहीं हिलने वाले
चंदौसी से ऑफ़लाइन स्थानांतरण अनुमोदन की मांग को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी के आवास पर शिक्षकों का धरना चौथे दिन भी जारी रहा। शिक्षकों का कहना है कि जब तक स्थानांतरण सूची नहीं मिल जाती वे यहीं रहेंगे। कई शिक्षक संघों ने भी शिक्षकों का समर्थन किया है। अपनी समस्याओं को लेकर शिक्षक मंत्री के आवास पर डटे हुए हैं।

जागरण संवाददाता, चंदौसी । आफलाइन स्थानांतरण फाइल के अनुमोदन मामले में शिक्षक चौथे दिन रविवार को भी माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी के आवास पर डटे रहे। शिक्षकों का कहना है कि जब तक स्थानांतरण सूची उनको नहीं मिल जाती तक वे यहां से नहीं हिलने वाले।
रविवार को अन्य दिनों की अपेक्षा बड़ी संख्या में शिक्षक धरने पर मौजूद रहे। इस दौरान चंदेल गुट के पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर शिक्षकों को समर्थन दिया। शिक्षकों को दावा रविवार शाम से शिक्षकों की संख्या में और बढ़ोतरी होगी।
आफलाइन स्थानांतरण फाइल के अनुमोदन की मांग को लेकर प्रदेश भर से सैकड़ों शिक्षक 25 सितंबर से माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी के आवास पर धरना दे रहे हैं। गुरुवार को लखनऊ जाने से पहले राज्यमंत्री ने शिक्षकों से बात कर कहा था कि यह अनुमोदन उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। शिक्षकों ने राज्यमंत्री की ओर से दिए गए जवाब पर असंतोष जताया और कहा कि आफलाइन आवेदन मांगे जाने पर सवाल खड़े किए गए थे।
सीएम से वार्ता की कही थी बात
हालांकि शुक्रवार देर शाम लखनऊ में हुई बैठक के बाद राज्यमंत्री शिक्षकों को आश्वासन देते हुए कहा था कि उन्होंने मुख्यमंत्री से इस संबंध में वार्ता की है और उन्होंने भी इस संबंध में पूर्ण समाधान का आश्वासन दिया है। जल्द ही सभी आवेदनों का अनुमोदन कर दिया जाएगा। जिसके बाद माना जा रहा था कि शिक्षक अपना धरना समाप्त कर सकते हैं। लेकिन शिक्षक शनिवार को भी पूरे दिन धरने पर बैठे रहे।
शनिवार को धरने के दौरान उत्तर प्रदेश शिक्षक महासभा के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल कुमार, शर्मा गुट के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य डा. सुनील गिरी, माध्यमिक संगठन शिक्षक महासंघ के अनिल कुमार भी शिक्षकों को समर्थन देने पहुंचे। शिक्षकों के दावे के अनुरूप रविवार को लगभग दोगुनी संख्या में शिक्षक धरने में शामिल हुए, बताया जा रहा है कि शाम तक लगभग 600 चंदौसी पहुंच चुके थे।
सभी का कहना है कि जब तक उन्हें स्थानांतरण सूची नहीं मिल जाती तब तक उनका धरना जारी रहेगा। धरने में शुभेंद्र शरण त्रिपाठी, संदीप कुमार, प्रेमपाल सिंह, राकेश कुमार, अरुण पाल आत्रे, अरुण मलिक, पंकज शर्मा, प्रियांक यादव, प्रभा, शीतल, सोनी, इंद्र कला, बिनीता, अमृतराज, सौम्या, राजरानी, पूजा मौर्य, उषा आदि मौजूद रहीं।
आंदोलित शिक्षकों का सहारा बने रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड
