मृतक व गंभीर रोगियों का बीमा करने वाले गिरोह के खुले राज, बुलंदशहर की बैंक से फर्जी क्लेम पर करोड़ों की रकम का भुगतान
Sambhal News बुलंदशहर की एक बैंक शाखा से करोड़ों रुपये के फर्जी क्लेम का भुगतान किया गया। मृतक और गंभीर रोगियों का बीमा कराकर उनके नाम पर क्लेम हड़पा जा रहा था। बैंक खाते किसी और के फोटो और मोबाइल नंबर से खोले गए थे। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच जारी है।

जागरण संवाददाता, संभल। मृतक और गंभीर रोगियों का बीमा कराकर क्लेम हड़पने का मामला परत दर परत सामने आ रहा है। अनूपशहर (बुलंदशहर) की एक बैंक शाखा संदेह के दायरे में है। इसी शाखा से करोड़ों का लेनदेन किया गया है। पता चला है कि किसी अन्य के फोटो और मोबाइल नंबर के आधार पर बैंक खाते खोले गए। केवाइसी में भी गड़बड़ी मिली है।
इस बीच शनिवार को राजू गिरी की ओर से भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। उनका आरोप है कि बैंक से ऋण दिलाने के नाम पर दो लोगों ने उनसे आधार, पैन कार्ड और फोटो लिए थे। जबकि, आधार कार्ड से सिम लेकर क्लेम हड़पने वाले गिरोह ने उसका इस्तेमाल किया। इससे पहले चार अन्य लोगों ने भी प्राथमिकी दर्ज कराई हैं।
एएसपी अनुकृति शर्मा ने दी जानकारी
एएसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि पूरे गिरोह के बारे में जानकारी की जा रही है। पुलिस ने 18 जनवरी को बीमा पालिसी के नाम पर क्लेम की रकम हड़पने वाले गिरोह का राजफाश कर वाराणसी के ओंकारेश्वर मिश्रा व संभल के अमित को गिरफ्तार किया था। इनके पास से 20 डेबिट कार्ड व 11.45 लाख की नकदी भी बरामद की थी। गिरोह उत्तर प्रदेश के अलावा, उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, असम, दिल्ली, राजस्थान व मध्यप्रदेश राज्यों में फर्जीवाड़ा कर रहा है। इनकी निशानदेही पर एक और आरोपित सूरजपाल को गिरफ्तार किया गया, 20 से अधिक लोगों की तलाश की जा रही है।
गांव-गांव में फैले इस गिरोह के सदस्य
आशा कार्यकताओं और अन्य स्रोत से ऐसे लोगों के बारे में जानकारी करते हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है या मरणासन्न गंभीर रोगी हों। इनके स्वजन को कुछ रकम दिलवाने का लालच देकर बीमा किया जाता है। साठगांठ कर बीमा कंपनियों से औपचारिकताएं पूरी करा ली जाती थीं। कथित बीमाधारक की मृत्यु होने पर क्लेम के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान ले लिया जाता था। खाताधारक का डेबिट कार्ड गिरोह के सदस्य अपने पास रखते थे।
अनूपशहर की बैंक शाखा की लिप्पता सामने
पुलिस सूत्रों के मुताबिक भुगतान और बीमाधारकों के खातों की जांच में अनूपशहर की बैंक शाखा की लिप्तता सामने आई है। शाखा में ऐसे खाते भी मिले हैं, जिनमें नाम किसी का है और फोटो किसी और का। मोबाइल नंबर तो अधिकांश में गलत है। हालांकि, बैंक की ओर से केवाइसी में यह मामले पकड़ने चाहिए थे, लेकिन इन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।
काले धन को सफेद करने का भी मामला
पुलिस को ट्रैक्टर एजेंसी के द्वारा काले धन को भी सफेद करने की जानकारी मिली है। क्लेम की काफी रकम बबराला (संभल) की एक ट्रैक्टर एजेंसी के खाते में ट्रांसफर की गई है। एक खाता नोएडा के धारा सिंह के नाम से मिला है। जबकि, पुलिस को इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला है। इसके खाते से भी रकम एजेंसी को दी गई है। एजेंसी से ट्रैक्टर लिए गए हैं। पता चला है कि नकद भुगतान कर ट्रैक्टर खरीदे गए, उनके नाम से ऋण भी बैंकों से लिया गया है।
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