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    DM-SP ने संभाली कमान तो पकड़ में आए सैकड़ों बिजली चोर, पांचों मस्जिदों पर चोरी में लगाया 38.25 लाख का जुर्माना

    संभल में बिजली चोरी के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया गया है। पिछले तीन महीनों में 1266 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 5.08 करोड़ से अधिक का मूल्यांकन बनाया गया है। इस कार्रवाई से क्षेत्र में बिजली आपूर्ति और ओवरलोड की समस्या में सुधार हुआ है। पुलिस प्रशासन के सहयोग से बिजली विभाग ने उन इलाकों में भी पहुंच बनाई है जहां पहले विरोध के कारण काम करना मुश्किल था।

    By Om Prakash Shankhdhar Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 15 Dec 2024 10:04 AM (IST)
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    Sambhal News: डीएम डॉक्टर राजेंद्र पैंसिया और एसपी के नेतृत्व में चलाया चेकिंग अभियान।

    जागरण संवाददाता, संभल। संभल तहसील के अंतर्गत शहर संभल में ऐसे कई मोहल्ला जिसमें बिजली विभाग की टीम चेकिंग अभियान चलाने से डरती थी। पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिलने और कई बार टीम के साथ हुई मारपीट से भय भी बना हुआ था लेकिन अब संभल की सुरक्षा मजबूत होने से माहौल बदला है।

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    बिजली विभाग की टीम लगातार घर-घर चेकिंग कर रही है, जिससे करीब 40 से 50 से प्रतिशत तक होने वाले लाइन के नुकसान को बचाया जाएगा। बिजली चोरी के मामले राजनीतिक रसूख रखने वाले लोग अव्वल रहे हैं। सर्वाधिक बिजली चोरी दीपा सराय व इसके आसपास की जा रही थी। कुछ पकड़ में आ गए, कुछ ने टीम की कार्रवाई देख अपने केबल समेट लिए। अभियान जारी रहेगा।

    बिजली चोरी पर प्रभावी कार्रवाई के संबंध में डीएम डॉक्टर राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि सितंबर से बिजली चोरी के खिलाफ चलाए गए विशेष अभियान के परिणामस्वरूप बड़ी सफलता मिली है। अभियान के तहत पिछले तीन महीनों में 1,266 एफआईआर दर्ज की गईं और कुल 5.08 करोड़ से अधिक का मूल्यांकन बनाया गया है। इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र में बिजली आपूर्ति और ओवरलोड की समस्या में सुधार हुआ है।

    विरोध के कारण काम करना था मुश्किल

    सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होने और पुलिस प्रशासन के सहयोग से बिजली विभाग ने उन इलाकों में भी पहुंच बनाई है, जहां पहले विरोध के कारण काम करना मुश्किल था। सितंबर के पहले सप्ताह में शुरू किए गए इस अभियान के दौरान छह एफआईआर दर्ज हुईं और 1.20 करोड़ रुपये का मूल्यांकन किया गया। अक्टूबर में कार्रवाई तेज हुई, जिसमें 326 एफआईआर दर्ज की गईं और 2.39 करोड़ का मूल्यांकन हुआ।

    नवंबर में रिकॉर्ड 689 एफआईआर दर्ज की गईं और 1.48 करोड़ रुपए का मूल्यांकन तैयार किया गया। डीएम ने बताया कि इन अभियानों से क्षेत्र में 40 एम्पीयर तक का बिजली लोड कम हुआ है, जिससे ओवरलोडिंग की समस्या से राहत मिली है।

    राजनीतिक दबाव में खुलेआम चोरी

    अहम बात यह है कि राजनीतिक दबाव में अभी तक संभल में खुलेआम चोरी की जा रही थी। संभल में चेकिंग करने का बिजली विभाग की टीमों का साहस नहीं होता था, लेकिन इस बार मौजूदा पुलिस व जिला प्रशासन सहयोग से चेकिंग की गई तो बड़ी मछलियां हाथ आने लगीं। इसमें बसपा सरकार में मंत्री रहे अकीलउर्रहमान खां के यहां बिजली चोरी पकड़ी गई थी, जिसमें करीब 65 हजार जुर्माना वसूूला गया था।

