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    चंदौसी में बंदरों का आतंक खत्म करने के लिए बड़ा अभियान शुरू, पहले दिन 117 पकड़े गए

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 01:29 PM (IST)

    चंदौसी नगर पालिका ने बंदरों के आतंक से निपटने के लिए अभियान शुरू किया है। पहले दिन रेलवे कॉलोनी से 117 बंदर पकड़े गए। मथुरा की दिलशाद मंकी केचर संस्था ...और पढ़ें

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    पकड़े गए बंदर।

    जागरण संवाददाता, चंदौसी। नगर में लगातार बढ़ रही बंदरों की संख्या और उनके आतंक से परेशान नागरिकों को राहत दिलाने के लिए नगर पालिका परिषद ने शुक्रवार से बंदर पकड़ो अभियान शुरू कर दिया। लंबे समय से लोग रेलवे स्टेशन, रोडवेज, सरकारी अस्पताल, रिहायशी इलाकों और बाजारों में बंदरों के हमलों व उत्पात से निजात दिलाने की मांग कर रहे थे। शासनादेश जारी होने के बाद नगर पालिका को सार्वजनिक स्थलों को बंदरों और आवारा कुत्तों से मुक्त कराने के निर्देश मिले थे।

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    रेलवे कॉलोनी से शुरू हुआ अभियान

    इसी क्रम में नगर पालिका परिषद की ओर से मथुरा स्थित दिलशाद मंकी केचर संस्था को जिम्मेदारी सौंपी गई। शुक्रवार को अभियान की शुरुआत रेलवे कालोनी से की गई, जहां संस्था के कर्मचारी सोहेल समेत अन्य कर्मियों ने पिंजरे लगाकर बंदरों को पकड़ना शुरू किया। पहले ही दिन अभियान के तहत कुल 117 बंदर पकड़े गए, जिससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली।

    पूरे नगर में चलेगा अभियान

    नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी धर्मराज राम ने बताया कि अभियान को चरणबद्ध तरीके से पूरे नगर में चलाया जाएगा। जिन इलाकों से सबसे अधिक शिकायतें मिल रही हैं, उन्हें प्राथमिकता में रखा गया है। उन्होंने बताया कि पकड़े गए बंदरों को नगर से दूर गंगा किनारे स्थित जंगल क्षेत्र में सुरक्षित रूप से छोड़ा जाएगा, ताकि वे दोबारा नगर क्षेत्र में वापस न आ सकें।

    सभी नियमों का पालन

    अधिशासी अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि अभियान के दौरान पशु क्रूरता से संबंधित सभी नियमों का पालन किया जा रहा है। नगर पालिका का उद्देश्य बंदरों को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और सार्वजनिक स्थलों को सुरक्षित बनाना है।

    स्थानीय लोगों ने अभियान शुरू होने पर नगर पालिका के इस कदम का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में बंदरों के आतंक से स्था राहत मिलेगी।


    वीआरआ में हुआ बंदर का पोस्टमार्टम

    चंदौसी। दो दिन पहले आटा गांव में हुई बंदर के मौत के बाद पशु पालन विभाग और वन विभाग की टीम शुक्रवार को शव को बरेली आइवीआरआइ ले गई। जहां उसका पोस्टमार्टम किया गया है। सीवीओ डॉक्टर शैलेंद्र सिंह ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम हो गया है। करीब 12 दिन बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी जिसके बाद उनकी मौत का सही कारण सामने आ सकेगा। जो भी तथ्य रिपोर्ट में आएंगे उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।