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    PMJJB योजना में बड़ा स्कैम: मृत को जीवित बताकर कराते बीमा, फर्जी पॉलिसी से लाखों हड़पने वाले गिरोह का पर्दाफाश

    Updated: Sat, 15 Feb 2025 07:57 PM (IST)

    संभल में एक अंतर्राज्यीय बीमा स्कैम गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है जिसके सदस्य जीवन बीमा और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा के क्लेम हड़प रहे थे। गिरफ्तार आरोपितों के पास से बड़े स्तर पर फर्जी दस्तावेज बैंकों की फर्जी मुहरें और मृत्यु प्रमाण पत्र बरामद हुए हैं। इस गिरोह का मास्टरमाइंड ओंकारेश्वर मिश्रा है जो दो कंपनियों का इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर था।

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    मृतकों के नाम पर बीमा कराकर करते थे क्लेम। पुलिस ने किया गिरफ्तार। (तस्वीर जागरण)

    संवाद सहयोगी, बहजोई (संभल)। अंतर्राज्यीय बीमा गिरोह के सदस्यों की एक और परत खुली है, जिसमें छह आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के सदस्य जीवन बीमा के साथ-साथ पीएम जीवन ज्योति बीमा के क्लेम भी हड़प लेते थे।

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    उनके पास से बड़े स्तर पर फर्जी दस्तावेज, बैंकों की फर्जी मुहरें और मृत्यु प्रमाण पत्र के अलावा पैन कार्ड लैपटॉप आदि बरामद हुए हैं। दो आरोपित मोबाइल कंपनी के एजेंट हैं, जिनके द्वारा फर्जी तरीके से सिम जारी किए गए, इन सिमों को इस गिरोह के सदस्यों द्वारा खाता खोलने में दुरुपयोग किया जाता है।

    अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी अनुकृति शर्मा के नेतृत्व में चल रही बीमा गिरोह की जांच के बाद एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने एक और पर्दाफाश किया है। गिरफ्तार एक आशा कार्यकर्ता समेत छह लोगों के पास से विभिन्न बैंकों की 81 पासबुक, 16 चेक बुक, 35 डेबिट कार्ड, 25 आधार कार्ड, 18 पैन कार्ड, 51 बीमा पॉलिसी के फॉर्म, 31 मृत्यु प्रमाण पत्र और 17 जीवन बीमा पालिसी के बंद के अलावा दो लैपटॉप पांच मोबाइल और सात भिन्न-भिन्न कंपनियों के सिम भी प्राप्त हुए हैं।

    18 सील मुहरें भी बरामद हुईं

    खास बात यह है कि उनके पास से 18 सील मुहरें भी बरामद हुई हैं, जिसमें राष्ट्रीकृत बैंकों की सील मोहर शामिल है। यह कार्रवाई पुलिस ने बीमा गिरोह के मास्टरमाइंड ओंकारेश्वर मिश्रा से मिले कागजात और पूछताछ के आधार पर आगे बढ़ाई है।

    इसमें धनारी थाना क्षेत्र के गांव भैयापुर के शाहरुख खान और धनारी स्टेशन के संजू रूफ रूप किशोर, रजपुरा थाना क्षेत्र के मेहुआ हसनगंज के हीरेंद्र कुमार, कोतवाली गुन्नौर के कस्बा बबराला के प्रेमपाल और रजपुरा थाना क्षेत्र के गांव रजापुर की प्रेम सिंह के अलावा बुलंदशहर जिले की थाना डिबाई क्षेत्र के गांव बाधौर की नीलम को गिरफ्तार किया है, नीलम आशा कार्यकर्ता है, जबकि प्रेमपाल और प्रेम सिंह के द्वारा फर्जी तरीके से सिम देने का काम किया जाता हैक्योंकि दोनों ही युवक एक मोबाइल कंपनी के पोज एजेंट है जिनके पास से भी पुलिस ने फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं।

    बरामद अभिलेख कई राज्यों के लोगों से संबंधित हैं

    बरामद किए गए अभिलेखों में राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के रहने वाले व्यक्तियों से संबंधित हैं जो या तो खुद जीवन बीमा की पॉलिसी धारक हैं या फिर मृतक के नॉमिनी हैं। सदस्यों द्वारा जीवन बीमा पॉलिसी के साथ-साथ प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा के अंतर्गत भी क्लेम हड़पने का कार्य किया जाता है।