स्थानांतरण की मांग को लेकर राज्यमंत्री के आवास पर बैठे शिक्षकों के लिए रेेलवे स्टेशन और बस स्टैंड सहारा बने हुए हैं। इतनी संख्या में मौजूद शिक्षकों के लिए सुविधा न होने कारण नित्यकर्म के लिए उन्हें रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और पेट्रोल पंपों का सहारा लेना पड़ रहा है।
शिक्षकों का कहना है कि हम यहां अपनी मांग शांतिपूर्वक रखने आए हैं। लेकिन फिर भी तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंत्री के कैंप कार्यालय में आगंतुकों के लिए बने हाल में ही सभी शिक्षक मजबूरी में सो रहे हैं। कम जगह और गर्मी होने के कारण कुछ शिक्षक रात में खुले में भी सोने को मजबूर हैं।
कैंप कार्यालय में एक शौचालय तो है पर उसमें पानी की सप्लाई नहीं हो रही। शिक्षकों का कहना है कि हम में से कुछ का व्रत है पर कुछ लोग घूमते फिरते खा पी रहे हैं। आराम भी पालियों में किया जा रहा है। कुछ अंदर होते हैं तो कुछ लोग बाहर कुर्सियों पर बैठते हैं। इसके अलावा हाल में अक्सर घंटों तक बिजली गुल हो जाती है। कभी-कभी पुलिस भी आकर अपने तेवर दिखा जाती है।
बातचीत में उभरी शिक्षकों की पीड़ा
मंत्री से लेकर विशेष सचिव तक, कई बार लिखित और मौखिक आश्वासन मिल चुके हैं। हर बार लगता था कि इस बार काम हो जाएगा, पर हमेशा एक नया आश्वासन ही दिया जाता था। इस बार भी मंत्री की ओर से हमें तीन से सात दिन का समय दिया गया है। इसलिए इस बार जब तक सूची हाथ में नहीं आती तब हमारा धरना जारी रहेगा। -शुभेंद्र शरण त्रिपाठी
पति भी शिक्षक हैं पर उनकी पोस्टिंग लखीमपुर में हैं। छह महीने का बच्चा भी है। पूरा परिवार बिखरा हुआ है, न खुद को देख पाते हैं और न ही परिवार को। मंत्री जी से बहुत नहीं मांग रहे बस यही तो कह रहे हैं परिवार को एक कर दें। यह तो सरकार की ही गाइडलाइन कि पति अगर दोनों जाब में हैं तो उन्हें ट्रांसफर में प्राथमिकता मिलनी चाहिए। -सरिता वर्मा
मैं और मेरी पत्नी दोनों शिक्षक हैं। मेरी पोस्टिंग फिरोजाबाद में है जबकि पत्नी वंदना यादव इस समय बुलंदशहर में कार्यरत हैं। वह असाध्य रोगों से पीड़ित है। बच्चे भी दोनों जगह आने जाने परेशान रहते हैं। परिवार में बुजुर्ग माता-पिता है और उन्हें भी सेवा की जरूरत है। मंत्री से निवेदन है कि वह हमारे अनुनय को सुनकर जल्द की समस्या का समाधान करें। -सुनील कुमार यादव
मेरी पोस्टिंग बुलंदशहर में हैं, जबकि मैंने लखीमपुर ट्रांसफर के लिए मांग की है। यहां मेरा घर भी है और मायका भी। न चाहते हुए परिवार दो जगह बंटा हुआ है। सास-ससुर और माता-पिता बुजुर्ग हैं और बीमार रहते हैं। पति भी जाब करते हैं। हमारी तो मुख्यमंत्री से भी यही मांग की है स्थानांतरण सूची जल्द जारी की जाए। - रुबी वर्मा
धरने में दिव्यांग शिक्षक भी शामिल
अन्य शिक्षकों की तरह दिव्यांग शिक्षक गुलशन कुमार भी इस आफलाइन स्थानांतरण नीति से पीड़ित हैं। उनकी पत्नी भी दिव्यांग हैं। परिवार के चलते गुलशन ने अलीगढ़ से जौनपुर के लिए स्थानांतरण मांगा है, लेकिन यह प्रक्रिया अधर में लटकी होने के कारण वह भी धरना देने के लिए मजबूर हैं। शनिवार को वह भी धरने में शामिल हुए थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।