HMPV वायरस से डरने की जरूरत नहीं, सिर्फ इन चीजों से करें परहेज... CMO ने बताया लक्षण और बचाव का तरीका
HMPV वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने लोगों से घबराने की बजाय सतर्कता बरतने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि यह वायरस बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा प्रभावित करता है। इसके लक्षण निमोनिया से मिलते-जुलते हैं लेकिन यह एक वायरल संक्रमण है। इसका कोई खास इलाज नहीं है लेकिन लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है।
संवाद सहयोगी, संभल। (HMPV Symptoms) मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने HMPV वायरस को लेकर कहा कि यह वायरस बच्चों में होने वाले निमोनिया का एक दूसरा रूप है। इसके लक्षणों और इलाज के बारे में जानकारी देकर घबराने के बजाय सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
कहा कि एचएमपीवी एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से छोटे बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। यह वायरस सांस लेने में तकलीफ, खांसी, बुखार और थकावट जैसे लक्षणों का कारण बनता है।
देश में तेजी से बढ़ रहे HMPV के मामले
दरअसल, ह्यूमन मेटानिमोवायरस (एचएमपीवी) ने भारत में दस्तक दे दी है। देश में इसके पांच मामले सामने आए हैं। कर्नाटक और तमिलनाडु में दो-दो और गुजरात में एक बच्चे में इसकी पुष्टि हुई है। एचएमपीवी को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. तरुण पाठक का कहना है कि यह एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और पहले से किसी अन्य बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को प्रभावित करता है।
बुखार, खांसी हैं इस वायरस के लक्षण
यह वायरस श्वसन तंत्र पर हमला करता है, जिसके कारण सांस लेने में कठिनाई, खांसी, बुखार, नाक बहना और कमजोरी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। सीएमओ ने बताया कि यह वायरस इंसान से इंसान में फैलता है, खासतौर पर तब जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है।
बताया कि एचएमपीवी के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। इसका इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है। बुखार कम करने के लिए पेरासिटामोल, खांसी के लिए कफ सिरप और सांस की समस्या के लिए आक्सीजन सपोर्ट की जरूरत हो सकती है।
सीएमओ ने कहा कि एचएमपीवी को निमोनिया का ही दूसरा रूप है, क्योंकि इसके लक्षण काफी हद तक निमोनिया जैसे होते हैं। हालांकि, यह वायरल संक्रमण है, इसलिए इसे उचित देखभाल और सतर्कता से रोका जा सकता है।इसमें घबराने की बजाय जागरूक रहने की जरूरत है। यह वायरस खतरनाक जरूर है, लेकिन समय पर इलाज और सतर्कता से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि किसी बच्चे या बुजुर्ग में इसके लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डाक्टर से सलाह लें।
यह हैं लक्षण
- सांस लेने में तकलीफ
- खांसी और लंबे समय तक नाक बंद होना
- बुखार और थकावट के साथ शरीर में कमजोरी महसूस होना
- सांस लेते समय घरघराहट आना।
ऐस करें बचाव
- साफ-सफाई का ध्यान रखें
- भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला पौष्टिक भोजन करें
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का उपयोग करें
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें
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