Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    48 प्रतिशत मुस्लिम-10 प्रतिशत यादव... BJP के लिए आसान नहीं सपा के इस गढ़ को भेद पाना, BSP के लिए भी चुनौती बनी यह सीट

    Updated: Thu, 18 Apr 2024 12:42 PM (IST)

    ‘एमवाई’ समीकरण के कारण सपा का मजबूत गढ़ मानी जाने वाली संभल लोकसभा सीट की जागीर पाना भाजपा के लिए आसान नहीं है। 48 प्रतिशत मुस्लिम व 10 प्रतिशत यादव ब ...और पढ़ें

    Hero Image
    48 प्रतिशत मुस्लिम-10 प्रतिशत यादव... BJP के आसान नहीं सपा के इस गढ़ को भेद पाना

    विशेष संवाददाता, शोभित श्रीवास्तव। (Lok Sabha Election 2024) संभल ऐतिहासिक व पौराणिक दोनों ही दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सतयुग में इस स्थान का नाम सत्यव्रत, त्रेता में महदगिरि, द्वापर में पिंगल और कलियुग में संभल है। पौराणिक मान्यता है कि कलियुग में भगवान विष्णु के 10वें अवतार के रूप में कल्कि इसी संभल में प्रकट होंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मराठा की रानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा 18वीं शताब्दी में बनाया हुआ ऐतिहासिक कल्कि मंदिर यहां है। मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर के द्वारा बनवाई गई शाही जामा मस्जिद भी यहीं है।

    करीब 18.92 लाख मतदाताओं वाली संभल लोकसभा सीट में इस बार सपा के सांसद रहे शफीकुर्रहमान बर्क के निधन के बाद उनके पौत्र व कुंदरकी के विधायक जियाउर्रहमान बर्क को सपा ने उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाया है।

    भाजपा ने एक बार फिर से परमेश्वर लाल सैनी पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा है। वह 2019 का चुनाव 1.74 लाख मतों से शफीकुर्रहमान बर्क से हारे थे। बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी सौलत अली को टिकट दिया है। बसपा यह सीट 1996 (डीपी यादव) व 2009 (शफीकुर्रहमान बर्क) में जीत चुकी है।

    संभल लोकसभा सीट में जो पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं उनमें कुंदरकी, बिलारी, असमोली व संभल में सपा का कब्जा है जबकि चंदौसी सीट भाजपा के पास है। यहां से माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाबो देवी विधायक हैं। इस बार भी सपा की उम्मीदें एमवाई समीकरण पर टिकी हैं जबकि भाजपा मोदी-योगी के नाम व काम के सहारे कमल खिलाने में लगी है।

    दलित के साथ मुस्लिम वोटरों पर बसपा की नजर

    बसपा की नजर दलित के साथ मुस्लिम मतदाताओं पर है। असमोली कस्बे में सेनेटरी व्यवसायी मो. नासिम से चुनावी माहौल पर बात हुई तो वह बोले, ‘उनकी बिरादरी के वोट सपा को ही मिलेंगे। सांसद बर्क का इंतकाल हो गया है, अब उनके पोते को जिताएंगे।’

    दुकान पर ही बैठे महमूदनगर निवासी हासिम स्थानीय सपा विधायक पिंकी यादव के क्षेत्र में न आने से नाराज तो बहुत हैं, लेकिन वोट साइकिल को ही देने की बात करते हैं। कहते हैं कि ‘कोई भी पार्टी पूरी तरह ठीक नहीं है, सपा की सरकार बनती है तो घर-घर नेता बन जाते हैं और गुंडागर्दी करते हैं, जबकि भाजपा हिंदू व मुस्लिम के बीच दरार डालती है।’

    संभल से करीब 80 किलोमीटर दूर कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र के गांव भैसिया निवाही रहीस अहमद की नाराजगी अपने विधायक व सपा के सांसद प्रत्याशी जिहाउर्रहमान बर्क से है। कहते हैं कि ‘चुनाव जीतने के बाद विधायक ने पलटकर नहीं देखा। सपा ने टिकट गलत दिया है, लेकिन हमारी मजबूरी है उनको वोट देना।’ हफीजुर्रहमान व बजरुद्दीन भी सपा कांग्रेस के गठबंधन प्रत्याशी को ही वोट देने की सीधी बात करते हैं।

