Cyber Fraud: साइबर ठगी हो तो तुरंत 1930 पर करें शिकायत, यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब
साइबर अपराध आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है। जालसाज नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। ऐसे में जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। आपके या किसी परिचित के साथ किसी भी तरह की साइबर ठगी हो तो तुरंत 1930 पर शिकायत करें। जानिए मध्य जिला साइबर सेल के थानाध्यक्ष संदीप पंवार से साइबर अपराध से जुड़े सवालों के जवाब।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। विश्व पटल पर आज सबसे बड़ा विषय बढ़ता साइबर अपराध है। जालसाज विश्व के किसी भी कोने में बैठकर लोगों को झांसे में लेकर ठगी कर रहे हैं। लोगों की जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई कुछ ही सेकंड में साफ हो रही है। नए-नए तरीके अपनाकर जालसाज लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं, जिससे आए दिन ठगी की खबरें सुनकर लोग चिंतित हैं।
जालसाजों के झांसे में आने से बचने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है, जिससे ऑनलाइन ठगी पर लगाम लगाई जा सकती है। साइबर अपराध पर लोगों से जुड़े सवालों को लेकर दैनिक जागरण के आइटीओ स्थित कार्यालय में प्रश्न प्रहर का आयोजन किया गया, जिसमें मध्य जिले के साइबर सेल के थानाध्यक्ष संदीप पंवार ने लोगों के साइबर अपराध से जुड़े सवालों के जवाब दिए। पेश हैं पाठकों की ओर से पूछे गए सवाल और अधिकारी की ओर से दिए गए जवाब...
लंबे समय से फेसबुक पर जानकार बनकर जालसाज पैसे मांग रहे हैं। ऐसे में क्या करना चाहिए? -राजीव, रोहिणी सेक्टर-24
आपके पास अगर फेसबुक पर इस तरह की कॉल या मैसेज आ रहे हैं तो तुरंत अपने फेसबुक फ्रेंड को ब्लाक करने के बजाय रिपोर्ट करिए। फेसबुक के तकनीशियन उसके आइपी एड्रेस का पता लगाकर उसे ब्लाक करेंगे। इसलिए ब्लाक करने के बजाय रिपोर्ट ऑप्शन पर क्लिक करें। इसके अलावा नजदीकी साइबर सेल में भी शिकायत कर सकते हैं।
अगर किसी के साथ साइबर ठगी हो जाए तो कहां शिकायत करें? -शिवेश, उत्तम नगर
अगर किसी के साथ साइबर ठगी हो जाती है तो तुरंत 1930 पर शिकायत करें। इससे आपकी ठगी की रकम को जालसाज के ट्रांसफर करने से पहले फ्रीज कर दिया जाता है।
गृहिणी होने के साथ ही ऑनलाइन लेन-देन भी करती हूं। पिछले दिनों जालसाजों को रुपये ट्रांसफर हो जाने से पुलिस ने 10 हजार रुपये फ्रीज कर दिए। अब पुलिस रकम डिफ्रीज नहीं कर रही है? -हेमा भाट, जनकपुरी
अगर आपकी रकम पुलिस की ओर से फ्रीज हो गई है तो उसे डिफ्रीज करने का अधिकार पुलिस के पास नहीं है। आप एक एप्लिकेशन लिखकर दो रुपये का स्टांप पेपर लगाकर कोर्ट में जमा करवाएं।
मोबाइल कंपनी फ्राड कॉल को खुद ब्लाक क्यों नहीं करती है? -हितेष शर्मा, समयपुर बादली
टेलीकाम कंपनियां इस पर काम कर रही हैं। अब इस तरह की कॉल में सस्पेक्टेड स्कैम लिखा आता है। संचार साथी डाट ओआरजी पर शिकायत करने पर फ्राड कॉल सर्विस बंद कर दी जाती हैं।
सोसायटियों में साइबर जागरूकता प्रोग्राम कराना है। इसके लिए किससे अनुमति लेनी होगी? - संजय चौधरी, द्वारका
सोसायटियों में साइबर जागरूकता को लेकर अभियान होते हैं। अगर आपको भी अपनी सोसायटी में जागरूकता अभियान कराना है तो आरडब्ल्यू के लेटर हेड पर रिक्वेस्ट कर सकते हैं। अपने जिले के साइबर सेल में भी बोल सकते हैं। जरूर साइबर एक्सपर्ट सोसायटी में लोगों को जागरूक करने पहुंचेंगे।
अगर किसी के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी हो जाती है तो सबसे पहले शिकायत पुलिस को दें या बैंक को? -जेलज चौधरी, द्वारका सेक्टर-17
किसी के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी हो जाती है तो सबसे पहले 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं। इसके अलावा नजदीकी जिले की साइबर सेल में जाकर भी शिकायत कर सकते हैं। इसके बाद बैंक में भी शिकायत दे दें और उसकी रिसीविंग भी लें लें।
एक परिचित महिला के साथ साइबर अपराध हुआ था। घटना के एक हफ्ते बाद भी एफआइआर दर्ज नहीं हुई। जालसाजों को डेटा कहां से मिलता है? -आकाश चौधरी, द्वारका
साइबर ठगी के मामलों में जांच अधिकतर बाहर की होती है। इसलिए पुलिसकर्मी काफी व्यस्त रहते हैं, जिसके चलते हो सकता है एफआईआर दर्ज कराने में देरी हो सकती है।
इसके अलावा विभिन्न बैंकों और डार्क वेब के जरिये जालसाजों को डेटा मिल जाता है। ठगी हो जाने के बाद तुरंत अपने खाते को डेबिट फ्रीज कराएं। अगर डेबिट फ्रीज करने के बाद भी अकाउंट से पैसा निकलता है तो बैंक आपको वह पैसा लौटाएगा। यह आरबीआइ की गाइडलाइंस है।
मोबाइल फोन से जितनी सहूलियत है यह उतना खतरनाक भी है, स्मार्टफोन की एप्स को कैसे सुरक्षित रखा जाए? -आकाश, उत्तम नगर
मोबाइल फोन आज के समय में सबसे जरूरी पार्ट है। यह बात सही है कि इससे जितनी सहूलियत है, यह उतना ही ज्यादा खतरनाक भी है। इसमें एप्स को सुरक्षित रखने के लिए स्ट्रांग पासवर्ड लगाकर रखें और फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और बैंकिंग से जुड़े एप को इस्तेमाल करने के बाद इसे लॉगऑउट जरूर कर दें।
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