सारी रात चली पंचायत, सुबह हो गया मौत का सौदा; सोने-चांदी के जेवर देने की हुई बात… पुलिस को भनक तक नहीं लगी!
संभल के असमोली थाना क्षेत्र में एक युवक की चाचा ने गला दबाकर हत्या कर दी। युवक का काम न करने से पिता परेशान था और उसने चाचा से शिकायत की थी। चाचा ने समझाने के बाद मारपीट की और युवक की हत्या कर दी। पुलिस को घटना की भनक नहीं लगी और दोनों पक्षों में पंचायत के बाद तीन लाख रुपये और दहेज के सामान की सहमति बनी।

संवाद सहयोगी, संभल। असमोली थाना क्षेत्र के एक गांव में काम न करने को लेकर चाचा ने युवक के साथ मारपीट की। साथ ही गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद भी जब मन नहीं भरा तो लात-घूंसों से पीटा, जबकि पिता मूकदर्शक बना तमाशा देखता रहा।
पति को पिटता देख की पत्नी की चीख निकल गई। उसने मायके वालों को फोन कर घटना की जानकारी दी। करीब 50-60 लोग मायके से आ गए और हंगामा शुरू कर दिया।
जिम्मेदारों के बीच दोनों पक्षों में पंचायतों का दौर चला, जिसमें तीन लाख रुपये समेत दहेज और सोने-चांदी के जेवर मायके वालों को दिए जाने की सहमति बनी। वहीं, पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग सकी।
युवक के काम न करने से पिता था परेशान
युवक का निकाह अमरोहा जिले के एक गांव निवासी युवती से मुस्लिम रीति रिवाजों के साथ तीन माह पहले हुआ था। दोनों का पति पत्नी का दांपत्य जीवन सही चल रहा है, लेकिन निकाह के बाद भी पिता युवक के काम ना करने को लेकर परेशान था। उसने कई बार बेटे से काम करने की बात कही, लेकिन वह टालमटोल कर देता था।
पिता ने ही की थी चाचा से शिकायत
परेशान पिता ने इसकी शिकायत अपने छोटे भाई यानी युवक के चाचा से की। मंगलवार की शाम चाचा युवक के घर पहुंच गया और उसे समझाने लगा। इसी बात को लेकर दोनों चाचा भतीजों में कहासुनी हो गई। विवाद बढ़ा तो मामला मारपीट तक पहुंच गया।
इस दौरान चाचा ने उसका गला पकड़ा और उसे कोठरी में ले गया। दरवाजा बंद करने के साथ ही पिता के सामने चाचा ने अपने भतीजे की गर्दन पकड़ ली और जमीन पर लेटा दिया। गला दबने पर युवक काफी देर तक अपने को छुड़ाने के लिए छटपटाता रहा, लेकिन बेरहम चाचा ने गला दबाने के साथ ही उसपर घूंसे मारने शुरू कर दिए, जिससे युवक की जान चली गई।
सारी रात चला पंचायतों का दौरा
इसके बाद भी चाचा का जब मन नहीं भरा तो उसे लातों से पीटना शुरू कर दिया। पति को पिटता देखकर पत्नी की चीख निकल गई। आनन-फानन में उसने अपने मायके वालों को फोन कर मामले की जानकारी दी, जिसके बाद करीब 50-60 लोग बेटी की ससुराल पहुंच गए।
जहां उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। ग्रामीणों की भी भीड़ लगनी शुरू हो गई, वहां पहुंचे जिम्मेदारों ने उन्हें शांत कराया और दोनों पक्षों में बैठकर वार्ता कराई। हालांकि, सारी रात पंचायतों का दौर चलता रहा।
बड़ी बात यह है कि पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। रात भर पंचायत के बाद दोनों पक्षों में यह सहमति बनी कि दहेज में दिया सामान और आभूषण समेत तीन लाख मृतक की पत्नी को देने होंगे, जिसके बाद वह मायके में ही रहेगी। बुधवार की सुबह शव काे सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।
असमोली थाना प्रभारी योगेश कुमार का कहना है कि घटना के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है, यदि तहरीर आती है तो कार्रवाई की जाएगी।
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