    इसके अगले ही दिन सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष के फिरोज खां के यहां छापा मारा गया तो बिना मीटर के ही उनके कार्यालय में बिजली का उपयोग कटिया डालकर किया जा रहा था। विभागीय अफसरों के मुताबिक वर्षो से चोरी की बिजली से एसी व अन्य उपकरण चलाए जा रहे थे। इन पर भी 54 लाख का जुर्माना विभाग की ओर से लगाया गया।

    बिजली चोरी रोकने को बिछाई जाएगी 20 किमी आर्मर्ड वायरिंग

    अधीक्षण अभियंता ने बताया कि बिजली चोरी को रोकने और लाइनलास कम करने के लिए 20 किमी आर्मर्ड वायरिंग बिछाई जाएगी। यह कदम चोरी की संभावना को कम करने के साथ-साथ ओवरलोडिंग से होने वाली समस्याओं को भी खत्म करेगा। उन्होंने बताया कि संभल तहसील में बिजली चोरी के कारण सरकार को हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था। यदि इस स्थिति को नियंत्रित कर लिया जाए, तो अकेले संभल तहसील में लगभग 15 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत की जा सकती है।

    उन्होंने यह भी बताया कि बिजली बकाया जमा करने पर उपभोक्ताओं को ब्याज में 80 प्रतिशत की छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि शनिवार को पांच मस्जिदों समेत 45 स्थानों पर बिजली चोरी पकड़ी गई है। हजारों मीटर केबल व अन्य सामान बरामद किया गया है।

    चेकिंग टीम के साथ कई बार हुईं मारपीट से बना भय के माहौल

    बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता नवीन गौतम ने बताया कि संभल में बिजली चोरी की समस्या लंबे समय से गंभीर थी। क्षेत्र में लाइन लॉस 42-50 प्रतिशत तक था, जिसमें सबसे अधिक चोरी दीपा सराय और आसपास के इलाकों में होती थी। चेकिंग टीमों को पहले इन इलाकों में भारी विरोध का सामना करना पड़ता था। कई बार तो चेकिंग टीमों को मारपीट के कारण वापस लौटना पड़ता था। हालांकि, सितंबर से पुलिस प्रशासन की ओर से पर्याप्त सुरक्षा मिलने के बाद इन क्षेत्रों में भी अभियान सफलतापूर्वक चलाए जा रहे हैं।

    पांच मस्जिदों पर लगाया जुर्माना

    शनिवार को शहर में बिजली चोरी के खिलाफ चलाए गए अभियान में जिन पांच मस्जिदों में बिजली चोरी पकड़ी गई उनपर 38.25 लाख का जुर्माना विभाग की ओर से लगाया गया है। इसके साथ ही मस्जिदों के जिम्मेदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

    प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार

    1. नखाशा मस्जिद में चेकिंग के दौरान 11.742 किलोवाट बिजली की चोरी पाई गई, जिसका मूल्यांकन करते हुए 12.25 लाख का जुर्माना तय किया गया।
    2. न्योरियो सराय वाली मस्जिद में 4.104 किलोवाट की चोरी पकड़ी गई, जिसका मुल्यांकन 4.28 लाख रुपये किया गया।
    3. गंज वाली मस्जिद में 7.902 किलोवाट बिजली चोरी पकड़ी गई, जिस पर 8.24 लाख रुपये का जुर्माना तय किया गया।
    4. मोहम्मदी वाली मस्जिद में 3.906 किलोवाट की चेारी मिलने पर 4.07 लाख का जुर्माना तय किया गया।
    5. मदरसा खग्गू सराय में 9.02 किलोवाट बिजली चोरी मिली जिस पर 9.41 लाख का जुर्माना तय किया गया। इस तरह केवल मस्जिदों पर ही 38.25 लाख का जुर्माना लगाया गया है।

    मार्च 2025 तक व्यापक सुधार का लक्ष्य

    संभल: डीएम ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में बिजली चोरी का आलम यह था कि एक-एक घर में पांच-पांच एयर कंडीशनर चल रहे थे और कई जगह अवैध फैक्ट्रियां संचालित हो रही थीं। उन्होंने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य है कि मार्च 2025 तक बिजली चोरी पर पूरी तरह से लगाम लगाई जाए और सभी क्षेत्रों में बेहतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी बताया कि ओवरलोडिंग की समस्या खत्म होने से बिजली आपूर्ति में सुधार होगा और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।

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