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    घर बनवाने में जेब पर बोझ बढ़ा: एडीए ने लागू किए विकास और भवन परमिट शुल्क, महंगा हुआ ADA से नक्शा स्वीकृत कराना

    Updated: Sun, 09 Feb 2025 07:49 AM (IST)

    Agra News आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने भवन और कालोनी के मानचित्र स्वीकृति के लिए विकास परमिट शुल्क और भवन परमिट शुल्क लागू कर दिया है। अब तक एडीए ये शुल्क नहीं ले रहा था लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब इन्हें लागू कर दिया गया है। विकास परमिट शुल्क 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर और भवन परमिट शुल्क 20 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगा।

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    Agra News: आगरा विकास प्राधिकरण का ऑफिस।

    जागरण संवाददाता, आगरा। Agra News: एडीए से भवन या कालोनी का मानचित्र स्वीकृत कराना महंगा हो गया है। एडीए अब तक विकास परमिट फीस और भवन परमिट फीस नहीं ले रहा था। अब मानचित्र स्वीकृत कराने को यह शुल्क अदा करना होगा।

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    भवन निर्माण उपविधि में विकास परमिट फीस और भवन परमिट फीस शामिल थे, लेकिन हाईकोर्ट की रोक के चलते एडीए यह दोनों शुल्क नहीं ले पा रहा था। इसके चलते बिना फीस के मानचित्र स्वीकृत किए जा रहे थे।

    अब प्रदेश सरकार ने निरीक्षण शुल्क का नियम बिना दिया है। इसकी अधिसूचना जारी होने के बाद एडीए भी अब मानचित्र स्वीकृत करने के लिए दोनों फीस लेगा। विकास परमिट को निरीक्षण फीस की दर 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर और भवन परमिट को निरीक्षण परमिट की दर 20 रुपये प्रति मीटर रहेगी।

    नगर नियोजक प्रोभात कुमार पाल ने बताया कि, विकास परमिट फीस, भवन परमिट फीस और निरीक्षण फीस की दर का शासनादेश लागू होने के बाद उसे लागू कर दिया गया है।

    विकास परमिट फीस (हेक्टेअर में), शुल्क (रुपये में)

    • एक हेक्टेअर भूमि, 10,000
    • 2.5 हेक्टेअर भूमि, 20,000
    • पांच हेक्टेअर भूमि, 30,000
    • पांच हेक्टेअर से अधिक भूमि, 30,000
    • (इसके अतिरिक्त प्रत्येक पांच हेक्टेयर या उसके भाग पर 15,000 रुपये)

    भवन परमिट फीस

    1. भू उपयोग, रुपये (प्रति वर्ग मीटर)
    2. वाणिज्यिक, शापिंग माल, मल्टीप्लेक्स आदि, 30
    3. समूह आवास, 15
    4. भूखंड आवासीय या अन्य उपयोग, पांच

    फतेहाबाद रोड पर साढ़े 10 करोड़ रुपये की सरकारी भूमि कब्जा मुक्त

    फतेहाबाद रोड स्थित साढ़े 10 करोड़ रुपये की सरकारी भूमि को कब्जामुक्त करा लिया गया है। मौजा बसई मुस्तकिल के खसरा नंबर 673 में 700 गज भूमि मरघट के नाम अंकित है। भूमि पर अमरपाल सिंह ने कब्जा कर लिया था। शनिवार को तहसील सदर प्रशासन की टीम ने जेसीबी से कब्जे को ध्वस्त कर दिया। दैनिक जागरण ने छह फरवरी को फतेहाबाद रोड पर करोड़ों रुपये की सरकारी भूमि पर कब्जा की खबर प्रकाशित की थी। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी के आदेश पर जांच हुई।

    700 गज है सरकारी भूमि

    जांच में मामला खुलकर सामने आ गया। शुक्रवार को तहसील सदर और नगर निगम की टीम ने कुछ कब्जा हटाया था। शनिवार को तहसील सदर की टीम फिर से पहुंची। मौजा बसई मुस्तकिल के खसरा नंबर 673 में 700 गज भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया। जेसीबी से दुकानों और गेट को हटा दिया गया। अमरपाल सिंह को चेतावनी दी गई। एक घंटे से अधिक चली कार्रवाई पर आसपास के दुकानदार जुट गए।

    एसडीएम सदर सचिन राजपूत ने बताया कि सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त करा लिया गया है। सरकारी भूमि 700 गज है।

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