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    नोटों की बारिश करवाने की गारंटी… दो मुंह वाले सांप के नाम पर गंदा खेल, पुलिस ने पकड़ा 'धन-वर्षा तांत्रिक गिरोह'

    Updated: Fri, 28 Mar 2025 10:09 PM (IST)

    संभल पुलिस ने धन-वर्षा तांत्रिक ठगी वाले अंतरराज्यीय गिरोह के 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह नोटों की बारिश का लालच देकर लोगों को ठगता था और तांत्रिक क्रिया के बहाने महिलाओं व युवतियों का शोषण करता था। पुलिस ने गिरोह से तांत्रिक सामग्री मोबाइल फोन एक दुर्लभ कछुआ और अवैध हथियार बरामद किए हैं। आगे की जांच की जा रही है।

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    संभल धन वर्षा तांत्रिक गिरोह का राजफाश करते एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई, एएसपी अनुकृति शर्मा तथा सीओ। जागरण

    जागरण संवाददाता, संभल। जिले के थाना धनारी पुलिस ने धन-वर्षा तांत्रिक ठगी वाले अंतरराज्यीय गिरोह के 14 सदस्यों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। ये अपराधी नोटों की बारिश का लालच देकर लोगों को ठगते थे और तांत्रिक क्रिया के बहाने महिलाओं व युवतियों का शोषण करते थे। 

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    पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई, अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी अनुकृति शर्मा ने पर्दाफाश किया है। गिरोह के कब्जे से तांत्रिक सामग्री, मोबाइल फोन, एक दुर्लभ कछुआ और अवैध हथियार बरामद हुए हैं।

    यह है पूरा मामला

    एसपी के के अनुसार, यह मामला 21 मार्च 2025 को तब उजागर हुआ जब धनारी थाना क्षेत्र के गांव बमनपुरी के राजपाल ने थाना धनारी में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने बताया था कि 11 मार्च को गांव का लाखन सिंह, रिंकू यादव, अजय और दुर्जन उसे किसी अन्य बहाने से खेत से बाइक पर बैठाकर ले गए। 

    तांत्रिक क्रिया के बहाने बहला-फुसलाकर एटा और फिर आगरा ले गए, जहां उसके हाथ-पैर बांधकर उसे मारने का प्रयास किया गया। वह किसी तरह बचकर भाग निकला और दो दिन बाद घर पहुंचा। 

    पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की तो गिरोह का पूरा नेटवर्क सामने आया, जो अंतरराज्यीय स्तर पर संचालित था। गिरोह दुर्लभ कछुओं, दो मुंह वाले सांपों, उल्लुओं और विशेष सीरियल नंबर के नोटों को तांत्रिक अनुष्ठानों के लिए उपयोगी बताकर बेचता था। 

    इसके अलावा, यह निर्धन परिवारों की लड़कियों को झूठे प्रलोभन देकर शारीरिक शोषण करता था। गिरोह कोड भाषा में इन महिलाओं को ‘टीटी’ या ‘आर्टिकल’ कहता था और तांत्रिक क्रिया के बहाने उनका शोषण करता था। 

    गिरोह के प्रमुख सदस्यों में रिंकू, अजय, दुर्जन, संतोष, राघवेंद्र, रघुवीर, आकाश, कप्तान, संजय, डीएन त्रिपाठी, जयप्रकाश, सोनू, लाल सिंह और पप्पू शामिल हैं। इन पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, आईटी एक्ट और आर्म्स एक्ट सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। 

    पुलिस की जांच में गिरोह के सदस्यों के मोबाइल से तांत्रिक क्रियाओं से जुड़े कई वीडियो, महिलाओं के फोटो और आडियो रिकार्डिंग बरामद हुए हैं।

    आगरा, फिरोजाबाद, एटा में फैला था ठगी का नेटवर्क

    इस गिरोह का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के कई जिलों में फैला था। गिरोह धन-वर्षा तांत्रिक क्रिया का झांसा देकर लोगों को ठगता था और गरीब परिवारों की महिलाओं व लड़कियों का शारीरिक शोषण करता था। 

    गिरोह के सदस्य ‘गुरु’ और ‘कारीगर’ के नाम से तांत्रिक बनकर भोले-भाले लोगों को फंसाते थे। वे किसी विशेष वस्तु जैसे 20 नख वाले कछुए, दो मुंह वाले सांप, उल्लू, विशेष सीरियल नंबर के नोट और सिक्कों को दुर्लभ बताते और उन्हें ऊँची कीमतों पर बेचते थे। 

    गिरोह में लड़कियों पर तांत्रिक क्रिया का ढोंग रचाकर यौन शोषण किया जाता था। पुलिस ने गिरोह के सदस्यों से मोबाइल, हथियार और दुर्लभ वन्य जीव बरामद किए हैं। गिरोह की गतिविधियों के वीडियो और ऑडियो भी पुलिस को मिले हैं, जिससे उनके अपराधों की पुष्टि हुई है।

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