    संभल विधानसभा क्षेत्र में हैं 82 प्रतिशत मुस्लिम

    संभल संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें संभल में सबसे अधिक करीब 82 प्रतिशत मुस्लिम व 18 प्रतिशत हिंदू मतदाता हैं। यहां सांसद रहे शफीकुर्रहमान बर्क और इकबाल महमूद के परिवार में लंबे अरसे से अदावत चली आ रही है। दोनों ही एक-दूसरे का नुकसान पहुंचाने का कोई अवसर छोड़ते नहीं है। इकबाल महमूद संभल के सपा विधायक हैं।

    गैर यादव ओबीसी भाजपा के साथ

    संभल में गैर यादव ओबीसी भाजपा के साथ मजबूती से खड़ा है। असमोली विधानसभा क्षेत्र के कस्बा परियावली में स्टेशनरी की दुकान चलाने वाले निशांत कुमार माली हैं। वह कहते हैं ‘भाजपा ने गुंडागर्दी खत्म कर दी। पहले तो शटर काटकर चोरी हो जाती थी, अब दुकान खुली भी रह जाए तो भी किसी की हिम्मत सामान छूने की नहीं है।’

    भाजपा प्रत्याशी का नाम पूछने पर वह बोले ‘हमें तो बस मोदीजी की गारंटी पर पूरा भरोसा है। उन्हीं के नाम पर वोट देंगे।’

    धुरैटा निवासी वीरेश प्रजापति, दामोदर प्रजापति, पवासा निवासी श्रीपाल कश्यप व बाबूराम सैनी भी भाजपा को वोट देने की बात कहते हैं। हालांकि उनकी शिकायत है कि ‘सरकारी योजनाओं शौचालय व आवास का लाभ तभी मिलता है जब अधिकारियों को पैसे दिए जाते हैं।’

    चुनावी माहौल में सभी ने रखी अपनी बात

    असमोली में बूढ़े बाबा का मंदिर है जिसकी बहुत मान्यता है। इसके पास बैठे अजय शर्मा कुरेदने पर बोले, ‘इस सरकार में चोरी-चकारी, छिनैती, गुंडागर्दी सब खत्म हो चुका है, इसलिए हमारा वोट तो मोदी-योगी को ही जाएगा।’ पास खड़े खचेड़ू सिंह प्रजापति भी भाजपा का साथ देने की बात कहते हैं।

    जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित दुगावर गांव के जाटव समाज के लोग घर के आगे बैठे थे, उनसे चुनावी माहौल जानने की कोशिश की गई तो वे साफ बोले ‘कोई जीते-हारे हमारा वोट तो हाथी पर ही पड़ेगा। ऋषिराज सिंह, नितिन कुमार सिंह व छोटेलाल ने एक स्वर में कहा कि ‘उनके गांव में सपा विधायक ने कोई काम नहीं कराया। भाजपा सरकार से जो राशन मिलता है, उसमें भी कोटेदार उनका हक मार देता है।’

    बहुत अच्छी हो गई है कानून व्यवस्था

    संभल से 13 किलोमीटर पवासा गांव में क्षत्रियों की बस्ती है। यहां अभय पाल सिंह राघव व रूप कुमार राघव कहते हैं, ‘मोदी सरकार में बगैर भेदभाव के योजनाओं का लाभ मिल रहा है। कानून व्यवस्था बहुत अच्छी हो गई है। पहले तो दिनदहाड़े बहन-बेटियों से छेड़खानी हो जाती थी, अब रात में भी किसी की हिम्मत नहीं है।’

    संभल का जिला मुख्यालय बहजोई में है। यह चंदौसी विधानसभा क्षेत्र में आता है। कपड़ा व्यापारी पंकज कुमार कहते हैं ‘यहां तो बनिया बिरादरी बहुत अधिक है, उनका वोट भाजपा को ही जाएगा।’ बहजोई के नया बाजार में सर्राफ हृदयेश कुमार सरपंच कहते हैं, ‘हम लोगों का वोट तो भाजपा को जाएगा। बोले, कानून व्यवस्था बहुत अच्छी हो गई है, लेकिन बेसहारा पशुओं की समस्या हल करने में सरकार फेल है।’

    इसे भी पढ़ें: 60 लाख के गहने, बेटी का लंदन में अकाउंट...; कितनी संपत्ति की मालकिन हैं डिंपल यादव?