होली साल में एक दिन आती है और जुमा 52 बार, संभल में सीओ ने कहा- रंगों से परहेज तो घर से न निकलें
संभल के कोतवाली में गुरुवार को शांति समिति की बैठक आयोजित हुई जिसमें विभिन्न संप्रदायों के लोग शामिल हुए। सीओ अनुज चौधरी ने आपसी भाईचारे को बनाए रखने और त्योहारों को मिलजुलकर मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि होली प्रेम और खुशियों का पर्व है इसे सद्भाव के साथ मनाएं। किसी पर जबरन रंग न डालें और धार्मिक भावनाओं का सम्मान करें।
संवाद सहयोग, संभल। आगामी त्योहारों को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाने के लिए कोतवाली में शांति समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इसमें शहर के विभिन्न संप्रदाय के लोग मौजूद रहे। सीओ ने आपसी भाईचारे को बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि त्योहारों को मिलजुलकर मनाएं। अगर किसी ने माहौल खराब करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गुरवार को आयोजित बैठक में सीओ अनुज चौधरी ने कहा कि होली का पर्व साल में एक बार आता है, जबकि जुमा की नमाज साल में 52 बार होती है। ऐसे में अगर किसी को होली के रंगों से दिक्कत महसूस होती है तो वह उस दिन घर से न निकले और अगर निकले भी तो दिल बड़ा करके निकले। क्योंकि उस दिन सभी होली के रंग में रंगे हुए होते हैं।
त्योहार मिलजुलकर मनाने की अपील
उन्होंने कहा कि त्योहार मिलजुलकर मनाने से ही समाज में एकता बनी रहती है। उन्होंने दोनों संप्रदाय के लोगों से एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करने की अपील की। कहा कि जैसे मुसलमान ईद का बेसब्री से इंतजार करते हैं, वैसे ही हिंदू होली को लेकर उत्साहित रहते हैं।
हर त्योहार का उद्देश्य लोगों को जोड़ना और खुशियां बांटना होता है। उन्होंने कहा कि होली के दिन लोग रंग लगाकर, मिठाइयां बांटकर और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देकर खुशियां मनाते हैं। इसी तरह ईद के मौके पर खास व्यंजन बनाए जाते हैं और लोग गले मिलकर भाईचारे का संदेश देते हैं। कहा कि दोनों त्योहारों का सार प्रेम, एकता और आपसी सम्मान में निहित है।
जबरन रंग न लगाया जाए: सीओ
सीओ ने कहा कि किसी भी व्यक्ति पर जबरन रंग न लगाया जाए। अपील की है कि त्योहारों के दौरान ऐसा कोई भी कार्य न करें, जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों। यदि कोई भी व्यक्ति माहौल बिगाड़ने की कोशिश करता है या सांप्रदायिक सौहार्द को ठेस पहुंचाने का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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