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    इस वजह से Chandausi Cold storage की इमारत भरभराकर गिरी, कमाई के चक्कर में नियमों को रखा गया ताक पर

    By Jagran NewsEdited By: Nitesh Srivastava
    Updated: Fri, 17 Mar 2023 10:01 AM (IST)

    ग्रामीणों की मानें तो हाल यह था कि कमाई के चक्कर में कोल्ड स्टोरेज मालिक ने महज तीन से चार माह में इसे बनाकर तैयार कर दिया था। आलू की बंपर पैदावार की ...और पढ़ें

    चंदौसी में कोल्ड स्टोरेज का चैंबर गिरने के बाद मलबे में दबे मजदूारों को सुरक्षित निकलता एसडीआरएफ का जवान

    राघवेन्द्र शुक्ल, चंदौसी। इस्लामनगर रोड पर ओरछी चौराहा के निकट बने एआर कोल्ड स्टोरेज बना तो पहले था, लेकिन कमाई के लिए जिम्मेदारों ने नियमों को ताक पर रख दिया। पहले से बने कोल्ड स्टोरेज की दीवारों में ही छह-छह इंच के छेद करके तकरीबन 2500 से 3000 स्क्वायर फीट का लिंटर भी कर दिया। लिंटर भी चार इंच से ज्यादा मोटाई का रहा। ऐसे में ध्वस्त बिल्डिंग में न कालम दिखा और न ही पर्याप्त पिलर।

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    कमाई के चक्कर में खतरे में डाली जान

    ग्रामीणों की मानें तो हाल यह था कि कमाई के चक्कर में कोल्ड स्टोरेज मालिक ने महज तीन से चार माह में इसे बनाकर तैयार कर दिया था। आलू की बंपर पैदावार की आहट के बीच हुए इस नियम विरुद्ध काम ने कइयों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया। चंदौसी रोड स्थित कोल्ड स्टोरेज तकरीबन 40 फीट ऊंचा पहले से ही बनकर तैयार है।

    चार महीने पहले कराया नया निर्माण

    इस कोल्ड स्टोरेज के पश्चिमी सड़क वाले भाग की दीवार पर तकरीबन चार माह पहले आनन फानन में नया निर्माण कराया गया। दीवार के बीच आठ पिलर तकरीबन दस-दस फीट की दूरी पर पहले से ही बने हैं, जिस पर पुरानी बिल्डिंग खड़ी है। इसी दीवार के सहारे तीन मंजिल में 10-10 छह इंच के छेद करके सरिया घुसाया गया लिंटर हो गया। सामने की तरफ कुछ पिलर भी दिए गए लेकिन जब दीवार में छह इंच का छेद कर लिंटर पड़ा तो पिलर की गहराई का अनुमान भी आसानी से लगाया जा सकता है।

    बाहर हाउसफुल का बोर्ड अंदर लोडिंग...

    जब यह बनकर तैयार हुआ तो इसमें आलू का स्टोरेज भी शुरू कर दिया गया। आसपास के लोगों की मानें तो इसकी क्षमता एक लाख कट्टों की बताई गई। इसमें सभी फुल थे। बाहर हाउसफुल का बोर्ड तक लगा दिया गया था। इसके बाद भी आलू लदे ट्रैक्टर ट्राली न केवल आ जा रहे थे, बल्कि दो दर्जन से ज्यादा पल्लेदार काम में भी जुटे थे। इसमें से तमाम हादसे का शिकार भी हुए।

    क्षमता से ज्यादा भार बना कारण 

    जब लिंटर गिरा तो आलू के कट्टों पर ही यह टिक गया लेकिन कोल्ड स्टोरेज के नए निर्माण के अंदर चार मंजिल बनाया गया था, जिसे लोहे के जाली के द्वारा बांटा गया था। इन जालियों पर भी आलू के कट्टे रखे गए थे। जब कोल्ड स्टोरेज की छत गिरी तो क्षमता से ज्यादा भार का खामियाजा निर्दोंष जान को भुगतना पड़ रहा है।

    छह की जगह आठ लेयर में रखे थे आलू के कट्टे

    जब लिंटर गिरा तो यह दिखा कि उसके चार मंजिल भाग में प्रत्येक में आठ लेयर में आलू के कट्टे रखे गए थे। जबकि अधिकतम पांच या छह लेयर ही रखना चाहिए था। हाल यह था कि आलू के कट्टे छत को छू रहे थे। भार इतना ज्यादा था कि भवन ही भरभराकर गिर गया।

    जानकारों का अनुमान, आलू के भार से गिरा होगा पिलर

    लोगों का अनुमान है कि इस भवन के आगे तरफ जो पिलर दिए गए थे वह मानक के अनुरूप नहीं थे। नतीजतन जब आलू के कट्टे भरे गए तो इसके भार से पिलर अपनी जगह से खिसका होगा या गिरा होगा। इसके बाद ही लिंटर नीचे आकर आलू के कट्टे पर रुका। लिंटर के भार से चारों मंजिल पर रखे कट्टे नीचे गिरे और लोग दब गए।