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    Hajj Yatra: सऊदी सरकार ने हज यात्रा के नियमों में फिर किया बड़ा बदलाव, एक कमरे में साथ नहीं रह सकेंगे ये लोग

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 04:20 PM (IST)

    सऊदी अरब सरकार ने हज यात्रा 2026 के लिए नए नियम जारी किए हैं जिसके अनुसार पति-पत्नी को हज यात्रा के दौरान एक ही कमरे में रहने की अनुमति नहीं होगी। महिला और पुरुष यात्रियों को अलग-अलग कमरों में ठहराया जाएगा और पुरुषों को महिलाओं के कमरों में जाने की अनुमति नहीं होगी। यह फैसला सऊदी सरकार ने लिया है।

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    हज यात्रा नियमों में बदलाव, एक कमरे में साथ नहीं रह सकेंगे पति पत्नी

    संवाद सूत्र, सरायतरीन। हज यात्रा के लिए सऊदी अरब सरकार हर वर्ष नियमों में बदलाव करती रहती हैं। पिछले वर्ष भी कई नए नियम बनाने के साथ कई में बदलाव किया गया था। वहीं अब सऊदी सरकार ने वर्ष 2026 की हज यात्रा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है, जिसमें अरब सरकार के नए नियमों के अनुसार इस बार हज यात्रा में पति और पत्नी यात्रा के दौरान एक साथ नहीं रह सकेंगे।

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    सऊदी अरब में इस बार हज यात्रा के दौरान पति पत्नी एक साथ एक ही कमरे में नहीं रह सकेंगे। जहां इस बार महिला और पुरुष आजमीन को अलग-अलग कमरों में ठहराया जाएगा। सऊदी अरब सरकार ने महिला और पुरुष हज यात्रियों को एक ही कमरे में ठहराए जाने की व्यवस्था इस बार खत्म कर दी है।

    पुरुषों को महिला आजमीन के कमरों में जाने की भी अनुमति नहीं होगी। देश भर से हर साल करीब पौने दो लाख हज यात्री सऊदी अरब रवाना होते हैं। वही प्रदेश से लगभग 40 हजार लोग हज को जाते है। मंडल भर से चार हजार के लगभग तो संभल जिले 542 लोग हज को गए थे।

    सऊदी अरब में हज यात्रियों को ठहराने के लिए हज कमेटी आफ इंडिया होटल व बिल्डिंग किराए पर लेती है। कमरों के साइज मुताबिक एक ही राज्य के महिला व पुरुष हज यात्रियों का ग्रुप बनाकर एक ही कमरे में ठहरने की व्यवस्था रहती है।

    जिला हज ट्रेनर मुहम्मद अली ने बताया कि हज कमेटी आफ इंडिया ने हज यात्रा 2026 के लिए नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें सऊदी अरब सरकार ने महिला और पुरुष हज यात्रियों को एक साथ एक ही कमरे में ठहराने की व्यवस्था खत्म कर दी है। सऊदी सरकार के नियम के मुताबिक पुरुष आजमीन को महिला आजमीन के कमरों में प्रवेश की भी अनुमति नहीं मिलेगी।

    अगल-बगल के कमरों में रह सकेंगे करीबी रिश्तेदार

    सरायतरीन : जिला हज ट्रेनर मुहम्मद अली ने बताया कि गाइडलाइन के मुताबिक एक शहर के हज यात्रियों को एक ही इमारत में ठहराए जाने को प्राथमिकता दी जाएगी। पति-पत्नी और करीबी रिश्तेदारों का कमरा अगल-बगल रखे जाने की बात कही गई है।

    ताकि जरूरत पड़ने पर एक दूसरे की मदद हो सके। उन्होंने बताया कि बगैर महरम कैटेगरी में जाने वाली महिलाएं एक साथ ठहराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से कई व्यवहारिक समस्याओं को देखते हुए हज कमेटी आफ इंडिया को पत्र भेजा जाएगा। हालांकि अंतिम निर्णय सऊदी अरब सरकार को ही लेना है।

    पिछले वर्ष अकेले भारतीय हज यात्रियों को एक साथ ठहराने की मिली थी छूट

    सरायतरीन : मुहम्मद अली ने बताया कि सऊदी अरब में दुनिया के तमाम देशों के महिला व पुरुष हज यात्री अलग-अलग कमरों में ठहराए जाते हैं। उन्होंने बताया कि भारत जाने वाले अधिकांश हज यात्री ज्यादा उम्र और कम पढ़े होते हैं, इसके मद्देनजर सऊदी हुकूमत ने सिर्फ भारतीय महिला व पुरुष यात्रियों को एक साथ एक ही कमरे में ठहरने और किचन की छूट दी थी।

    उन्होंने बताया कि कुछ लोगों की शिकायत थी कि एक कमरे में रहने से महिलाओं की बेपर्दगी होती है। उन्होंने बताया कि महिला और पुरुष हज यात्रियों को अलग-अलग कमरों में ठहराए जाने की कवायद बीते साल से चल रही है।

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