वक्फ संशोधन बिल पर विधायक ने जगदंबिका पाल पर कसा तंज, कहा- हम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ
विधायक इकबाल महमूद ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज की धरोहर वक्फ संपत्तियों से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ हस्तक्षेप या बदलाव बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह संपत्तियां मुस्लिम समाज की ऐतिहासिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता का प्रतीक हैं। इन संपत्तियों को मुस्लिम समाज के पूर्वजों ने अल्लाह के नाम पर वक्फ किया था।
जागरण संवाददाता, संभल। विधायक इकबाल महमूद ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर तंज कसा है। उन्होंने जेपीसी अध्यक्ष के पर्सनल ला बोर्ड के गुमराह करने के सवाल पर कहा कि हम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ हैं।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जहां तक समझने वाली बात है तो क्या पार्लियामेंट में बैठे लोग बेवकूफ हैं? कमेटी में शामिल लोग क्या बेवकूफ हैं? क्या जगदंबिका पाल ही इकलौते अक्लमंद थे। सो अन्य लोग नहीं समझ पा रहे हैं।
वक्फ संपत्तियों से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी: विधायक
शुक्रवार को जामा मस्जिद में अलविदा जुमा की नमाज के बाद उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पत्रकारों से बातचीत के दौरान विधायक ने कहा कि वक्फ की गई संपत्तियां मुस्लिम समाज की धरोहर हैं, जिन्हें न तो किसी से मांगा गया था और न ही छीना गया था।
उन्होंने कहा हमारी जायदाद हमारे बुजुर्गों ने अल्लाह के नाम पर वक्फ की थी। अगर सरकार यह साबित कर दे कि यह संपत्तियां किसी से छीनी गई थीं तो वे वापस ले लें, लेकिन यह दिखाना पड़ेगा कि यह उनकी कैसे हुई? उन्होंने आगे कहा कि वह इस मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के साथ खड़े हैं और वक्फ संपत्तियों से किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सरकार वक्फ संपत्तियों को लेकर मनमाने फैसले थोप रही
विधायक ने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियों को लेकर मनमाने फैसले थोप रही है और मुस्लिम समाज की धार्मिक एवं ऐतिहासिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रही है। अलविदा जुमा की नमाज पर सड़कों पर नमाज अदा करने के आयोजन को लेकर भी विधायक ने सवाल उठाए।
कहा कि जो प्रशासन ने करना चाहा, वह किया। नमाज तो हमने पढ़ी, लेकिन यह अल्लाह जाने कि वह ठीक रही या नहीं। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को नोटिस दिए जाने के सवाल पर कहा कि सरकार जिसको जो करना है, वह कर रही है। उन्होंने कहा कि हम जितना हो सकता है, सहयोग कर रहे हैं, लेकिन हमें हमारे अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता।
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