    इसमें 18 से 50 वर्ष तक के आयु के व्यक्ति की मृत्यु के बाद दो लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है। पुलिस ने दो ऐसे मामले भी उजागर किए हैं, जिसमें कैंसर से मरे व्यक्ति को छह महीने बाद बीमा कराया गया। दो अलग-अलग कंपनियों से बीमा करने के बाद उसे जिंदा दिखाकर उसे अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया और कार्डियोपलमोनरी अरेस्ट/ हृदय घात दिखाकर उसकी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया। जिसके आधार पर बीमा के लिए निकाला गया।

    दूसरा मामला गाजियाबाद के व्यक्ति का है, जिसकी मृत्यु के करीब तीन महीने बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया और मृत्यु का कारण आकस्मिक दिखाया गया। जिसके नाम पर भी दो अलग-अलग कंपनियों से बीमा पॉलिसी कराई गई।

    45 दिन में तैयार करते थे बीमा पॉलिसी

    प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत व्यक्तियों की पॉलिसी के लिए क्लेम दाखिल करने को 45 दिन का अंतर होना चाहिए और इसी अंतर को पाटने के लिए गिरोह के सदस्य व्यक्ति की मृत्यु के बाद बीमा करते और उसके 45 दिन के बाद का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाते, जिससे क्लेम हड़पने का काम किया जाता।

    फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र को सत्यापित करता था इंश्योरेंस कंपनी का इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर

    जांच में यह भी पर्दाफाश हुआ है कि इस गिरोह का मुख्य सरगना ओंकारेश्वर मिश्रा, जो कि दो कंपनियों का इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर था। इसी के द्वारा विभिन्न अभिलेख और क्लेम के दौरान दाखिल किए गए मृत्यु प्रमाण पत्र का सत्यापन करता। अगर गिरोह के सदस्य फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र भी लगा देते तो भी सांठगांठ करके उसका सत्यापन सही कराते हुए कंपनी से क्लेम की मांग की जाती है।

    फर्जी आईडी पर फर्जी सिम से नॉमिनी को करते थे गुमराह

    गिरफ्तार प्रेमपाल और प्रेम सिंह गिरोह के सदस्यों के द्वारा उपलब्ध कराई गई अलग-अलग आईडी के आधार पर फर्जी तरीके से सिम जारी करते और इन सदस्यों को उपलब्ध करा देते। इस सिम कार्ड के मोबाइल नंबर का प्रयोग नॉमिनी के खाता खुलवाने के लिए किया जाता और उसी में ट्रांजेक्शन के विवरण भी प्राप्त होते।

    बैंक और बीमा कंपनी के अधिकारियों के फोन कॉल और मैसेज इन्हीं सिम पर प्राप्त होते हैं, जिससे नॉमिनी को इसकी जानकारी नहीं होती थी, क्योंकि इन सिमों का संचालन भी गिरोह के सदस्य को नहीं करते थे। खाते में पैसे कब आए, खाता कब खुला, कितने पैसे आए, यह सब डिटेल नॉमिनी के पास नहीं पहुंचती थी।

    प्रेम सिंह के द्वारा ही एक मोबाइल सिम फर्जी तरीके से जारी किया था। इसके संबंध में बुलंदशहर के पहासु क्षेत्र के मोहल्ला चमारान कला अशोकनगर की रुखसार पत्नी असलम ने भी कोतवाली गुन्नौर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि अनूपशहर के बैंक येस बैंक में संचालित खाते से पति की बीमा की धनराशि की निकासी की गई। जिसमें मोबाइल नंबर रुक्सार नहीं था।

    इसके अलावा कोतवाली गुन्नौर में कस्बा बबराला के राजू गिरी ने भी हाल ही में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें उसने दावा किया था कि लोन दिलाने के नाम पर उससे दो लोगों ने आधार कार्ड ले लिया गया और फिर इसका दुरुपयोग कर सिम निकाल ली गई। इस मोबाइल नंबर का प्रयोग क्लेम हड़पने की एक खाते में हुआ। यह भी अनूपशहर के येस बैंक में संचालित पाया गया। यह सिम प्रेमपाल के द्वारा जारी की गई थी।

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