मौलाना तौकीर रजा के करीबी पार्षद के गैराज पर चला बुलडोजर, पैर में गोली मारकर पकड़ा गया उपद्रवी ताजिम
बरेली में उपद्रवी मौलाना तौकीर रजा के करीबियों पर कार्रवाई जारी है। बीडीए ने पार्षद उमान रजा के गैराज को ध्वस्त कर दिया और उनकी दुकानों को सील कर दिया। तौकीर के मददगार शराफत मियां के बरातघर को भी सील किया गया। पुलिस ने उपद्रवी ताजिम को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया और आईएमसी जिलाध्यक्ष समेत 16 अन्य को भी पकड़ा है।

जागरण संवाददाता, बरेली। उपद्रवी मौलाना तौकीर रजा को जेल में डालने के बाद उसके करीबियों की कमर तोड़ी जा रही है। मंगलवार को बीडीए (बरेली विकास प्राधिकरण) ने बुलडोजर चलाकर पार्षद उमान रजा का गैराज ध्वस्त कर दिया। उसकी दो नवनिर्मित दुकानें सील कर लीं। तीन वर्ष पहले शहर में हुए बवाल में तौकीर के मददगार शराफत मियां का हमसफर बरातघर भी सील कर दिया। पांच घंटे कार्रवाई के बाद प्राधिकरण की टीम लौट गई, इस बीच पुलिस की कार्रवाई भी जारी रही।
दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर उपद्रवी एवं गोतस्करी के आरोपित ताजिम को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। पैर में गोली लगने के बाद वह जान की भीख मांगता नजर आया। तौकीर के इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आइएमसी) के जिलाध्यक्ष शमशाद समेत 16 अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है। अब तक 79 की गिरफ्तारी हो चुकी है।
प्राधिकरण की टीम दोपहर को बानखाना मुहल्ले में फोर्स और बुलडोजर लेकर पहुंची थी। वहां तौकीर के बहनोई मोहसिन रजा के 600 वर्गगज के मकान पर कार्रवाई करनी की तैयारी थी। टीम देख मोहसिन कार्रवाई पर हाईकोर्ट का स्टे होने की बात कहकर नोकझोंक करने लगा। उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद प्राधिकरण के अधिकारी यह कहकर आगे बढ़ गए कि स्टे के दावे की सत्यता परखने के बाद कार्रवाई करेंगे। उसी मुहल्ले में पार्षद उमान रजा ने नाला व सड़क की 250 वर्गगज जमीन पर कब्जा कर गैराज एवं ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन बना लिया था। गैराज ढहाने और दुकानों की सीलिंग के दौरान बड़ी संख्या में फोर्स थी, ऐसे में पार्षद या उसके परिवार के लोग सामने नहीं आए। पुलिस को उमान के भी उपद्रव में शामिल होने की आशंका है, इसलिए विवेचना में नाम बढ़ाने की तैयारी है।
गहमागहमी के बीच वहां से निकली टीम ने दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर शराफत मियां का एक हजार वर्गगज में बना हमसफर बरातघर सील किया। बिना मानचित्र निर्माण होने के कारण पिछले वर्ष इसका ध्वस्तीकरण आदेश हो चुका है। अधिकारियों ने कहा कि अब इसका ध्वस्तीकरण करेंगे।
मकान खाली करो, गिराया जाएगा
कानपुर के 'आइ लव मोहम्मद' विवाद की आड़ में मौलाना तौकीर ने 26 सितंबर को उपद्रव कराया था। प्रदर्शन की पूर्व घोषणा करने के बाद वह पुलिस से बचने के लिए फाइक इन्क्लेव में संगठन के पूर्व जिलाध्यक्ष फरहत के घर छिपा था। वहीं शुक्रवार सुबह को भड़काऊ वीडियो भी प्रसारित किया। फरहत को जेल भेजने के बाद उसके मकान की जांच कराई गई तो बिना मानचित्र स्वीकृति निर्माण पाया गया। बीडीए ने मंगलवार को उसके घर नोटिस चस्पा कर दिया कि दो दिन के अंदर मकान खाली कर दें। इसके बाद ध्वस्त किया जाएगा।
पुलिस के अनुसार, फरहत वर्ष 2022 और 2024 में हुए सांप्रदायिक विवादों में शामिल था। इसके अलावा, तीन दिन पहले तौकीर के मददगार आरिफ का फाहम लान सील किया गया था, वहां प्रशासन की टीम पहुंची। निरीक्षण के बाद टीम लौट गई, वहां भी बुलडोजर चलाने की तैयारी है।
नफीस के बेटे ने बिगाड़ा माहौल, मुकदमे में नामजद
तौकीर का बेहद करीबी और संगठन का प्रवक्ता नफीस भी मुकदमे में नामजद है, मगर उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। मंगलवार को पुलिस ने नफीस के बेटे फरमान का नाम मुकदमे में शामिल कर लिया। भीड़ जुटाने, उपद्रव वाले दिन फेसबुक लाइव के बहाने माहौल बिगाड़ने में उसकी भूमिका पाई गई। अवैध निर्माण होते रहे, अफसरों आंख फेरे बैठे रहे सील किया गया हमसफर बरातघर 2023-2024 में बन गया था। उस समय बीडीए के उपाध्यक्ष जोगिंदर कुमार व सचिव योगेंद्र सिंह थे। निर्माण के समय प्राधिकरण के अधिकारी आंखें फेरकर बैठे रहे। बाद में हमसफर बरातघर का ध्वस्तीकरण आदेश हुआ, तब भी कागजी खानापूर्ति ही हुई।
जून 2024 में जोगिंदर कुमार के स्थानांतरण के बाद मणिकंडन ए उपाध्यक्ष बने। उन्होंने भी बरातघर के ध्वस्तीकरण में रुचि नहीं दिखाई। इसी तरह पार्षद उमान की दुकानों का काम भी चार महीने से चल रहा था, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब इन भवनों के मालिक उपद्रवी तौकीर रजा के करीबी निकले, प्रशासन ने जांच के आदेश दिए तब पुरानी फाइलें सामने आईं। मंगलवार को पहुंची टीम इन भवनों की सीलिंग कर लौट गई, यह कहते हुए कि दशहरा बाद ध्वस्त करने आएंगे।
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