संभल में अराजकता फैलाने वालों पर लगेगा एनएसए, संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बरकरार
संभल में जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किए जाने और अदालती आदेश पर हुए सर्वे के बाद हुई हिंसा के बाद शहर में स्थिति सामान्य हो रही है। बाजारों में रौनक लौट आई है लेकिन संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है। पुलिस ने उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए हैं और उनके खिलाफ चार्जशीट लगाने की तैयारी है। पत्थरबाजों के खिलाफ एनएसए भी लगाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, संभल। जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किए जाने, फिर अदालती आदेश पर हुए सर्वे के बाद भड़की हिंसा के बाद शहर में तेजी से स्थिति सामान्य हो रही है। बाजारों में रौनक लौट आई है, मगर संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था अब भी कड़ी है।
वहीं, शहर को अराजकता की आग में झोंकने वालों के खिलाफ लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। उपद्रवियों के पोस्टर जारी करने के बाद अब उनके खिलाफ चार्जशीट लगाने की तैयारी है। इतना ही नहीं, चिह्नित किए जा चुके पत्थरबाजों के खिलाफ एनएसए भी लगाया जाएगा। इधर, मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहयोग के लिए क्यूआर कोड जारी कर चंदा मांगा जा रहा है।
दिल्ली, एनसीआर के अलावा उत्तराखंड में छिपे आरोपी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, दिल्ली, एनसीआर के अलावा उत्तराखंड के कुछ जिलों में भी आरोपियों के छिपे होने की आशंका में टीमें उन्हें दबोचने के प्रयास में लगी हैं। अहम बात यह है कि आरोपियों ने मोबाइल का इस्तेमाल बंद कर दिया है, जिससे उनतक पहुंचने में पुलिस को दिक्कत आ रही है।
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है कि जिन उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए गए हैं, उन्हें जल्द ही सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा कराया जाएगा। जो भी व्यक्ति इनके बारे में पुलिस को सूचना देगा उसकी पहचान गोपनीय रखते हुए इनाम भी दिया जाएगा। पत्थरबाजों की सघन तलाश की जा रही है। शहर में अब पूरी तरह शांति व्यवस्था बनी हुई है।
24 नवंबर को हुआ था बवाल
19 नवंबर को आठ लोगों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दावा पेश किया था। इसमें कहा गया था कि हरिहर मंदिर तोड़कर जामा मस्जिद का निर्माण कराया गया है। इसको लेकर अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था। उसी दिन सर्वे कराया गया, लेकिन रात होने और भीड़ लगातार बढ़ने के कारण इसे बाद में पूरा करने का निर्णय एडवोकेट कमिश्नर द्वारा लिया गया।
24 नवंबर की सुबह दोनों पक्षों के लोगों के साथ एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव टीम के साथ पहुंच गए थे, तभी सर्वे का विरोध करते हुए भीड़ ने पुलिस के ऊपर पथराव कर दिया। फाय¨रग भी हुई जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी घायल हुए थे। पुलिस ने 37 ज्ञात व 3750 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद 250 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी किए थे।
संभल जाने को लेकर कांग्रेस नेताओं और पुलिस में हुई झड़प
संभल हिंसा के पीड़ितों से मिलने जा रहे कांग्रेस नेताओं व पुलिस के बीच सोमवार को जमकर झड़प हुई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय सहित तमाम नेताओं को पुलिस ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर ही रोक दिया। तीखी बहस व झड़प हुई, लेकिन पुलिस ने उन्हें संभल नहीं जाने दिया।
इस पर मुख्यालय के बाहर ही कांग्रेस नेताओं ने धरना दिया। कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना एवं सहित कई नेताओं को पुलिस ने उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया।
अजय राय ने कहा कि सरकार ने 30 नवंबर तक संभल जाने पर रोक लगा रखी थी, इसलिए कांग्रेस ने दो दिसंबर को वहां जाने की घोषणा की थी। अब 10 दिसंबर तक रोक बढ़ा दी है। इसलिए कांग्रेस नेता 10 दिसंबर के बाद संभल जाकर पीड़ित परिवारों से मिलेंगे।
गाजियाबाद में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर यूपी गेट के पास सोमवार को दिल्ली से संभल जा रहे कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी, प्रदेश सचिव नसीम खान सहित पार्टी के अन्य नेताओं को पुलिस ने रोक दिया, जिस पर कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित सभी नेताओं को दिल्ली सीमा में वापस भेज दिया।
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